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अजीत सिंह हत्याकांडः धनंजय सिंह ने निष्पक्ष जांच की मांग वाली याचिका ली वापस

अजीत सिंह हत्याकांड में अभियुक्त बनाए गए पूर्व सांसद धनंजय सिंह की ओर से निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी. धनंजय सिंह ने इस याचिका को वापस ले लिया है. वापस लेने के आधार पर न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया.

लखनऊ हाईकोर्ट.
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Published : Mar 12, 2021, 10:40 PM IST

लखनऊः अजीत सिंह हत्याकांड में अभियुक्त बनाए गए पूर्व सांसद धनंजय सिंह की ओर से निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका को वापस ले लिया गया है. वापस लेने के आधार पर न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने धनंजय सिंह की याचिका पर पारित किया.

याचिका में अजीत सिंह हत्याकांड मामले के निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी. मामले पर कुछ देर की बहस के उपरांत याची के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लिए जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया. साथ ही उन्होंने न्यायालय से यह भी मांग की कि यदि याची को बेगुनाह सिद्ध करने लायक साक्ष्य आते हैं तो उसे पुनः नई याचिका दाखिल करने की भी स्वतंत्रता रहे. न्यायालय ने नई याचिका की छूट प्रदान करते हुए, वर्तमान याचिका को खारिज कर दिया है.

इसे भी पढ़ें- बाहुबली धनंजय : छात्र जीवन से अपराध और राजनीति से जेल तक का सफर

उल्लेखनीय है कि 6 जनवरी 2021 को पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या विभूति खंड थाना क्षेत्र अंतर्गत कर दी गई थी. मामले की विवेचना में पूर्व सांसद धनंजय सिंह का भी नाम आया. 6 मार्च को धनंजय सिंह की ओर से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ के समक्ष एक प्रार्थना पत्र भी दिया गया. इसमें पुलिस को उसका वारंट बी न प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया. प्रार्थना पत्र में गिरधारी के कथित एनकाउंटर का हवाला भी दिया गया.

लखनऊः अजीत सिंह हत्याकांड में अभियुक्त बनाए गए पूर्व सांसद धनंजय सिंह की ओर से निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका को वापस ले लिया गया है. वापस लेने के आधार पर न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने धनंजय सिंह की याचिका पर पारित किया.

याचिका में अजीत सिंह हत्याकांड मामले के निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी. मामले पर कुछ देर की बहस के उपरांत याची के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लिए जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया. साथ ही उन्होंने न्यायालय से यह भी मांग की कि यदि याची को बेगुनाह सिद्ध करने लायक साक्ष्य आते हैं तो उसे पुनः नई याचिका दाखिल करने की भी स्वतंत्रता रहे. न्यायालय ने नई याचिका की छूट प्रदान करते हुए, वर्तमान याचिका को खारिज कर दिया है.

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उल्लेखनीय है कि 6 जनवरी 2021 को पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या विभूति खंड थाना क्षेत्र अंतर्गत कर दी गई थी. मामले की विवेचना में पूर्व सांसद धनंजय सिंह का भी नाम आया. 6 मार्च को धनंजय सिंह की ओर से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ के समक्ष एक प्रार्थना पत्र भी दिया गया. इसमें पुलिस को उसका वारंट बी न प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया. प्रार्थना पत्र में गिरधारी के कथित एनकाउंटर का हवाला भी दिया गया.

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