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Lamartiniere College : वित्तीय अनियमितता मामले की जांच के लिए मंडलायुक्त ने की संस्तुति, यह है मामला - लामार्टनियर स्कूल लखनऊ

मंडलायुक्त रोशन जैकब ने लामार्टनियर कॉलेज ( Lamartiniere College) में हुई वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए लोकल कमेटी ऑफ गवर्नर्स को पत्र लिखा है. बता दें, काॅलेज में वित्तीय वर्ष 2017 से लेकर 2020 तक लगातार प्रिंसिपल द्वारा कई वित्तीय अनियमितताएं करने के मामले सामने आए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 27, 2023, 11:03 AM IST

लखनऊ : राजधानी के प्रतिष्ठित लामार्टनियर कॉलेज में वित्तीय अनियमितता को लेकर मंडलायुक्त रोशन जैकब ने मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी कराने की संस्तुति की है. मंडलायुक्त ने काॅलेज के लोकल कमेटी ऑफ गवर्नर्स के लिए एक इंडिपेंडेंस एजेंसी का चयन कर इस पूरे मामले की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. मंडलायुक्त ने बीते दिनों कॉलेज में हुए विवाद के बाद एक पत्र कॉलेज के लोकल कमेटी ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष को लिखा है. इस पत्र में उन्होंने साफ कहा है कि कॉलेज में हुई आर्थिक गड़बड़ियों की जांच मौजूदा प्रिंसिपल के कार्यकाल पूरा होने से पहले कर लिया जाए.

लामार्टनियर कॉलेज में वित्तीय अनियमितता का मामला.
लामार्टनियर कॉलेज में वित्तीय अनियमितता का मामला.

कॉलेज के प्रिंसिपल के ऊपर कई तरह के वित्तीय अनियमितता के आरोप

मंडलायुक्त अपने पत्र में कहा है कि कॉलेज के प्रिंसिपल की ओर से बिना लोकल कमेटी ऑफ गवर्नर्स से जुड़े लोगों को बताए कई तरह के आर्थिक निर्णय लेने की बात कही है. जिसमें गड़बड़ी होने की पुष्टि हो रही है. उन्होंने लिखा है कि कॉलेज के मौजूदा प्रिंसिपल की ओर से लोकल कमेटी ऑफ गवर्नर्स व ट्रस्ट से जुड़े के लोगों के अनुमोदन लिए बिना ही वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में फीस बढ़ोतरी कर दी. इन तीनों वित्तीय वर्ष को मिलाकर प्रति छात्र 39070 की फीस बढ़ोतरी की गई है. इसके अलावा विद्यालय प्रिंसिपल की ओर से बिना किसी के मंजूरी के ही वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2022-23 (कोरोना के काल के वित्तीय वर्ष 2020-2021 को छोड़कर) स्कूल के खर्चों के लिए फंड का इस्तेमाल किया गया है.

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अनियमितता की जांच के लिए संस्तुति .
अनियमितता की जांच के लिए संस्तुति .
अनियमितता की जांच के लिए संस्तुति .

पत्र में यह भी कहा गया है कि कॉलेज में वित्तीय खर्चों के लिए जो स्कूल फीस अकाउंट है. वह स्कूल प्रिंसिपल और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट लखनऊ के संयुक्त हस्ताक्षर होने के बाद ही उसे पैसे निकाले जा सकते हैं. इसके बावजूद प्रिंसिपल ने छोटी कक्षाओं के लिए जो बैंक खाता प्रयोग में लाया जाता है, उस बैंक खाता से केवल अपने ही हस्ताक्षर कर पैसे निकले हैं. इसके लिए भी उन्होंने लोकल कमेटी आफ गवर्नर्स से मंजूरी नहीं ली है. इतना ही नहीं पत्र में यह भी कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में कॉलेज के अनुबंध स्टाफ और डेली खर्चों के लिए अभी जो पैसे प्रयोग में ले जा रहे थे. वह पैसे भी नियम विरुद्ध ही निकल गए. इसके अलावा बिना मंजूरी कॉलेज में कई तरह के निर्माण और रिपेयरिंग के काम कराए गए हैं. इसके अलावा उन्होंने अपने पत्र में कॉलेज के टीचरों को सेवंथ पे कमीशन के मामले में जुड़े मसाले को भी हल करने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें : एलडीए में एक छत के नीचे सुनी गईं कई विभागों की शिकायतें, निस्तारण का मिला आश्वासन

