लखनऊः अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा के खिलाफ उनके ही विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया था. सभी उनके दुर्व्यवहार से नाराज थे. मुख्य सचिव आरके तिवारी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया है. बीएल मीणा ने भविष्य में अधिकारियों और कर्मचारियों से दुर्व्यवहार नहीं करने का वादा किया है. इसके बाद अधिकारी और अल्पसंख्यक विभाग के कर्मचारी काम पर लौटने पर सहमत हो गए हैं.
ये है विवाद का कारण
राजस्थान कैडर के IAS बीएल मीणा उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव के पद पर तैनात हैं. कुछ महीनों से उनके व्यवहार से अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में गहरा रोष था. बीएल मीणा पर आरोप है कि वे महिलाओं, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बदतमीजी से पेश आते है. इसके बाद उनके विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बीएल मीणा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. शनिवार को प्रमुख सचिव बीएल मीणा हज समिति के दफ्तर पहुंचे तो उनसे नाराज कर्मचारियों और अधिकारियों ने उनको दफ्तर से लौटा दिया था. सभी ने प्रमुख सचिव बीएल मीणा के खिलाफ हाथों में तख्तियां लेकर हज कमेटी से लेकर लोक भवन तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान नारेबाजी भी की थी।
नंदी के आवास पर भी गए थे अधिकारी
प्रमुख सचिव बी एल मीणा की शिकायत करने के लिए नाराज अधिकारी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल नंदी के आवास पर भी गए थे. उनके इस कदम से प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई. इसके बाद बेहतरीन कामकाज के लिए पहचाने जाने वाले मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लिया. बीएल मीणा ने भी नाराज अधिकारियों और कर्मचारियों से पिछली बातें भूल जाने की बात कही. इसके साथ ही भविष्य में किसी भी प्रकार का खराब व्यवहार नहीं करने का वादा भी किया.
अधिकारियों, कर्मचारियों ने दी थी काम बंद करने की चेतावनी
बीएल मीणा के काम करने के तरीके और उनकी अभद्र टिप्पणियों से अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में आक्रोशित था. सभी ने बीएल मीणा को बर्खास्त करने तक की मांग उठाई थी. कार्रवाई नहीं होने पर अल्पसंख्यक विभाग के सभी कार्यालयों में काम ठप करने की चेतावनी दी थी. अब यह मामला रजामंदी से सुलझा लिया गया है. इस कारण मंगलवार को विभाग में आम दिनों की तरह कामकाज होगा.