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लखनऊ में PGI के एपेक्स ट्राॅमा सेंटर के चिकित्सकों ने बच्चे को दिया जीवनदान

सड़क हादसे में घायल बच्चे की पीजीआई के ट्राॅमा सेंटर के डॉक्टरों ने सफल सर्जरी की. बच्चे का 24 घंटे पूरा इलाज मुफ्त किया गया.

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Published : Jul 1, 2023, 3:11 PM IST

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लखनऊ : राजधानी स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों ने मासूम को नया जीवन दिया है. रायबरेली के बछरावां के रहने वाले सड़क दुर्घटना में 22 जून को गंभीर रूप से घायल हो गया. पांच वर्षीय रूद्र सोनी को प्रातः 10:00 बजे उनके पिता द्वारा संजय गांधी पीजीआई के ट्राॅमा सेंटर लाया गया.

डॉ. अंजली चौधरी ने बताया कि 'ओरल व मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. कुलदीप विश्वकर्मा ने बच्चे का निरीक्षण कर पाया कि बच्चे की जीभ हड्डी से अलग होकर सांस की नली में फंस गई थी व निचले जबड़े की हड्डी टूट गई थी. साथ ही बहुत अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव हो रहा था. डा. कुलदीप व उनकी टीम ने रक्तस्राव की रोकथाम कर सभी जरूरी जांचों के उपरान्त जल्द बच्चे को इमरजेंसी आपरेशन थियेटर में लिया. ओरल व मैक्सिलोफेशियल सर्जन से डाॅ. अंजली चौधरी, डाॅ. सुरेन्द्र जामवाल व डाॅ. अनूप दीक्षित के पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया. बालक दो दिन बाद वेंटिलेटर से बाहर आया और उसके तीन दिन बाद वार्ड में शिफ्ट किया गया. बालक स्वस्थ व सकुशल है. बच्चे का 24 घंटे पूरा इलाज मुफ्त किया गया है.

डॉ. अंजली चौधरी ने बताया कि 'ऐसी गंभीर चोटों मे सर्जरी जटिल होती है. चार घंटे की जटिल सर्जरी के बाद बालक की जीभ व जबड़े की हड्डी को जोड़ा गया. अपर ऐयर वे की चोट की वजह से ऐसे मरीजों को आपरेशन के बाद वेंटीलेटर पर रखा जाता है. उन्हें गहन चिकित्सा की जरूरत होती है, जो एनेस्थीसिया टीम द्वारा प्रदान की जाती है. एनेस्थीसिया की टीम में डाॅ. वंश, डाॅ सुरुचि, डाॅ गनपत, डाॅ अर्चना, डॉ मेघना, डाॅ अर्पिता, डाॅ अजीत शामिल रहे.'

यह भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त अभियान ने वाराणसी नगर निगम को बना दिया करोड़पति, जानिए कैसे

लखनऊ : राजधानी स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों ने मासूम को नया जीवन दिया है. रायबरेली के बछरावां के रहने वाले सड़क दुर्घटना में 22 जून को गंभीर रूप से घायल हो गया. पांच वर्षीय रूद्र सोनी को प्रातः 10:00 बजे उनके पिता द्वारा संजय गांधी पीजीआई के ट्राॅमा सेंटर लाया गया.

डॉ. अंजली चौधरी ने बताया कि 'ओरल व मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. कुलदीप विश्वकर्मा ने बच्चे का निरीक्षण कर पाया कि बच्चे की जीभ हड्डी से अलग होकर सांस की नली में फंस गई थी व निचले जबड़े की हड्डी टूट गई थी. साथ ही बहुत अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव हो रहा था. डा. कुलदीप व उनकी टीम ने रक्तस्राव की रोकथाम कर सभी जरूरी जांचों के उपरान्त जल्द बच्चे को इमरजेंसी आपरेशन थियेटर में लिया. ओरल व मैक्सिलोफेशियल सर्जन से डाॅ. अंजली चौधरी, डाॅ. सुरेन्द्र जामवाल व डाॅ. अनूप दीक्षित के पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया. बालक दो दिन बाद वेंटिलेटर से बाहर आया और उसके तीन दिन बाद वार्ड में शिफ्ट किया गया. बालक स्वस्थ व सकुशल है. बच्चे का 24 घंटे पूरा इलाज मुफ्त किया गया है.

डॉ. अंजली चौधरी ने बताया कि 'ऐसी गंभीर चोटों मे सर्जरी जटिल होती है. चार घंटे की जटिल सर्जरी के बाद बालक की जीभ व जबड़े की हड्डी को जोड़ा गया. अपर ऐयर वे की चोट की वजह से ऐसे मरीजों को आपरेशन के बाद वेंटीलेटर पर रखा जाता है. उन्हें गहन चिकित्सा की जरूरत होती है, जो एनेस्थीसिया टीम द्वारा प्रदान की जाती है. एनेस्थीसिया की टीम में डाॅ. वंश, डाॅ सुरुचि, डाॅ गनपत, डाॅ अर्चना, डॉ मेघना, डाॅ अर्पिता, डाॅ अजीत शामिल रहे.'

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