लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले पर ब्रेक लगाने के लिए वैक्सीन एक ठोस हथियार है. वैक्सीनेशन के पांचवे चरण में 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. जिसके लिए बुधवार (28 मई) से ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस दौरान पोर्टल बार-बार हैंग होने से लाभार्थियों को परेशानियां उठानी पड़ रही है. दरअसल, पंजीकरण के लिए पोर्टल पर मोबाइल नंबर डालने पर 180 सेकण्ड के अंदर ओटीपी वेरिफिकेशन के लिये भरना है. लेकिन, पोर्टल बार-बार हैंग होने से लाभार्थियों को पंजीकरण करने में मुश्किल हो रही है.
राज्य में जनवरी महीने से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरूआत की गई थी. सरकार ने सबसे पहले हेल्थ वर्करों के टीकाकरण का फैसला लिया था. इसके बाद फ्रंट वर्करों को वैक्सीन लगाई गई थी. उसके बाद 60 वर्ष से ऊपर और 45 वर्ष से अधिक बीमार लोगों का वैक्सीनेशन किया गया था. वहीं, अब 45 साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. अब पांचवें चरण में 18 वर्ष के ऊपर के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. जिसकी तादाद तकरीबन 9 करोड़ है. बता दें कि अब तक 1 करोड़ 18 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.
1 करोड़ वैक्सीन की डोज का ऑर्डर
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने वैक्सीन की एक करोड़ डोज का ऑर्डर भेजा है. इसमें 50 लाख डोज कोवैक्सीन की होगी. जिसे भारत बायोटेक ने बनाया है. वहीं 50 लाख वैक्सीन की डोज कोविशील्ड की आएगी.
ये हैं नियम
- सोमवार से शनिवार तक सभी मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय व सीएचसी पर वैक्सीन लगाई जाएगी.
- पीएचसी-हेल्थ वेलनेस सेंटर पर सोमवार, गुरुवार व शुक्रवार को वैक्सीनेशन होगा.
- कोविन पोर्टल. http://cowin.gov.in पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व सेंटर पर ऑफ लाइन पंजीकरण
- दो तरह की वैक्सीन है. पहली का नाम है को-वैक्सीन, दूसरा नाम है कोविड-शील्ड
- जिन लोगों ने को-वैक्सीन लगवाई है. उनकी दूसरी डोज चार सप्ताह के बाद लगेगी
- कोविड शील्ड लगवाई है. उनकी दूसरी डोज 6 से 8 सप्ताह के बीच लगेगी
- वर्तमान में राज्य के 6,675 केंद्रों पर वैक्सीन लगने की व्यवस्था है.
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