लखनऊः प्रदेश ने कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर झेल ली है. अभी भी इसका असर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे ने अपनी दस्तक देने के संकेत शुरू कर दिए हैं. ऐसे में सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के ढांचे को सुधारने के लिए अहम पदों पर मुखिया की तैनाती कर दी है. अभी तक इस पद पर कार्यवाहक अफसरों की तैनाकी थी.
यूपी के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर डी.एस. नेगी रिटायर हो गए थे. ऐसे में डॉक्टर कल्पना सिंह को कार्यभार सौंपा गया. दो सप्ताह तक विभाग को स्थायी महानिदेशक नहीं बनाया गया. वहीं शासन ने गुरुवार को डॉक्टर वेदव्रत सिंह को डीजी हेल्थ बनाया गया. अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने इसका आदेश जारी कर दिया है. इसके अलावा कार्यवाहक परिवार कल्याण महानिदेशक डॉक्टर लिली सिंह को स्थाई चार्ज दे दिया गया है. वहीं डॉक्टर कल्पना सिंह को महानिदेशक प्रशिक्षण बनाया गया है. इस दौरान डॉक्टर वेदव्रत ने कहा कि सरकार की नीतियों को आगे बढ़ाया जाएगा. लोगों को बेहतर इलाज मिले. इसके प्रयास किए जाएंगे. इसके साथ ही तीसरी लहर से निपटने के लिए पीकू-नीकू की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी.
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बीते 24 घंटे में प्रदेश के 53 जिलों में कोरोना संक्रमण के एक भी केस नही पाए गए हैं. 21 जिलों की इकाई में मरीज पाए गए. वहीं ऐसे जिले जहां 10 नए लोगों में संक्रमण पाया गया. उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, तो गहन कांटेक्ट ट्रेसिंग कराया जाए. वहीं बाहर से आने वालों का जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट कराया जाए. महराजगंज-गोरखपुर के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है.
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उधर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को लोहिया संस्थान में विभाग के अफसरों से बैठक की. इस दौरान प्रदेश में बन रहे मेडिकल कॉलेजों के बारे में जाना. इसके साथ ही चिकित्सा संस्थानों में निर्माण कार्यों की प्रगति के बारे में रिपोर्ट तलब की. इस दौरान निर्माण दायी संस्था को समयगत कार्य पूरा करने के निर्देश दिए.