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लखनऊ : राजधानी के प्रतिष्ठित लामार्टनियर कॉलेज में वित्तीय अनियमितता को लेकर मंडलायुक्त रोशन जैकब ने मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी कराने की संस्तुति की है. मंडलायुक्त ने काॅलेज के लोकल कमेटी ऑफ गवर्नर्स के लिए एक इंडिपेंडेंस एजेंसी का चयन कर इस पूरे मामले की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. मंडलायुक्त ने बीते दिनों कॉलेज में हुए विवाद के बाद एक पत्र कॉलेज के लोकल कमेटी ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष को लिखा है. इस पत्र में उन्होंने साफ कहा है कि कॉलेज में हुई आर्थिक गड़बड़ियों की जांच मौजूदा प्रिंसिपल के कार्यकाल पूरा होने से पहले कर लिया जाए.

लामार्टनियर कॉलेज में वित्तीय अनियमितता का मामला.
लामार्टनियर कॉलेज में वित्तीय अनियमितता का मामला.

कॉलेज के प्रिंसिपल के ऊपर कई तरह के वित्तीय अनियमितता के आरोप

मंडलायुक्त अपने पत्र में कहा है कि कॉलेज के प्रिंसिपल की ओर से बिना लोकल कमेटी ऑफ गवर्नर्स से जुड़े लोगों को बताए कई तरह के आर्थिक निर्णय लेने की बात कही है. जिसमें गड़बड़ी होने की पुष्टि हो रही है. उन्होंने लिखा है कि कॉलेज के मौजूदा प्रिंसिपल की ओर से लोकल कमेटी ऑफ गवर्नर्स व ट्रस्ट से जुड़े के लोगों के अनुमोदन लिए बिना ही वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में फीस बढ़ोतरी कर दी. इन तीनों वित्तीय वर्ष को मिलाकर प्रति छात्र 39070 की फीस बढ़ोतरी की गई है. इसके अलावा विद्यालय प्रिंसिपल की ओर से बिना किसी के मंजूरी के ही वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2022-23 (कोरोना के काल के वित्तीय वर्ष 2020-2021 को छोड़कर) स्कूल के खर्चों के लिए फंड का इस्तेमाल किया गया है.

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अनियमितता की जांच के लिए संस्तुति .
अनियमितता की जांच के लिए संस्तुति .
अनियमितता की जांच के लिए संस्तुति .

पत्र में यह भी कहा गया है कि कॉलेज में वित्तीय खर्चों के लिए जो स्कूल फीस अकाउंट है. वह स्कूल प्रिंसिपल और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट लखनऊ के संयुक्त हस्ताक्षर होने के बाद ही उसे पैसे निकाले जा सकते हैं. इसके बावजूद प्रिंसिपल ने छोटी कक्षाओं के लिए जो बैंक खाता प्रयोग में लाया जाता है, उस बैंक खाता से केवल अपने ही हस्ताक्षर कर पैसे निकले हैं. इसके लिए भी उन्होंने लोकल कमेटी आफ गवर्नर्स से मंजूरी नहीं ली है. इतना ही नहीं पत्र में यह भी कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में कॉलेज के अनुबंध स्टाफ और डेली खर्चों के लिए अभी जो पैसे प्रयोग में ले जा रहे थे. वह पैसे भी नियम विरुद्ध ही निकल गए. इसके अलावा बिना मंजूरी कॉलेज में कई तरह के निर्माण और रिपेयरिंग के काम कराए गए हैं. इसके अलावा उन्होंने अपने पत्र में कॉलेज के टीचरों को सेवंथ पे कमीशन के मामले में जुड़े मसाले को भी हल करने का निर्देश दिया है.

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