लखनऊ: देश के प्रत्येक जनपद को एक्सपोर्ट हब के रूप में परिवर्तित करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को क्रियान्वित करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय द्वारा प्रयास किया जा रहा है. इस दिशा में जिलास्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समिति (डीईपीसी) के गठन का कार्य शुरू किया जा चुका है. इसके अलावा जिला निर्यात योजना की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है. अपर मुख्य सचिव (सूक्ष्म एवं लघु एवं मध्यम उद्यम) डॉ. नवनीत सहगल ने इसकी जानकारी दी.
जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव (सूक्ष्म एवं लघु एवं मध्यम उद्यम) डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद के जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र में निर्यात विकास केंद्र की स्थापना की जा रही है. इन निर्यात विकास केंद्रों द्वारा जिलों में व्यवसायियों, कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों, युवाओं समेत स्थानीय उद्यमियों के साथ संपर्क किया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें ई-काॅमर्स सुविधाओं के प्रति संवेदनशील बनाने एवं उत्पादक संगठनों के रूप में संगठित किया जाएगा.
इसके अलावा उत्पादकों के उत्पादों के ई-मार्केट प्लेस पर ऑनबोर्डिंग में सहायता प्रदान करना, निर्यात के लिए आवश्यक डाक्यूमेन्ट्स को तैयार करने में उत्पादकों को सहायता प्रदान करना, उत्पादों के शिपमेट के लिए स्थानीय लाॅजिस्टिक सुविधा के लिए इंडिया पोस्ट और कोरियर कंपनियां से समन्वय करना, उत्पादों के ऑनलाइन प्रचार-प्रसार करने के लिए ई-ब्रोशर्स तैयार करना, उत्पादकों के लिए हेल्पडेस्क की स्थापना करना एवं उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने जैसे आदि कार्य किए जाएंगे.
यह निर्यात विकास केंद्र महानिदेशक विदेश व्यापार भारत सरकार, इंडिया पोस्ट, विशेषज्ञ संस्थाओं तथा फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनजेशन तथा ई-मार्केट प्लेस कंपनियों (ई-वे, अमेजन) के सहयोग एवं समन्वय से कार्य करेंगे.
-डॉ. नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव (सूक्ष्म एवं लघु एवं मध्यम उद्यम)