लखनऊ: राजधानी में एक बुजुर्ग के शव को दफनाने के लिए रविवार की सुबह दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए. जानकारी मिलते ही तहसीलदार और पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को संभाला. पुलिस की मदद से पीड़ित परिवारों ने शव को खुद की निजी जमीन में दफनाया. इसके बाद मामला शांत हुआ. घटना लखनऊ ग्रामीण क्षेत्र के रहीमाबाद थाने के मजरा मलखपुर की है.
मलखपुर में छविनाथ ने कुछ लोगों ने शव दफनाने से मना किया. शव दफनाने का विरोध करने पर दूसरे पक्ष के लोग आक्रोशित हो गए. इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया. क्षेत्राधिकारी मलिहाबाद योगेंद्र सिंह ने बताया कि मलखापुर गांव में सूबेदार (85) की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई है. उसके शव को दफनाने के लिए परिजन भूमि पर खुदाई कर रहे थे. तभी, गांव के ही रहने वाले छविनाथ ने इसका विरोध किया. छविनाथ का कहना था कि जिस स्थान पर दूसरे पक्ष के लोग शव को दफनाना चाहते थे, वह जमीन उसकी है.
जब कि सूबेदार के परिजनों का कहना था कि इस भूमि पर उसके पूर्वजों से शव दफन होते आ रहे हैं. इस बात पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया. बवाल बढ़ने पर लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना पर तहसीलदार विजय कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी योगेंद्र सिंह, प्रभारी निरीक्षक माल रहीमाबाद मौके पर पहुंचे और स्तिथि को संभाला. राजस्व अभिलेखों में की जांच में छविनाथ का दावा सही पाया गया है. इसके बाद मृतक के बेटे को सही स्थिति बताकर उनके कब्जे वाली जमीन में शव दफन करवा दिया गया है.
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