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डीएल की पेंडेंसी पहुंची दो लाख, कंपनी के खिलाफ विभाग नहीं ले रहा कोई एक्शन - लखनऊ में डीएल की पेंडेंसी

प्रदेश भर में आवेदकों को कई कई महीनों से अपने डीएल नहीं मिल रहे हैं. अब तक पेंडेंसी डेढ़ से दो लाख के बीच बनी हुई है.

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Published : Apr 26, 2023, 7:29 AM IST

लखनऊ. लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में डीएल की पेंडेंसी लगातार बढ़ती ही जा रही है, लेकिन डीएल की समस्या को दूर करने में परिवहन विभाग पूरी तरह नाकाम है. विभाग की तरफ से असफल साबित हो रही सर्विस प्रदाता कंपनी स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही है. मंगलवार को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य डॉ. कमल सोई ने प्रेस कांफ्रेंस कर परिवहन विभाग से कंपनी पर कार्रवाई करने की मांग की.

उन्होंने मंगलवार को प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर कंपनी के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) की सेवाएं ऑनलाइन हैं, लेकिन कंपनी की गलती से लोग आरटीओ कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं. डीएल की समस्या के समाधान में कंपनी पूरी तरह फेल साबित हुई है. उन्होंने सरकार से कंपनी के अनुबंध को समाप्त किये जाने की मांग की. डॉ. कमल सोई ने कहा कि जब कंपनी को सही समय पर डीएल घर पहुंचाने का ही ठेका दिया गया है, तो आखिर महीनों की देरी क्यों हो रही है? कंपनी पर परिवहन विभाग के अधिकारी आखिर मेहरबान क्यों हैं?

बता दें कि प्रदेश भर में आवेदकों को कई कई महीनों से अपने डीएल नहीं मिल रहे हैं. परिवहन विभाग ने स्मार्ट चिप कंपनी से सवाल-जवाब किया और डीएल की पेंडेंसी खत्म न होने पर जुर्माना भी ठोका. परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने यहां तक कहा कि 31 मार्च तक अगर पेंडेंसी खत्म नहीं होती है, तो कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. 20 दिन से ज्यादा समय होने के बावजूद अब तक पेंडेंसी डेढ़ से दो लाख के बीच बनी हुई है. इसके बावजूद कंपनी के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई नहीं की गई.

लखनऊ. लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में डीएल की पेंडेंसी लगातार बढ़ती ही जा रही है, लेकिन डीएल की समस्या को दूर करने में परिवहन विभाग पूरी तरह नाकाम है. विभाग की तरफ से असफल साबित हो रही सर्विस प्रदाता कंपनी स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही है. मंगलवार को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य डॉ. कमल सोई ने प्रेस कांफ्रेंस कर परिवहन विभाग से कंपनी पर कार्रवाई करने की मांग की.

उन्होंने मंगलवार को प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर कंपनी के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) की सेवाएं ऑनलाइन हैं, लेकिन कंपनी की गलती से लोग आरटीओ कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं. डीएल की समस्या के समाधान में कंपनी पूरी तरह फेल साबित हुई है. उन्होंने सरकार से कंपनी के अनुबंध को समाप्त किये जाने की मांग की. डॉ. कमल सोई ने कहा कि जब कंपनी को सही समय पर डीएल घर पहुंचाने का ही ठेका दिया गया है, तो आखिर महीनों की देरी क्यों हो रही है? कंपनी पर परिवहन विभाग के अधिकारी आखिर मेहरबान क्यों हैं?

बता दें कि प्रदेश भर में आवेदकों को कई कई महीनों से अपने डीएल नहीं मिल रहे हैं. परिवहन विभाग ने स्मार्ट चिप कंपनी से सवाल-जवाब किया और डीएल की पेंडेंसी खत्म न होने पर जुर्माना भी ठोका. परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने यहां तक कहा कि 31 मार्च तक अगर पेंडेंसी खत्म नहीं होती है, तो कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. 20 दिन से ज्यादा समय होने के बावजूद अब तक पेंडेंसी डेढ़ से दो लाख के बीच बनी हुई है. इसके बावजूद कंपनी के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई नहीं की गई.

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