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असाध्य रोग योजना में मनमाना खर्चा होगा बंद, आयुष्मान से तय होंगे इलाज के रेट

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Published : Jul 26, 2021, 12:57 PM IST

बीपीएल कार्ड धारकों को असाध्य रोग के इलाज के लिए सरकार अलग बजट मुहैया कराती है. इसके लिए डॉक्टर 'ट्रीटमेंट एस्टीमेट' बनाता है, फिर मरीज के लिए धन जारी किया जाता है. मगर, इसमें सरकारी धन को मनमाना खर्च किया जा रहा है. ऐसे में अब इस योजना से मिलने वाला धन भी आयुष्मान भारत योजना के पैकेज के आधार पर आवंटित होगा.

असाध्य रोग योजना.
असाध्य रोग योजना.

लखनऊ: असाध्य रोग के इलाज के लिए सरकार बीपीएल कार्ड धारकों के लिए असाध्य रोग योजना चला रखी है. इसके तहत सरकार बीपीएल कार्ड धारकों के लिए अलग से बजट मुहैया कराती है. अभी तक देखा जा रहा था कि डॉक्टर ट्रीटमेंट एस्टीमेट बनाता है, फिर मरीज के लिए राशि जारी की जाती है. इसमें सरकारी धन को मनमाना तरीके से खर्च किया जाता है. ऐसे में अब इस योजना से मिलने वाला धन भी आयुष्मान भारत योजना के पैकेज के आधार पर आवंटित होगा.

असाध्य रोग योजना के तहत दुर्बल आय वर्ग के मरीजों का मुफ्त इलाज होता है. इसमें बीपीएल कार्ड धारक किडनी, कैंसर, ह्रदय रोग, लिवर रोग का इलाज करा सकते हैं. इसके लिए उन्हें पहले सरकारी संस्थान के डॉक्टर को ओपीडी में दिखाना होता है. डॉक्टर बीमारी के ट्रीटमेंट का एस्टीमेट बनाता है. इसके बाद मरीज चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में बने बीपीएल-असाध्य रोग काउंटर पर डॉक्टर का एस्टीमेट जमा करता है. इसी के आधार पर तय राशि चिकित्सा संस्थान असाध्य रोग योजना से मरीज के लिए जारी कर देता है. साथ ही उसका एक असाध्य रोग कार्ड बना दिया जाता है. इसके आधार पर उसकी जांच, दवा, ऑपरेशन तक मुफ्त होता है.

बीमारी एक अलग-अलग एस्टीमेट

असाध्य रोग योजना में डॉक्टर आकलन कर मरीज का एस्टीमेट बनाते हैं. ऐसे में एक ही विभाग के डॉक्टर अपनी ओपीडी के दिन एक ही बीमारी के मरीजों का अलग-अलग खर्च का एस्टीमेट बना देते हैं. ऐसे में सरकारी धन का जहां दुरुपयोग हो रहा है. वहीं सरकार से मिला बजट कम मरीजों उपयोग में ही आ पा रहा है.

इसे भी पढ़ें- ये हैं योगा के पहले पीएचडी होल्डर, योग के जरिए दूर करते हैं असाध्य रोग

केजीएमयू ने शुरू की पहल

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक असाध्य रोग और आयुष्मान भारत दोनों ही सरकारी योजना है. आयुष्मान में बीमारियों के पैकेज और उनके शुल्क तय हैं. वहीं असाध्य रोग योजना में कोई पैकेज तय नहीं है. ऐसे में असाध्य रोग योजना से जिन बीमारियों का इलाज होता है, उनके पैकेज आयुष्मान के आधार पर तय करने के कुलपति ने आदेश जारी किया है. इसका अध्ययन किया जा रहा है, जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा.

40 करोड़ है बजट, 1574 आयुष्मान में पैकेज

सरकार ने आयुष्मान योजना के लिए वर्ष भर में औसतन 40 करोड़ का बजट तय किया है. इसमें साल भर में 18 से 20 करोड़ केजीएमयू, 4 करोड़ पीजीआई, 5 करोड़ लगभग लोहिया संस्थान को मिलता है. यह बजट मरीज और इलाज के खर्च के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. आयुष्मान में करीब 1574 पैकेज तय हैं.

लखनऊ: असाध्य रोग के इलाज के लिए सरकार बीपीएल कार्ड धारकों के लिए असाध्य रोग योजना चला रखी है. इसके तहत सरकार बीपीएल कार्ड धारकों के लिए अलग से बजट मुहैया कराती है. अभी तक देखा जा रहा था कि डॉक्टर ट्रीटमेंट एस्टीमेट बनाता है, फिर मरीज के लिए राशि जारी की जाती है. इसमें सरकारी धन को मनमाना तरीके से खर्च किया जाता है. ऐसे में अब इस योजना से मिलने वाला धन भी आयुष्मान भारत योजना के पैकेज के आधार पर आवंटित होगा.

असाध्य रोग योजना के तहत दुर्बल आय वर्ग के मरीजों का मुफ्त इलाज होता है. इसमें बीपीएल कार्ड धारक किडनी, कैंसर, ह्रदय रोग, लिवर रोग का इलाज करा सकते हैं. इसके लिए उन्हें पहले सरकारी संस्थान के डॉक्टर को ओपीडी में दिखाना होता है. डॉक्टर बीमारी के ट्रीटमेंट का एस्टीमेट बनाता है. इसके बाद मरीज चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में बने बीपीएल-असाध्य रोग काउंटर पर डॉक्टर का एस्टीमेट जमा करता है. इसी के आधार पर तय राशि चिकित्सा संस्थान असाध्य रोग योजना से मरीज के लिए जारी कर देता है. साथ ही उसका एक असाध्य रोग कार्ड बना दिया जाता है. इसके आधार पर उसकी जांच, दवा, ऑपरेशन तक मुफ्त होता है.

बीमारी एक अलग-अलग एस्टीमेट

असाध्य रोग योजना में डॉक्टर आकलन कर मरीज का एस्टीमेट बनाते हैं. ऐसे में एक ही विभाग के डॉक्टर अपनी ओपीडी के दिन एक ही बीमारी के मरीजों का अलग-अलग खर्च का एस्टीमेट बना देते हैं. ऐसे में सरकारी धन का जहां दुरुपयोग हो रहा है. वहीं सरकार से मिला बजट कम मरीजों उपयोग में ही आ पा रहा है.

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केजीएमयू ने शुरू की पहल

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक असाध्य रोग और आयुष्मान भारत दोनों ही सरकारी योजना है. आयुष्मान में बीमारियों के पैकेज और उनके शुल्क तय हैं. वहीं असाध्य रोग योजना में कोई पैकेज तय नहीं है. ऐसे में असाध्य रोग योजना से जिन बीमारियों का इलाज होता है, उनके पैकेज आयुष्मान के आधार पर तय करने के कुलपति ने आदेश जारी किया है. इसका अध्ययन किया जा रहा है, जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा.

40 करोड़ है बजट, 1574 आयुष्मान में पैकेज

सरकार ने आयुष्मान योजना के लिए वर्ष भर में औसतन 40 करोड़ का बजट तय किया है. इसमें साल भर में 18 से 20 करोड़ केजीएमयू, 4 करोड़ पीजीआई, 5 करोड़ लगभग लोहिया संस्थान को मिलता है. यह बजट मरीज और इलाज के खर्च के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. आयुष्मान में करीब 1574 पैकेज तय हैं.

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