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पेट के बल लेटना कोरोना संक्रमितों के लिए फायदेमंद, सही से काम करेंगे फेफड़े

प्रदेश में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तमाम दवाओं के साथ ही देशी उपाय भी अपनाए जा रहे हैं. वहीं अब डॉक्टरों ने बताया है कि पेट के बल लेटने से भी कोरोना मरीजों को फायदा मिलेगा. डॉक्टरों का कहना है कि प्रोन वेंटिलेशन नाम की इस तकनीक में पेट के बल लेटने से फेफड़े सही से काम करते हैं.

पेट के बल लेटना कोरोना संक्रमितों के लिए फायदेमंद
पेट के बल लेटना कोरोना संक्रमितों के लिए फायदेमंद
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Published : Aug 5, 2020, 10:26 PM IST

लखनऊ: देश सहित विश्व भर में लोग कोरोना महामारी के चलते परेशान हैं. कोरोना से बचाव को लेकर लोग अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लगे हैं. इसके लिए लोग तरह-तरह के उपाय भी अपना रहे हैं. कोई काढ़ा पी रहा है तो कोई योग कर इससे बचाव में लगा है. इसी क्रम में अब एक नया उपाय सामने आया है. बताया जा रहा है कि पेट के बल लेटना कोरोना संक्रमितों के लिए फायदेमंद होगा. डॉक्टरों के मुताबिक पेट के बल लेटने से फेफड़े सही ठीक से काम करने लगते हैं. पेट के बल लेटने के साथ ही बारी बारी से दाएं और बाएं करवट के बल लेट सकते हैं. चिकित्सा विज्ञान में इस तकनीकी को प्रोन वेंटिलेशन कहते हैं

अब कोरोना संक्रमितों को सांस लेने में तकलीफ होने पर बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. खास तौर पर होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज पेट के बल कुछ समय लेटकर काफी हद तक परेशानी से निजात पा सकते हैं. चिकित्सा विज्ञान में इस तकनीक को प्रोन वेंटिलेशन कहा जाता है. एरा, लोहिया समेत दूसरे संस्थानों में भर्ती कोरोना संक्रमितों के इलाज में यह तकनीक अपनाई जा रही है.

केजीएमयू एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. तन्मय तिवारी के मुताबिक कोरोना संक्रमितों को सांस लेने में तकलीफ होने पर रोजाना 15 से 20 मिनट पेट के बल लेटना चाहिए. साथ ही तकलीफ होने पर बारी-बारी से दाएं और बाएं करवट के बल लेट सकते हैं. ऐसा करने से फेफड़े ठीक से काम करने लगते हैं.

केजीएमयू के ही पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश के मुताबिक एक स्वस्थ व्यक्ति 1 मिनट में 12 से 15 बार सांस लेता है. यदि वही व्यक्ति 24-30 बार प्रति मिनट सांस लेता है तो संजीदा हो जाना चाहिए. पल्स ऑक्सीमीटर से शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को माप सकते हैं.

कोरोना को लेकर एहतियात बरतने के साथ ही उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के मरीज प्रत्येक 6 घंटे पर ऑक्सीजन का स्तर मापें और इसके साथ ही बुखार भी हर 6 घंटे पर मापते रहे. वहीं लोहिया संस्थान में एनेस्थीसिया और कोविड-19 यूनिट के इंचार्ज डॉ. पीके दास ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति पेट के बल न लेटें. सांस लेने में तकलीफ होने पर ही इसे अपनाएं. दरअसल प्रोन वेंटिलेशन तकनीकी वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों में अधिक अपनाई जाती है.

लखनऊ: देश सहित विश्व भर में लोग कोरोना महामारी के चलते परेशान हैं. कोरोना से बचाव को लेकर लोग अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लगे हैं. इसके लिए लोग तरह-तरह के उपाय भी अपना रहे हैं. कोई काढ़ा पी रहा है तो कोई योग कर इससे बचाव में लगा है. इसी क्रम में अब एक नया उपाय सामने आया है. बताया जा रहा है कि पेट के बल लेटना कोरोना संक्रमितों के लिए फायदेमंद होगा. डॉक्टरों के मुताबिक पेट के बल लेटने से फेफड़े सही ठीक से काम करने लगते हैं. पेट के बल लेटने के साथ ही बारी बारी से दाएं और बाएं करवट के बल लेट सकते हैं. चिकित्सा विज्ञान में इस तकनीकी को प्रोन वेंटिलेशन कहते हैं

अब कोरोना संक्रमितों को सांस लेने में तकलीफ होने पर बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. खास तौर पर होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज पेट के बल कुछ समय लेटकर काफी हद तक परेशानी से निजात पा सकते हैं. चिकित्सा विज्ञान में इस तकनीक को प्रोन वेंटिलेशन कहा जाता है. एरा, लोहिया समेत दूसरे संस्थानों में भर्ती कोरोना संक्रमितों के इलाज में यह तकनीक अपनाई जा रही है.

केजीएमयू एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. तन्मय तिवारी के मुताबिक कोरोना संक्रमितों को सांस लेने में तकलीफ होने पर रोजाना 15 से 20 मिनट पेट के बल लेटना चाहिए. साथ ही तकलीफ होने पर बारी-बारी से दाएं और बाएं करवट के बल लेट सकते हैं. ऐसा करने से फेफड़े ठीक से काम करने लगते हैं.

केजीएमयू के ही पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश के मुताबिक एक स्वस्थ व्यक्ति 1 मिनट में 12 से 15 बार सांस लेता है. यदि वही व्यक्ति 24-30 बार प्रति मिनट सांस लेता है तो संजीदा हो जाना चाहिए. पल्स ऑक्सीमीटर से शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को माप सकते हैं.

कोरोना को लेकर एहतियात बरतने के साथ ही उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के मरीज प्रत्येक 6 घंटे पर ऑक्सीजन का स्तर मापें और इसके साथ ही बुखार भी हर 6 घंटे पर मापते रहे. वहीं लोहिया संस्थान में एनेस्थीसिया और कोविड-19 यूनिट के इंचार्ज डॉ. पीके दास ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति पेट के बल न लेटें. सांस लेने में तकलीफ होने पर ही इसे अपनाएं. दरअसल प्रोन वेंटिलेशन तकनीकी वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों में अधिक अपनाई जाती है.

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