लखनऊ: उत्तर प्रदेश में किसी भी व्यक्ति का पासपोर्ट पुलिस ऐसे ही बिना किसी ठोस कारण के निरस्त करने की संस्तुति नहीं कर सकेगी. डीजीपी डीएस चौहान ने जिलों के सभी पुलिस कप्तानों को सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश और पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया के संबंध में विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर लिया जाए.
डीजीपी डीएस चौहान ने निर्देश देते हुए कहा है कि कोई भी पुलिस अधिकारी बिना उचित व पर्याप्त कारण के किसी भी आवेदक के पासपोर्ट आवेदन पत्र को निरस्त करने की संस्तुति न करे. उन्होंने निर्देश देते हुए बीते दिनों जारी हुए हाईकोर्ट के आदेश व पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया के संबंध में विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर लेने के लिए कहा. डीजीपी ने निर्देश दिए कि पासपोर्ट आवेदन पत्रों का सत्यापन करने के दौरान इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए. सत्यापन के दौरान पूरी सतर्कता बरती जाए. आवेदक के संबंध में थाने के रिकॉर्ड में उपलब्ध समस्त सूचनाओं के आधार पर ही संस्तुति की जाए.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में आजमगढ़ के रहने वाले बासु यादव ने स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट पर पासपोर्ट जारी नहीं करने की संस्तुति के विरोध में याचिका दायर की थी. इस पर हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2022 को पासपाेर्ट सत्यापन को लेकर अहम दिशा-निर्देश जारी किए. स्थानीय पुलिस ने बासु यादव के खिलाफ दर्ज दो असंज्ञेय अपराध की वजह से पासपोर्ट जारी नहीं करने की संस्तुति की थी. जबकि दोनों मामलों की जांच नहीं हो रही थी. हाईकोर्ट ने माना कि इस आधार पर पासपोर्ट आवेदन निरस्त करने की संस्तुति नहीं की जा सकती है. साथ ही, डीजीपी को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने का भी आदेश दिया था.
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