लखनऊ: यूपी में कोरोना का प्रकोप लगातार जारी है. वायरस अब शहर से लेकर गांव तक पैर पसार चुका है. ऐसे में जिलों के मेडिकल कॉलेजों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के इलाज की व्यवस्था दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. वहीं चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक डॉ. के के गुप्ता बीमारी का हवाला देते छुट्टी पर चले गए हैं.
योगी सरकार बनते ही मेरठ कॉलेज के प्रिंसिपल रहे डॉक्टर के के गुप्ता को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक बनाया गया था. इस पद पर डॉ. गुप्ता की तैनाती को लेकर मेरिट को दरकिनार करने पर भी सवाल उठे थे. वहीं अब कोरोना काल में मेडिकल कॉलेजों की अहम भूमिका है. यूपी में करीब 24 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं. वहीं 28 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी कोरोना इलाज के लिए सरकार ने हैंड ओवर किया है. इस दौरान चिकित्सा शिक्षा के अफसरों का अहम रोल है. वहीं चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉक्टर केके गुप्ता एकाएक छुट्टी पर जाने से कोरोना की तैयारियों को लेकर भी धक्का लगा है. साथ ही तमाम तरह के सवाल भी उठ रहे हैं.
रिटायरमेंट की तारीख तक लिया अवकाश
डॉक्टर के के गुप्ता ने 9 मई को विभाग को दिए पत्र में डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों का हवाला देते हुए अवकाश मांगा. साथ ही अपनी सेवानिवृत्ति की तारीख 30 सितंबर तक अवकाश स्वीकृत करने का अनुरोध भी किया है. सेवानिवृत्ति की तारीख तक अवकाश लेने के लिए तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है. विभागीय स्टाफ के मुताबिक वह इस समय काफी दबाव महसूस कर रहे थे. शासन स्तर से भी कुछ अज्ञात दबाव उन पर था. मगर किसी से उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं किया.
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