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समाज कल्याण विभाग की योजनाओं में फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक, इन योजनाओं में डिजिटलाइजेशन का काम शुरू

जरूरतमंद लोगों को लाभ मिल सके इसके लिए समाज कल्याण विभाग कई योजनाएं चलाता है. योजनाओं में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए विभाग ने नियमों में बदलाव किया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 6:40 AM IST

लखनऊ : समाज कल्याण निदेशालय ने विभिन्न योजनाओं में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अपने नियमों में काफी बदलाव किया है. विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समाज के जरूरतमंद लोगों को लाभ पहुंचता है. निदेशालय ने विभागीय योजनाओं को और पारदर्शी करने के साथ ही इसमें हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए योजनाओं का डिजिटलाइजेशन करने का काम शुरू कर दिया है. योजना का लाभ लेने के लिए अब पात्र अभ्यर्थियों को पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. अभी तक समाज कल्याण विभाग की कई योजनाओं में अभ्यर्थियों को उसका लाभ लेने के लिए आवेदन फॉर्म ऑफलाइन भरना होता था.

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'विभाग की ओर से संचालित योजनाओं में कई योजनाएं ऐसी हैं, जिसमें ऐसे दस्तावेज प्रयोग किए जाते हैं जो फर्जी होते हैं. विशेष तौर पर मृत्यु प्रमाण पत्र या आय प्रमाण पत्र का दुरुपयोग विभाग की कई योजनाओं में सबसे अधिक होता है. प्रमाण पत्रों की तिथि से छेड़छाड़ की जाती है. इसी को देखते हुए निदेशालय की ओर से राष्ट्रीय पारिवारिक योजना, सामूहिक शादी विवाह योजना और आश्रम पद्धति योजना में इस साल से बदलाव किया गया है. अब इन योजनाओं में आवेदन के लिए पूरी तरह से डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया लागू की गई है. राष्ट्रीय पारिवारिक योजना में अब मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य प्रमाण पत्रों का ऑनलाइन सत्यापन कराया जाएगा, वहीं राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के डिजिटलाइजेशन को लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया गया है. राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के तहत ₹30 हजार की एकमुश्त आर्थिक सहायता दी जाती है. इस योजना में आवेदन करने वाले की शहरी क्षेत्र में 56450 रुपए प्रतिवर्ष और ग्रामीण क्षेत्र में 46080 रुपए होनी चाहिए. वहीं राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मृत्यु की तिथि से एक वर्ष के भीतर आवेदन करना होगा. इस योजना में आवेदन करने वाले अभ्यर्थी का बैंक खाता आधार से लिंक होगा तभी उसे सहायता राशि प्रदान की जाएगी.

डॉक्यूमेंट का ऑनलाइन वेरीफिकेशन होगा : निदेशक समाज कल्याण पवन कुमार ने बताया कि 'योजनाओं में और पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटाइजेशन का काम शुरू कर दिया गया है. शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे इसको लेकर इन योजनाओं में काफी सुधार किया गया है. उन्होंने बताया कि बीते कुछ समय में इन योजनाओं में फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं. जो भी दस्तावेज योजनाओं में लगाए जाते हैं या तो वह पूरी तरह से फर्जी होते हैं या फिर उनकी तिथियां में कुछ ना कुछ हेरफेर किया होता है. ऐसे में अब इन योजनाओं में लगने वाले सभी सर्टिफिकेट का ऑनलाइन वेरिफिकेशन कराया जाएगा. ऐसे में अभ्यर्थी ऑनलाइन मोड में ही आवेदन करेंगे और सभी सर्टिफिकेट्स की सॉफ्ट कॉपी को वेबसाइट पर अपलोड करना होगा. इसके बाद समाज कल्याण विभाग संबंधित विभागों से डायरेक्ट ऑनलाइन ही इन सभी सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन कराएगा. सही पाए जाने के बाद ही अभ्यर्थियों को संबंधित योजना का लाभ मिलेगा.

यह भी पढ़ें : योगी सरकार ग्राम पंचायतों को बनाएगी 'टीबी मुक्त', अधिकारियों को दिये यह निर्देश

लखनऊ : समाज कल्याण निदेशालय ने विभिन्न योजनाओं में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अपने नियमों में काफी बदलाव किया है. विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समाज के जरूरतमंद लोगों को लाभ पहुंचता है. निदेशालय ने विभागीय योजनाओं को और पारदर्शी करने के साथ ही इसमें हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए योजनाओं का डिजिटलाइजेशन करने का काम शुरू कर दिया है. योजना का लाभ लेने के लिए अब पात्र अभ्यर्थियों को पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. अभी तक समाज कल्याण विभाग की कई योजनाओं में अभ्यर्थियों को उसका लाभ लेने के लिए आवेदन फॉर्म ऑफलाइन भरना होता था.

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'विभाग की ओर से संचालित योजनाओं में कई योजनाएं ऐसी हैं, जिसमें ऐसे दस्तावेज प्रयोग किए जाते हैं जो फर्जी होते हैं. विशेष तौर पर मृत्यु प्रमाण पत्र या आय प्रमाण पत्र का दुरुपयोग विभाग की कई योजनाओं में सबसे अधिक होता है. प्रमाण पत्रों की तिथि से छेड़छाड़ की जाती है. इसी को देखते हुए निदेशालय की ओर से राष्ट्रीय पारिवारिक योजना, सामूहिक शादी विवाह योजना और आश्रम पद्धति योजना में इस साल से बदलाव किया गया है. अब इन योजनाओं में आवेदन के लिए पूरी तरह से डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया लागू की गई है. राष्ट्रीय पारिवारिक योजना में अब मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य प्रमाण पत्रों का ऑनलाइन सत्यापन कराया जाएगा, वहीं राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के डिजिटलाइजेशन को लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया गया है. राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के तहत ₹30 हजार की एकमुश्त आर्थिक सहायता दी जाती है. इस योजना में आवेदन करने वाले की शहरी क्षेत्र में 56450 रुपए प्रतिवर्ष और ग्रामीण क्षेत्र में 46080 रुपए होनी चाहिए. वहीं राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मृत्यु की तिथि से एक वर्ष के भीतर आवेदन करना होगा. इस योजना में आवेदन करने वाले अभ्यर्थी का बैंक खाता आधार से लिंक होगा तभी उसे सहायता राशि प्रदान की जाएगी.

डॉक्यूमेंट का ऑनलाइन वेरीफिकेशन होगा : निदेशक समाज कल्याण पवन कुमार ने बताया कि 'योजनाओं में और पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटाइजेशन का काम शुरू कर दिया गया है. शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे इसको लेकर इन योजनाओं में काफी सुधार किया गया है. उन्होंने बताया कि बीते कुछ समय में इन योजनाओं में फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं. जो भी दस्तावेज योजनाओं में लगाए जाते हैं या तो वह पूरी तरह से फर्जी होते हैं या फिर उनकी तिथियां में कुछ ना कुछ हेरफेर किया होता है. ऐसे में अब इन योजनाओं में लगने वाले सभी सर्टिफिकेट का ऑनलाइन वेरिफिकेशन कराया जाएगा. ऐसे में अभ्यर्थी ऑनलाइन मोड में ही आवेदन करेंगे और सभी सर्टिफिकेट्स की सॉफ्ट कॉपी को वेबसाइट पर अपलोड करना होगा. इसके बाद समाज कल्याण विभाग संबंधित विभागों से डायरेक्ट ऑनलाइन ही इन सभी सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन कराएगा. सही पाए जाने के बाद ही अभ्यर्थियों को संबंधित योजना का लाभ मिलेगा.

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