लखनऊ : स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर अब समाजवादी पार्टी में भी दोफाड़ नजर आने लगे हैं. एक तरफ से बड़े विधायकों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर खुद को और पार्टी को अलग कर लिया है. मजे की बात यह है कि सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ताओं के सुर भी एक दूसरे से भिन्न नजर आ रहे हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए बयान को लेकर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता डॉ ऋचा सिंह ने भगवा वस्त्र पहनकर एक तरह से विरोध जताया. तब सपा के ही एक अन्य प्रवक्ता आई पी सिंह ने उनको 'कालनेमि' सिद्ध कर दिया. इसके बाद में दोनों प्रवक्ताओं के बीच में बहस शुरू हो गई. समाजवादी पार्टी अब इस मुद्दे पर खुद ही घिरती हुई महसूस कर रही है. दूसरी ओर शिवपाल सिंह यादव और मनोज पांडे जैसे वरिष्ठ विधायकों ने भी इस मुद्दे पर स्वामी प्रसाद मौर्य का साथ छोड़ा है. दोनों ने ही कहा है कि 'यह स्वामी प्रसाद मौर्य का व्यक्तिगत बयान है. इसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं.' मगर भारतीय जनता पार्टी अभी भी इस बात पर सवाल उठा रही है कि आखिर अखिलेश यादव इस पर अपना मत क्यों नहीं व्यक्त कर रहे.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था. उनका यह बयान रविवार को आया था, जिसमें उन्होंने रामचरितमानस को प्रतिबंधित करने की मांग की थी. इसके बाद में हंगामा खड़ा हो गया. भारतीय जनता पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को आड़े हाथों लिया है. भाजपा ने स्पष्ट कहा है कि 'स्वामी प्रसाद मौर्य का यह बयान अखिलेश यादव के इशारों पर दिया गया है. इसके बाद समाजवादी पार्टी में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.'
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@RoliTiwariMish1 के साथ हूँ।। #ब्राह्मण_नारी_रोली_तिवारी https://t.co/quQx3oko7t
— राजन मिश्र (@RajanMishra066) January 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ विधायक शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि 'यह स्वामी प्रसाद मौर्य का व्यक्तिगत बयान है और पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है. पार्टी इस से खुद को अलग करती है.' वहीं ऊंचाहार से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ विधायक मनोज पांडे ने भी इस मुद्दे पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से खुद को अलग किया है. इस मामले में कई अन्य प्रवक्ताओं ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से खुद को अलग किया है. केवल आई पी सिंह उनके साथ खड़े हुए नजर आ रहे हैं. जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि समाजवादी पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.
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इन सियासी रहनुमाओं में इतना गुमां कैसे
— Dr.Richa Singh (@RichaSingh_Alld) January 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हमारे जागने से
उनकी नींद में खलल कैसे..... pic.twitter.com/3OHEt9YUie
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कालनेमि का अर्थ आपको स्पष्ट कर दूं,
— Dr.Richa Singh (@RichaSingh_Alld) January 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
श्रीराम कार्य में बाधा डालने वाले को कालनेमि कहते हैं। जिसमें बाधा डालने @SwamiPMaurya पर राय व्यक्त करते तो अच्छा होता।
बाक़ी भगवा सतत-सनातन रंग है, इसे किसी राजनैतिक दल की पहचान बताना, सनातन समाज का अपमान है। @IPSinghSp https://t.co/JcVKLfjsrt
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— Dr.Richa Singh (@RichaSingh_Alld) January 24, 2023
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अखिलेश यादव भी बताए जा रहे हैं नाराज : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस पूरे प्रकरण के बीच आज सुबह पार्टी के मुख्यालय पहुंचे थे. सूत्रों का कहना है कि 'वे इस मुद्दे पर नाराज हैं.' उन्होंने नेताओं से कहा कि 'वे इस मुद्दे पर कोई बयान फिलहाल न दें.
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने इस विषय पर में कहा कि 'स्वामी प्रसाद मौर्य सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने के लिए प्रयास कर रहे हैं. जिसमें समाजवादी पार्टी में ही आपस में मतभेद हो गया है. मगर अखिलेश यादव का इस विषय पर बयान न आना बहुत ही आपत्तिजनक बात है.'