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कैश बैक मिलने की कॉल आते ही न हों खुश, साइबर ठग खाली कर सकते हैं बैंक अकाउंट

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Published : Mar 18, 2023, 4:20 PM IST

राजधानी समेत कई शहरों में साइबर ठग लोगों काे ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं. जरा सी लापरवाही लोगों काे बड़ा नुकसान पहुंचा रही है.

साइबर एक्सपर्ट ने सावधानी बरतने की सलाह दी है.Etv Bharat
साइबर एक्सपर्ट ने सावधानी बरतने की सलाह दी है.Etv Bharat
साइबर एक्सपर्ट ने सावधानी बरतने की सलाह दी है.

लखनऊ : राजधानी के कृष्णानगर इलाके की रहने वाली महिला के पास एक कॉल आई. फोन करने वाले ने खुद को एक यूपीआई कंपनी का प्रतिनिधि बताया. उसने मोनिका काे कैश बैक मिलने की जानकारी दी. कॉल करने वाले के झांसे में आकर मोनिका ने ओटीपी शेयर कर दिया. इसके बाद उसके खाते से 26 हजार रुपए उड़ गए. साइबर जालसाज कैश बैक का लालच देकर नए तरीके से लोगों काे ठगने का काम कर रहे हैं.

1100 कैशबैक के चलते उड़ गए 26 हजार : कृष्णानगर की रहने वाली एक गृहणी के साथ 26000 की ठगी हुई है. पीड़िता के मुताबिक, 8 मार्च को उनके मोबाइल नंबर में अनजान नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को एक यूपीआई कंपनी का प्रतिनिधि बताया और उन्हें 1100 रुपए कैशबेक ऑफर मिलने की जानकारी दी. जिसके बाद कॉल करने वाले ने पीड़िता से ओटीपी पूछा. पीड़िता ने कैश बैक मिलने के उत्साह में ओटीपी कॉल करने वाले जालसाज को बता दिया. जिसके बाद 1100 मिलने के बजाय उनके बैंक अकाउंट से 1100 रुपये तत्काल कट गए और फिर कई बार में 24900 रुपए कट गए. जिसके बाद पीड़िता को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ जिसकी शिकायत उन्होंने साइबर सेल में की है.

प्रोमो कोड की आड़ में ठग ने उड़ाए 63 हजार : औरैया जिले के मेडिकल स्टोर संचालक के पास 23 फरवरी को एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने बताया कि उनके द्वारा उन्हें 2100 रुपये का कैश बैक दिया जा रहा है. कॉल करने वाले ने पीड़ित को बताया कि वह कैश बैक अपने खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें एक प्रोमो कोड फिल करना होगा, जिसमें उन्हें 12345 भरना होगा. कॉल करने वाले द्वारा उन्हें बताया गया कि उन्हें एक फाइल भेजी जा रही है. इसे ओपन कर उसमें यूपीआई आईडी सेलेक्ट करना होगा. पीड़ित ने ऐसा ही किया. इसके बाद उसको मोबाइल में पे करने का ऑप्शन आया. ठग के कहने पर पीड़ित ने पे का ऑप्शन दबा दिया. इसके बाद उनके खाते से 63,770 रुपये निकल गए.

कैसे जालसाजी से बचें और कहां करे शिकायत : साइबर सेल लखनऊ के प्रभारी सतीश साहू के मुताबिक, ऑनलाइन पेमेंट एप का इस्तेमाल करते समय ऑफर मैसेज से बचना चाहिए. उन्होंने बताया कि कैश बैक ऑफर को लेकर बैंक से किसी भी तरह का फोन नहीं किया जाता है. किसी भी अनजान व्यक्ति को खाते से जुड़ी हुई कोई जानकारी न दें, साथ ही कैश बैक को लेकर किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. साइबर सेल प्रभारी बताते है कि, अगर आप ऐसे ही किसी तरह साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो तुरंत 1930 पर कॉल कीजिए, 1930 एक डेडिकेटेड कॉल सेंटर बना हुआ है. यहां आप कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे ताे सूचना के आधार पर पीड़ित के संबंधित बैंक को सूचना चली जाएगी. इसके बाद तुरंत पेमेंट ब्लॉक हो जाएगा. पीड़ित cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यहां अपनी शिकायत रजिस्टर कराइए और रजिस्टर कराने के बाद उसकी पीडीएफ फाइल लेकर सीधे थाने पर दे सकते हैं.
तीसरा ऑप्शन ये है कि राज्य में 18 साइबर क्राइम थाने हैं. वहां जाकर अपना मुकदमा दर्ज करा सकते हैं.

साइबर जालसाजों को लास्ट पेमेंट की होती है जानकारी : साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे बताते हैं कि कैश बैक के नाम पर जालसाजी करने वाले साइबर अपराधी इतने शातिर हैं कि इन्हें मालूम होता है कि जिसे ये ठगने वाले हैं, उन्होंने कहां यूपीआई से पेमेंट किया है. इसका फायदा उठाकर ये लोगों को कॉल या मैसेज करते हैं कि उन्हें कैश बैक मिल रहा है. अमित कहते हैं कि लोगों को ये समझना होगा कि किसी को पैसे किसी के खाते में डालने के लिए रिसीवर के एक्शन की जरूरत नहीं होती है. ऐसे में जब कोई पैसे डालने के लिए आप को यूपीआई एप में कोई भी प्रतिक्रिया करने के लिए कहे तो ऐसा न करें. दूसरा कैशबैक के लिए न ही कॉल की जाती है और न ही कोई वाट्सएप या एसएमएस आता है. कैशबैक यूपीआई एप में ही आता है और उसे एप रिडीम कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें : न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने कहा-सिद्धांतों पर चलें, मेहनत से सीखते हुए एक्सीलेंस प्राप्त करें

साइबर एक्सपर्ट ने सावधानी बरतने की सलाह दी है.

