लखनऊ: डीजीपी ओपी सिंह ने नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण से गोपनीय रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने के मामले में स्पष्टीकरण मांगा है. डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट के तहत गोपनीय रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. एडीजी जोन मेरठ को निर्देशित किया गया है कि वह रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के संदर्भ में स्पष्टीकरण उपलब्ध कराएं.
- डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नोएडा एसएसपी से स्पष्टीकरण मांगा है.
- नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा गोपनीय रिपोर्ट सार्वजनिक की गई थी.
- ऑल इंडिया सर्विस एक्ट के तहत गोपनीय रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकती.
- एडीजी मेरठ जोन को निर्देशित किया है कि वह स्पष्टीकरण रिपोर्ट उपलब्ध कराएं.
गोपनीय रिपोर्ट सार्वजनिक होने पर मांगा स्पष्टीकरण
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने नोएडा एसएसपी द्वारा भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट और अन्य पुलिस के अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों पर सफाई दी. डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि एसएसपी नोएडा की ओर से भेजी गई रिपोर्ट गृह विभाग से पुलिस विभाग को भेजी गई थी. रिपोर्ट के आधार पर पांच लोगों पर कार्रवाई की गई थी. जिनमें से दो जेल में हैं, दो बेल पर हैं और दो फरार चल रहे हैं. ये सभी आरोपी फर्जी दस्तावेज के आधार पर टेंडर लेना चाहते थे. इससे पहले एसएसपी वैभव कृष्ण ने चार पत्रकारों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की थी, जिसमें एक आरोपी फरार है और तीन जेल में बंद हैं, दो बार इनकी जमानत खारिज हो चुकी है.
रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एसएसपी नोएडा द्वारा दी गई गोपनीय रिपोर्ट एडीजी मेरठ को सौंपी गई है. जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए एडीजी मेरठ से 15 दिन का समय मांगा है. 15 दिनों के बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी. अश्लील वीडियो लीक होने के बाद नोएडा के सेक्टर 20 थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एसपी हापुड़ संजीव शेखर मामले की जांच कर रहे हैं. बेहतर तरीके से जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट, एसटीएफ से मदद ली जा रही है.
रिपोर्ट के आधार पर होगी आगे की कार्रवाई
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि एसएसपी नोएडा ने अपनी जांच रिपोर्ट पर जिन अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं, उनकी जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि इस जांच रिपोर्ट में छह अधिकारियों का जिक्र है जिसमें पूर्व ओएसडी मुख्यमंत्री मनोज भरोदिया का भी नाम शामिल है. गोपनीय रिपोर्ट में आरोपी अधिकारियों पर जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी