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सीबीआई जांच में मंडल रेल प्रबंधक पर भी आंच, रडार पर और भी अफसर

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Published : Dec 11, 2022, 9:07 PM IST

उत्तर रेलवे कंस्ट्रक्शन विभाग के उपमुख्य अभियंता एके मित्तल की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई के हाथ कई अहम सबूत लगे हैं. इन सबूतों से सीबीआई रेलवे के बड़े अधिकारियों तक पहुंचेगी जो कंस्ट्रक्शन में हुए घोटालों में जिम्मेदार रहे होंगे.

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सीबीआई जांच में मंडल रेल प्रबंधक पर भी आंच, रडार पर और भी अफसर

लखनऊ: उत्तर रेलवे कंस्ट्रक्शन विभाग के उपमुख्य अभियंता एके मित्तल की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई के हाथ कई अहम सबूत लगे हैं. इन सबूतों से सीबीआई रेलवे के बड़े अधिकारियों तक पहुंचेगी जो कंस्ट्रक्शन में हुए घोटालों में जिम्मेदार रहे होंगे. एके मित्तल से पूछताछ में सीबीआई को कई अहम सुराग मिले भी हैं. सूत्र बताते हैं कि वर्तमान में मंडल रेल प्रबंधक के पद पर तैनात अफसर का नाम भी इस मामले में सामने आ रहा है. इस अधिकारी के पास 250 से 300 करोड़ की सम्पत्ति होने का शक जताया जा रहा है. सीबीआई टीम जल्द ही बड़ा खुलासा करेगी. सीबीआई जांच से रेलवे के कई अफसर इस वक्त सदमे में हैं.

उत्तर रेलवे के चारबाग स्थित कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के उपमुख्य अभियंता एके मित्तल को बीती एक दिसम्बर को सीबीआई की टीम ने ठेकेदार से रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों धर दबोचा था. इसके बाद सीबीआई ने मित्तल के ठिकानों से 1.38 करोड़ रुपये भी बरामद किए थे. यह रिश्वत फर्म का बिल पास करने के एवज में ली गई थी. सीबीआई टीम गिरफ्तारी के बाद उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के हजरतगंज स्थित डीआरएम कार्यालय भी गई थी. यहां एकाउंट डिपार्टमेंट में पूछताछ भी की थी और ठेकेदारों को पिछले दो वर्षों के दौरान निर्माण कार्यों के लिए हुए भुगतान संबंधी जानकारी भी हासिल की थी. इसके बाद चारबाग के कंस्ट्रक्शन विभाग कार्यालय की नई बिल्डिंग की भी पड़ताल सीबीआई ने की. टीम ने उपमुख्य अभियंता-5 से मुलाकात कर साक्ष्य भी जुटाए. सूत्र बताते हैं कि सीबीआई के हाथ परियोजनाओं के बाबत कई अहम सबूत लगे हैं, जिससे करोड़ों रुपये के घोटालों की परतें खुलनी तय मानी जा रही हैं. बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान एक डीआरएम का नाम भी सामने आया है जिनके पास आय से अधिक सम्पत्ति है. ये कमाई ठेकेदारों से कमीशन के रूप में वसूली गई है. सूत्र बताते हैं कि करीब तीन सौ करोड़ रुपये की नामी-बेनामी सम्पत्ति इन डीआरएम के पास हो सकती है.

किस परियोजना के अंतर्गत ठेकेदारों से कमीशन के मामले में डीआरएम का नाम लिया गया? कंस्ट्रक्शन विभाग के किन अधिकारियों के साथ उनकी सांठगांठ है? क्या डीआरएम के अलावा हेडक्वार्टर के अफसर भी कंस्ट्रक्शन विभाग के भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं? इन सवालों के जवाब सीबीआई जांच के बाद ही मिलेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि सीबीआई जल्द से जल्द अपनी जांच पूरी कर रेलवे के करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करेगी और दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजेगी.

लखनऊ: उत्तर रेलवे कंस्ट्रक्शन विभाग के उपमुख्य अभियंता एके मित्तल की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई के हाथ कई अहम सबूत लगे हैं. इन सबूतों से सीबीआई रेलवे के बड़े अधिकारियों तक पहुंचेगी जो कंस्ट्रक्शन में हुए घोटालों में जिम्मेदार रहे होंगे. एके मित्तल से पूछताछ में सीबीआई को कई अहम सुराग मिले भी हैं. सूत्र बताते हैं कि वर्तमान में मंडल रेल प्रबंधक के पद पर तैनात अफसर का नाम भी इस मामले में सामने आ रहा है. इस अधिकारी के पास 250 से 300 करोड़ की सम्पत्ति होने का शक जताया जा रहा है. सीबीआई टीम जल्द ही बड़ा खुलासा करेगी. सीबीआई जांच से रेलवे के कई अफसर इस वक्त सदमे में हैं.

उत्तर रेलवे के चारबाग स्थित कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के उपमुख्य अभियंता एके मित्तल को बीती एक दिसम्बर को सीबीआई की टीम ने ठेकेदार से रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों धर दबोचा था. इसके बाद सीबीआई ने मित्तल के ठिकानों से 1.38 करोड़ रुपये भी बरामद किए थे. यह रिश्वत फर्म का बिल पास करने के एवज में ली गई थी. सीबीआई टीम गिरफ्तारी के बाद उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के हजरतगंज स्थित डीआरएम कार्यालय भी गई थी. यहां एकाउंट डिपार्टमेंट में पूछताछ भी की थी और ठेकेदारों को पिछले दो वर्षों के दौरान निर्माण कार्यों के लिए हुए भुगतान संबंधी जानकारी भी हासिल की थी. इसके बाद चारबाग के कंस्ट्रक्शन विभाग कार्यालय की नई बिल्डिंग की भी पड़ताल सीबीआई ने की. टीम ने उपमुख्य अभियंता-5 से मुलाकात कर साक्ष्य भी जुटाए. सूत्र बताते हैं कि सीबीआई के हाथ परियोजनाओं के बाबत कई अहम सबूत लगे हैं, जिससे करोड़ों रुपये के घोटालों की परतें खुलनी तय मानी जा रही हैं. बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान एक डीआरएम का नाम भी सामने आया है जिनके पास आय से अधिक सम्पत्ति है. ये कमाई ठेकेदारों से कमीशन के रूप में वसूली गई है. सूत्र बताते हैं कि करीब तीन सौ करोड़ रुपये की नामी-बेनामी सम्पत्ति इन डीआरएम के पास हो सकती है.

किस परियोजना के अंतर्गत ठेकेदारों से कमीशन के मामले में डीआरएम का नाम लिया गया? कंस्ट्रक्शन विभाग के किन अधिकारियों के साथ उनकी सांठगांठ है? क्या डीआरएम के अलावा हेडक्वार्टर के अफसर भी कंस्ट्रक्शन विभाग के भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं? इन सवालों के जवाब सीबीआई जांच के बाद ही मिलेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि सीबीआई जल्द से जल्द अपनी जांच पूरी कर रेलवे के करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करेगी और दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजेगी.

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