लखनऊ : राजधानी के कृष्णानगर इलाके की रहने वाली महिला के पास एक कॉल आई. फोन करने वाले ने खुद को एक यूपीआई कंपनी का प्रतिनिधि बताया. उसने मोनिका काे कैश बैक मिलने की जानकारी दी. कॉल करने वाले के झांसे में आकर मोनिका ने ओटीपी शेयर कर दिया. इसके बाद उसके खाते से 26 हजार रुपए उड़ गए. साइबर जालसाज कैश बैक का लालच देकर नए तरीके से लोगों काे ठगने का काम कर रहे हैं.

1100 कैशबैक के चलते उड़ गए 26 हजार : कृष्णानगर की रहने वाली एक गृहणी के साथ 26000 की ठगी हुई है. पीड़िता के मुताबिक, 8 मार्च को उनके मोबाइल नंबर में अनजान नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को एक यूपीआई कंपनी का प्रतिनिधि बताया और उन्हें 1100 रुपए कैशबेक ऑफर मिलने की जानकारी दी. जिसके बाद कॉल करने वाले ने पीड़िता से ओटीपी पूछा. पीड़िता ने कैश बैक मिलने के उत्साह में ओटीपी कॉल करने वाले जालसाज को बता दिया. जिसके बाद 1100 मिलने के बजाय उनके बैंक अकाउंट से 1100 रुपये तत्काल कट गए और फिर कई बार में 24900 रुपए कट गए. जिसके बाद पीड़िता को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ जिसकी शिकायत उन्होंने साइबर सेल में की है.

प्रोमो कोड की आड़ में ठग ने उड़ाए 63 हजार : औरैया जिले के मेडिकल स्टोर संचालक के पास 23 फरवरी को एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने बताया कि उनके द्वारा उन्हें 2100 रुपये का कैश बैक दिया जा रहा है. कॉल करने वाले ने पीड़ित को बताया कि वह कैश बैक अपने खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें एक प्रोमो कोड फिल करना होगा, जिसमें उन्हें 12345 भरना होगा. कॉल करने वाले द्वारा उन्हें बताया गया कि उन्हें एक फाइल भेजी जा रही है. इसे ओपन कर उसमें यूपीआई आईडी सेलेक्ट करना होगा. पीड़ित ने ऐसा ही किया. इसके बाद उसको मोबाइल में पे करने का ऑप्शन आया. ठग के कहने पर पीड़ित ने पे का ऑप्शन दबा दिया. इसके बाद उनके खाते से 63,770 रुपये निकल गए.

कैसे जालसाजी से बचें और कहां करे शिकायत : साइबर सेल लखनऊ के प्रभारी सतीश साहू के मुताबिक, ऑनलाइन पेमेंट एप का इस्तेमाल करते समय ऑफर मैसेज से बचना चाहिए. उन्होंने बताया कि कैश बैक ऑफर को लेकर बैंक से किसी भी तरह का फोन नहीं किया जाता है. किसी भी अनजान व्यक्ति को खाते से जुड़ी हुई कोई जानकारी न दें, साथ ही कैश बैक को लेकर किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. साइबर सेल प्रभारी बताते है कि, अगर आप ऐसे ही किसी तरह साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो तुरंत 1930 पर कॉल कीजिए, 1930 एक डेडिकेटेड कॉल सेंटर बना हुआ है. यहां आप कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे ताे सूचना के आधार पर पीड़ित के संबंधित बैंक को सूचना चली जाएगी. इसके बाद तुरंत पेमेंट ब्लॉक हो जाएगा. पीड़ित cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यहां अपनी शिकायत रजिस्टर कराइए और रजिस्टर कराने के बाद उसकी पीडीएफ फाइल लेकर सीधे थाने पर दे सकते हैं.
तीसरा ऑप्शन ये है कि राज्य में 18 साइबर क्राइम थाने हैं. वहां जाकर अपना मुकदमा दर्ज करा सकते हैं.

साइबर जालसाजों को लास्ट पेमेंट की होती है जानकारी : साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे बताते हैं कि कैश बैक के नाम पर जालसाजी करने वाले साइबर अपराधी इतने शातिर हैं कि इन्हें मालूम होता है कि जिसे ये ठगने वाले हैं, उन्होंने कहां यूपीआई से पेमेंट किया है. इसका फायदा उठाकर ये लोगों को कॉल या मैसेज करते हैं कि उन्हें कैश बैक मिल रहा है. अमित कहते हैं कि लोगों को ये समझना होगा कि किसी को पैसे किसी के खाते में डालने के लिए रिसीवर के एक्शन की जरूरत नहीं होती है. ऐसे में जब कोई पैसे डालने के लिए आप को यूपीआई एप में कोई भी प्रतिक्रिया करने के लिए कहे तो ऐसा न करें. दूसरा कैशबैक के लिए न ही कॉल की जाती है और न ही कोई वाट्सएप या एसएमएस आता है. कैशबैक यूपीआई एप में ही आता है और उसे एप रिडीम कर सकते हैं.

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