लखनऊ : वायु प्रदूषण की समस्या से बचने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तैयार की गयी कार्य योजना को जमीन पर उतारने के लिए लखनऊ जिला प्रशासन सक्रिय नजर आ रहा है. इसको लेकर लखनऊ डीएम सूर्य पाल गंगवार (DM Surya Pal Gangwar) की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया.
बैठक में जिलाधिकारी ने लखनऊ शहरी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित किए जाने के संबंध में समस्त विभागों द्वारा अपने-अपने उत्तरदायित्वों का सख्ती से अनुपालन किए जाने के लिए निर्देशित किया गया. उक्त के साथ ही जिलाधिकारी ने कड़े निर्देश जारी किए कि लालबाग में वाहनों की सर्विस, मरम्मत करने वाले दुकानों द्वारा किसी भी प्रकार के कूड़े को जलाने व अन्य प्रकार से प्रदूषित धुआं न फैलाया जाए, यदि औचक निरीक्षण के समय ऐसा पाया जाता है तो दोषी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही निर्देशित किया गया कि तालकटोरा में उद्योगों द्वारा वायु प्रदूषण अधिनियमों का उल्लंघन किसी भी दशा में न किया जाए.
जिलाधिकारी ने तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र की टूटी सड़कों को तत्काल मरम्मत करवाने के लिए जनरल मैनेजर, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र को निर्देशित किया. उन्होंने निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों से क्षतिग्रस्त सड़कों का विवरण एवं उसके मरम्मत किए जाने की समयावधि का विवरण शीघ्र प्रेषित की जाए, जिससे कार्यदायी विभाग अथवा कार्यदायी संस्था के विरूद्ध समुचित कार्यवाही की जा सके. उप्र आवास एवं विकास परिषद, लखनऊ विकास प्राधिकरण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को स्वयं की निर्माणाधीन परियोजनाओं एवं निर्माणाधीन व्यक्तिगत परियोजनाओं के सघन निरीक्षण के लिए निर्देशित किया गया. निर्देश दिया गया कि दोषी पाए गए परियोजनाओं पर विभागीय कार्यवाही करते हुए अर्थदंड अधिरोपित किया जाए तथा जल छिड़काव के लिए प्रत्येक टैंकर का रूट चार्ट निर्धारित किया जाए एवं शहीद पथ व उसकी सर्विस रोड पर निरंतर जल छिड़काव व एंटीस्मॉग गन का प्रयोग किया जाए.
इस दौरान उप्र सेतु निर्माण निगम को यह निर्देश दिया गया कि निर्माण किए गए समस्त फ्लाई ओवरों के नीचे सर्विस लेनों का मरम्मत शीघ्र किया जाना सुनिश्चित किया जाए. जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिया गया कृषि अपशिष्ठों के जलाए जाने से रोकने के लिए सतत् निगरानी रखी जाए. नगर निगम को निर्देश दिया गया नगरीय ठोस अपशिष्ट को खुले में जलाने से रोकने के संबंध में ठोस कार्रवाई की जाए तथा औचक निरीक्षण कर खुले में कूड़े को जलाते हुए पाए गए सफाई कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. सड़क पर वाटर स्प्रिंकलिंग, उस्ट स्वीपिंग के कार्य में तीव्रता लाई जाए जिससे बढ़ते AQI स्तर को नियंत्रित किया जा सके. कंस्ट्रक्शन एवं डिमोलिश वेस्ट के निस्तारण के लिए प्रोसेसिंग प्लांट का संचालन शीघ्र कराया जाए.
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