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8 माह में नहीं आई DNA रिपोर्ट, कैसे सुलझेगी बच्ची के साथ रेप-हत्या की गुत्थी

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Published : Apr 20, 2021, 5:16 PM IST

लखनऊ में 8 महीने पहले संदिग्ध हालात में लापता बच्ची का शव नहर में उतरता मिला था. परिजनों ने रेप के बाद हत्या की आशंका जताई थी. बच्ची की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट कराया गया था, लेकिन अभी तक डीएनए टेस्ट रिपोर्ट नहीं आई. पुलिस का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

लखनऊ में नाबालिग के साथ रेप
लखनऊ में नाबालिग के साथ रेप

लखनऊ: जिले के पारा इलाके में आठ माह पूर्व संदिग्ध हालात में लापता बच्ची का शव नहर में उतरता मिला था. बच्ची के दोनों हाथ रस्सी से बंधे थे. रेप के बाद हत्या की आशंका के बाद पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू की. बच्ची की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट कराया गया था, लेकिन अभी तक डीएनए टेस्ट रिपोर्ट नहीं आई. सवाल यह है कि करीब आठ महीने बाद जब पुख्ता शिनाख्त ही नहीं हो सकी है तो बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या की गुत्थी कितने महीनों में सुलझेगी. पुलिस का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.


22 अगस्त को गायब हुई थी बच्ची

एक व्यक्ति ने आगरा एक्सप्रेस-वे के पास नहर चौराहे पर सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर कूल कॉर्नर की दुकान खोल रखी है. 22 अगस्त को उसकी बेटी दुकान से घर के लिए गई थी. इसके बाद वह संदिग्ध हालात में लापता हो गई थी. बच्ची के घर न पहुंचने पर उसकी तलाश शुरू की गई. बेटी का चप्पल दुकान के पीछे नहर के पास जंगल में मिला. छानबीन के दौरान पुलिस ने गोताखोरों की मदद से लड़की के शव को नहर से बरामद किया.


गांव पहुंचने पर परिवारीजनों ने हंगामा कर शव बदलने का लगाया था आरोप


23 अगस्त को पोस्टमॉर्टम होने के बाद परिजनों को लड़की का शव सुपुर्द कर दिया गया था. शव गांव पहुंचने पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया था. उनका आरोप था कि शव उनकी बच्ची का नहीं है. परिजन दावा करने लगे थे कि शव किसी वयस्क लड़की का है. मंत्री स्वाती सिंह ने इस मामले में पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया था. उन्होंने पुलिस को शव कब्र से निकलवा कर उसका दोबारा पोस्टमॉर्टम करवाने और डीएनए करवाने के निर्देश दिए थे.

संबंधित खबरें- पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या, आरोपी गिरफ्तार



संदिग्धों पर लगाए थे गंभीर आरोप

मंत्री के सामने पीड़ित परिजनों ने दावा किया था कि बच्ची का शव जब नहर से बाहर निकाला गया तो उन लोगों ने देखा कि उसके हाथ रस्सी से बंधे हुए थे. शरीर पर कई जगह चोटें के निशान मौजूद थे. परिजनों ने इस मामले में गैंगरेप के बाद हत्या की आशंका व्यक्त की थी और घटनास्थल के पास रहने वाले एक घोसी के चार बेटों और उनके दोस्तों पर वारदात करने का शक जाहिर किया था. पुलिस परिजनों के आरोप के आधार पर 25 अगस्त को रेप, हत्या, साक्ष्य छुपाने और पॉक्सो ऐक्ट की रिपोर्ट दर्ज जांच शुरू कर दी थी.

डीएनए रिपोर्ट के लिए मार्च में फिर से पुलिस ने भेजा रिमाइंडर

पुलिस ने 29 अगस्त को पीड़ित परिजनों और ग्रामीणों की मौजूदगी में कब्र से शव को निकलवाया था. फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से लड़की के दांत और उसके बाल के साथ ही माता और पिता के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे. इंस्पेक्टर पारा राजेश कुमार के मुताबिक, इस मामले में अभी डीएनए रिपोर्ट नहीं मिली है. डीएनए रिपोर्ट न मिलने के कारण शव की शिनाख्त ही पुख्ता नहीं हो सकी है. इंस्पेक्टर का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस मामले की जांच आगे बढ़ सकेगी. उन्होंने बताया कि अब तक 3 से अधिक बार रिपोर्ट के लिए रिमाइंडर भेजा जा चुका है. उन्होंने मार्च में भी डीएनए रिपोर्ट के लिए रिमाइंडर भेजा था.

