कुशीनगर: यूपी और बिहार की सीमा पर स्थित कुशीनगर जिले के बांसी घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने नदी में स्नान किया. 'सौ काशी तो एक बांसी' की कहावत को चरितार्थ करते हुए रामायण कालीन इस नदी के दोनों किनारों पर जुटे लोगों ने स्नान-दान किया. क्षेत्रीय सांसद और जिले के आलाधिकारी भी इस मौके पर पहुंचे.
कुशीनगर के मुख्यालय पड़रौना नगर क्षेत्र से महज 8 किमी दूर यूपी और बिहार की सीमा को बांटने वाली बांसी नदी के घाट पर इस बार जिला प्रशासन ने काफी अच्छी तैयारी की थी. गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर और इसके साथ ही दूर-दूर से आए लाखों श्रद्धालुओं ने यहां पुण्य अर्जित करने के दृष्टिकोण से नदी में डुबकी लगाई. गोरखपुर से अपने पति के साथ आईं लीलावती देवी ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि इस धाम के बारे में बहुत सुना था लेकिन पहली बार आना हुआ, अच्छा लगा.
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जिला प्रशासन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में बनारस से आए पंडितों ने नदी किनारे आरती की. इस मौके पर क्षेत्रीय सांसद विजय दूबे ने कहा कि इस स्थान का पौराणिक महत्व है. भगवान राम अयोध्या लौटते समय यहां एक रात्रि विश्राम किए थे. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यहां और अच्छा इंतजाम किया जाएगा.
कानपुर में कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई
देशभर में आज कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. तड़के सुबह से ही शहर के तमाम घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाते हुए विधि विधान पर गंगा पूजन के साथ परिवार की सुख समृद्धि की कामना की. कार्तिक पूर्णिमा पर सरसैया घाट पर भारी संख्या में भक्तों का तांता सुबह से ही उमड़ पड़ा. इस दौरान घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम भी रहे. गंगा स्नान के दौरान कोई भी अप्रिय घटना न हो इसको लेकर लगातार जल पुलिस भी गंगा में नाव द्वारा निरीक्षण करते हुए नजर आई. कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के रूप में भी जाना जाता है. आज शाम होते-होते शहर के सभी घाटों पर दीपदान भी किया जाएगा.