लखनऊ : जिला जज संजय शंकर पांडेय ने कोरोना की दूसरी लहर में वेंटीलेटर मौजूद होने की झूठी बात कहकर भर्ती करने व इस धोखाधड़ी की वजह से मरीज की मौत के मामले में वांछित हर्षा हास्पिटल के मालिक डॉ. शहजाद अली सिद्दीकी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. मृतका शीला शुक्ला उत्तर प्रदेश बार काउसिंल के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान सदस्य अजय कुमार शुक्ल की पत्नी थीं. आठ जून, 2021 को इस मामले की एफआइआर मृतका के पुत्र देवर्षि शुक्ल ने थाना मड़ियांव में दर्ज कराई थी.
अभियोजन के मुताबिक 16 अप्रैल, 2021 को लखीमपुर के डॉ. एसपी वर्मा ने शीला शुक्ला को सांस की गंभीर परेशानी होने पर वेंटिलेटर की आवश्यकता बताई और लखनऊ ले जाने का सुझाव दिया. इस पर अजय शुक्ल के सहयोगी धर्मेंद्र सिंह ने हर्षा हास्पिटल के मालिक डॉ. शहजाद से फोन पर बात की, उन्होंने वेंटिलेटर की सुविधा होने की बात कही. आरोप है कि डॉ. शहजाद ने वेंटिलेटर के नाम पर 15 हजार रुपये जमा कराए. मरीज को अंदर आइसीयू में ले गए, थोड़ी देर बाद अजय व धमेंद्र मरीज का हाल जानने अंदर गए, तो देखा कि वेंटिलेटर ही नहीं है, इस पर अजय ने डा. शहजाद से कहा कि 'तुमने यह जानते हुए कि मेरी पत्नी की जान खतरे में है, मुझसे धोखाधड़ी की.' कहा गया है कि 'डॉ. शहजाद ने इस पर खुशामद करते हुए कहा कि हम दूसरे अस्पताल में व्यवस्था करा रहे हैं.' आरोप है कि उसके बताए दूसरे अस्पताल में जाने पर कहा गया कि वेंटिलेटर का स्टाफ मौजूद नहीं है लिहाजा भर्ती नहीं कर सकते. इस दौरान तीन घंटे खराब हो गए, किसी तरह मनमाना रकम जमा करने पर निराला नगर के एक अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. आरोप है कि यह जानते हुए कि हाॅस्पिटल में वेंटिलेटर मौजूद नहीं है और मरीज की हालत नाजुक है, डॉ. शहजाद व उसके स्टाफ ने धोखाधड़ी कर तीन घंटे खराब करा दिए, जिससे मरीज की मौत हो गई.
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