लखनऊ: अजीत सिंह हत्याकांड में अभियुक्त बनाए गए पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने सीजेएम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल करते हुए, इस मामले में पुलिस द्वारा उनसे पूछताछ न किये जाने के मुद्दे को उठाया है. उनकी अर्जी पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी ने पुलिस से आख्या तलब की है.
शुक्रवार को उक्त अर्जी दाखिल करते हुए, धनंजय सिंह के अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने दलील दी कि अजीत सिंह हत्याकांड के इस मामले में धनंजय सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही थी. यही नहीं उन पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद धनंजय सिंह ने पांच मार्च को प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में एक दूसरे मामले में आत्मसमर्पण कर दिया.
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इसके बाद 6 मार्च को उन्होंने कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए, पुलिस को उसका वारंट बी न प्रदान किये जाने का अनुरोध किया. प्रार्थना पत्र में गिरधारी के कथित एनकाउंटर का हवाला देते हुए, पुलिस से खुद की जान को खतरा बताया. शुक्रवार को दाखिल अर्जी में धनंजय सिंह की ओर से कहा गया कि यह आश्चर्य की बात है कि जो पुलिस अजीत सिंह हत्या मामले में उन्हें पकड़ने का हर प्रयास कर रही थी, उनके आत्मसमर्पण के बाद अब तक उनसे पूछताछ का कोई प्रयास ही नहीं किया है.
अर्जी में मांग की गई है कि पुलिस से मामले की केस डायरी तलब की जाए. यदि वह इस मामले में वांछित हैं तो यथोचित आदेश पारित किया जाए. अर्जी पर अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 22 मार्च की तिथि तय की है.