लखनऊ : शुक्रवार को सहारनपुर के देवबंद से पकड़े गए जैश ए मोहम्मद के दोनों आतंकियों की पुलिस रिमांड के पहले दिन डीजीपी ओपी सिंह पूछताछ करने एटीएस ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे. 4 घंटे तक डीजीपी ने दोनों आतंकियों से सिलसिलेवार तरीके से ट्रेनिंग प्रोग्राम और उनकी प्लानिंग पर खुद पूछताछ की. पहले दिन की पूछताछ में यूपी एटीएस को दोनों संदिग्धों से और उनके मोबाइल से बेहद अहम जानकारियां हासिल हुई हैं.
डीजीपी ओपी सिंह ने आतंकियों से की पूछताछ.
शनिवार शाम 8:30 बजे से शुरू हुई जैश ए मोहम्मद के दोनों संदिग्ध आतंकियों शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक की 10 दिन की पुलिस रिमांड के पहले दिन पूछताछ करने खुद डीजीपी एटीएस ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे थे. डीजीपी ने अपने पूछताछ में सबसे पहला सवाल यही पूछा कि पुलिस ने तुमको सही पकड़ा है या गलत फंसा दिया है?. जिस पर दोनों संदिग्धों ने कबूला कि वह कश्मीर में जैश के आतंकियों से बीबीएम के जरिए संपर्क में थे और वहां से मिलने वाले निर्देशों का पालन कर रहे थे. डीजीपी ने इसके बाद दोनों संदिग्धों से बारी-बारी से उनके भारत में मंसूबे, तैयारियों पर सवाल करते रहे. दोनों संदिग्धों से पूछताछ के बाद ओपी सिंह ने कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह से भी जांच में समन्वय के लिए बात की.
10 दिन की कस्टडी रिमांड में अभी तक एनआईए और आईबी की कोई भी टीम पूछताछ करने नहीं पहुंची है. यूपी एटीएस के अफसर ही दोनों संदिग्धों से पूछताछ कर रहे हैं. पहले दिन की पूछताछ में यूपी एटीएस ने दोनों संदिग्धों के बरामद मोबाइल को भी खंगाला, जिससे कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी. दोनों संदिग्धों के मोबाइल से साफ हो गया है कि पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को संदेश पहुंचाने के लिए दोनों संदिग्ध आतंकी बीबीएम इस्तेमाल करते थे. इतना ही नहीं वर्चुअल नंबर ऐप के जरिए भी यह अपने गुप्त संदेश अपने आकाओं तक पहुंचा रहे थे. मैसेजिंग में हथियारों के मूवमेंट और एक बड़ी घटना की साजिश और उसकी तैयारी की जानकारी यूपी एटीएस को हाथ लगी है.
पूछताछ के दौरान आतंकी शाहनवाज तेली के सीने में दर्द की शिकायत हुई जिसपर एटीएस की टीम उसे लोहिया अस्पताल से डॉक्टर और फिजियोथैरेपिस्ट को भी लेकर पूछताछ के ठिकाने पर पहुंची. यहां दवा देने के बाद शाहनवाज की तबियत सामान्य बताई जा रही है. फिलहाल पहले दिन की पूछताछ के बाद माना जा रहा है कि एनआईए की दिल्ली टीम और आईबी के साथ-साथ कश्मीर से भी एक टीम पूछताछ के लिए लखनऊ में पहुंच सकती है.