लखनऊ: जिले के पारा इलाके में आठ माह पूर्व संदिग्ध हालात में लापता बच्ची का शव नहर में उतरता मिला था. बच्ची के दोनों हाथ रस्सी से बंधे थे. रेप के बाद हत्या की आशंका के बाद पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू की. बच्ची की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट कराया गया था, लेकिन अभी तक डीएनए टेस्ट रिपोर्ट नहीं आई. सवाल यह है कि करीब आठ महीने बाद जब पुख्ता शिनाख्त ही नहीं हो सकी है तो बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या की गुत्थी कितने महीनों में सुलझेगी. पुलिस का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.


22 अगस्त को गायब हुई थी बच्ची

एक व्यक्ति ने आगरा एक्सप्रेस-वे के पास नहर चौराहे पर सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर कूल कॉर्नर की दुकान खोल रखी है. 22 अगस्त को उसकी बेटी दुकान से घर के लिए गई थी. इसके बाद वह संदिग्ध हालात में लापता हो गई थी. बच्ची के घर न पहुंचने पर उसकी तलाश शुरू की गई. बेटी का चप्पल दुकान के पीछे नहर के पास जंगल में मिला. छानबीन के दौरान पुलिस ने गोताखोरों की मदद से लड़की के शव को नहर से बरामद किया.


गांव पहुंचने पर परिवारीजनों ने हंगामा कर शव बदलने का लगाया था आरोप


23 अगस्त को पोस्टमॉर्टम होने के बाद परिजनों को लड़की का शव सुपुर्द कर दिया गया था. शव गांव पहुंचने पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया था. उनका आरोप था कि शव उनकी बच्ची का नहीं है. परिजन दावा करने लगे थे कि शव किसी वयस्क लड़की का है. मंत्री स्वाती सिंह ने इस मामले में पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया था. उन्होंने पुलिस को शव कब्र से निकलवा कर उसका दोबारा पोस्टमॉर्टम करवाने और डीएनए करवाने के निर्देश दिए थे.

संबंधित खबरें- पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या, आरोपी गिरफ्तार



संदिग्धों पर लगाए थे गंभीर आरोप

मंत्री के सामने पीड़ित परिजनों ने दावा किया था कि बच्ची का शव जब नहर से बाहर निकाला गया तो उन लोगों ने देखा कि उसके हाथ रस्सी से बंधे हुए थे. शरीर पर कई जगह चोटें के निशान मौजूद थे. परिजनों ने इस मामले में गैंगरेप के बाद हत्या की आशंका व्यक्त की थी और घटनास्थल के पास रहने वाले एक घोसी के चार बेटों और उनके दोस्तों पर वारदात करने का शक जाहिर किया था. पुलिस परिजनों के आरोप के आधार पर 25 अगस्त को रेप, हत्या, साक्ष्य छुपाने और पॉक्सो ऐक्ट की रिपोर्ट दर्ज जांच शुरू कर दी थी.

डीएनए रिपोर्ट के लिए मार्च में फिर से पुलिस ने भेजा रिमाइंडर

पुलिस ने 29 अगस्त को पीड़ित परिजनों और ग्रामीणों की मौजूदगी में कब्र से शव को निकलवाया था. फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से लड़की के दांत और उसके बाल के साथ ही माता और पिता के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे. इंस्पेक्टर पारा राजेश कुमार के मुताबिक, इस मामले में अभी डीएनए रिपोर्ट नहीं मिली है. डीएनए रिपोर्ट न मिलने के कारण शव की शिनाख्त ही पुख्ता नहीं हो सकी है. इंस्पेक्टर का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस मामले की जांच आगे बढ़ सकेगी. उन्होंने बताया कि अब तक 3 से अधिक बार रिपोर्ट के लिए रिमाइंडर भेजा जा चुका है. उन्होंने मार्च में भी डीएनए रिपोर्ट के लिए रिमाइंडर भेजा था.

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