लखनऊ: नगर निगम में इस समय राजस्व विभाग के अधिकारी और नगर आयुक्त आमने सामने हैं. राजस्व विभाग के कर अधीक्षकों और राजस्व निरीक्षकों ने नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बता दें कि इन कर अधीक्षकों और राजस्व निरीक्षकों के खिलाफ बीते दिनों कार्रवाई की गई है. राजस्व वसूली में लापरवाही के चलते इनमें से कुछ को पद से भी हटाया गया है. जिसको लेकर बड़ी नाराजगी है.
बता दें, बीते दिनों जोन तीन से राजेश सिंह, जोन सात से चंद्रशेखर यादव और जोन एक से दिलीप श्रीवास्तव को हटाया गया था. जिसके बाद से ही विरोध के स्वर उठने लगे थे. यह विरोध अब खुलकर सामने आने लगा है. नगर आयुक्त की कार्यप्रणाली से नाराज कुछ अन्य अधिकारी भी इस पूरे विवाद को हवा देने में लगे हुए हैं.
नगर आयुक्त की तरफ से बीते दिनों राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की जा चुकी है. इसमें, वेतन रोकने से लेकर चार्जशीट और बर्खास्तगी के साथ ही जबरन सेवानिवृत्त करने की कार्रवाई भी शामिल है. इसको लेकर विभाग में काफी रोष है. वहीं, नगर आयुक्त का कहना है कि नगर निगम की आय का सबसे बड़ा स्रोत हाउस टैक्स है. इसकी वसूली में लापरवाही से पूरी कार्यप्रणाली ही प्रभावित हो जाएगी.
यह पहला मामला नहीं है, जब नगर निगम में राजस्व विभाग को लेकर विवाद की स्थिति खड़ी हुई हो. यहां के अधिकारियों पर लगातार सवाल उठते रहे हैं. बीते दिनों पार्षद सुनीता सिंघल ने 2 साल के आंकड़े प्रस्तुत कर गृह करके रिएसेसमेंट के नाम पर 60 करोड़ से ज्यादा का नुकसान नगर निगम को होने का खुलासा किया था. उनका आरोप था कि अधिकारियों की मिलीभगत से प्रभावशाली लोगों के हाउस टैक्स में मनमाने ढंग से कटौती कर दी गई हैं.
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