लखनऊ : देवाज्ञ जब ढाई साल के थे, तब 51 अलग तरीके के परिवहन साधनों को पहचानकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया. पिता प्रतीक दीक्षित को वाद्य यंत्रों में रुचि रही है. देवाज्ञ ने भी पिता के गुर को आत्मसात किया और दो साल की उम्र से ड्रम सीखना शुरू कर दिया. तीन साल की उम्र में पहली स्टेज प्रस्तुति दी. बेहतरीन ड्रमर होने के साथ ही देवाज्ञ प्यानो, गिटार, कहोन (ब्राजीलियन वाद्य यंत्र), मिस्त्र का खास ड्रम बजाने में माहिर हैं और चेस भी खेलते हैं.
शहर के नन्हें संगीत उस्ताद देवाज्ञ ने फिर विश्व रिकॉर्ड बनाया है. 10 वर्षीय देवाज्ञ दीक्षित ने गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है. ड्रम पर एक मिनट में 10 हजार बीट्स निकालने वाले देवाज्ञ ने एक ही साथ सात विश्व रिकॉर्ड बनाकर देश का नाम रोशन किया है. देवाज्ञ सिन्थेसाइजर, ड्रम, तबला, कैजान, द बुका व गिटार बजाने में एक समान महारथ रखते हैं. देवाज्ञ जब दो वर्ष के थे, तभी से वाद्य यंत्र बजाते हैे. देश में कम उम्र के वाद्य यंत्र बजाने वाले कलाकारों में देवाज्ञ सबसे छोटे हैं. देवाज्ञ ने देश के अलग-अलग हिस्सों में 160 से अधिक लाइव ड्रम सोलो शो पेश किए हैं. देवाज्ञ ने कुंभ मेला, दिल्ली, शिरडी समेत सभी प्रमुख शहरों में अपनी प्रस्तुतियां दी हैं. उसकी लोकप्रियता को देखते हुए केजीएमयू ने अगले पांच साल के लिए उसे आईबैंक का ब्रांड एंबेसडर चुना.
प्रतीक दीक्षित ने बताया कि उनका बेटा परफॉर्मेस के लिए कोई खास रियाज नहीं करता है. अपने गुरु के दिशा-निर्देश के अनुसार तैयारी करता है. अब तक 100 से अधिक सोलो और 150 से अधिक ग्रुप प्रस्तुतियां दे चुका देवाज्ञ अब थिएटर भी सीख रहा है. सात गोल्डन अवॉर्ड से नवाजे जाने पर मां राशि दीक्षित और पिता प्रतीक दीक्षित को बेटे पर गर्व है. देवाज्ञ के नाम 10 वर्ल्ड रिकॉर्ड, 25 नेशनल अवार्ड और ग्लोबल चाइल्ड अवार्ड हैं.
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