लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अधिकारियों पर चिंताएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उम्मीद थी कि जून के पहले सप्ताह से गर्मी का सितम कम होने लगेगा. लेकिन, इसका उल्टा हो रहा है. गर्मी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है, जो बिजली विभाग के लिए चिंता का सबब बन रहा है. रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति के बावजूद गांव से लेकर शहर और कस्बे तक भीषण बिजली संकट से जूझ रहे हैं. आलम यह है कि लोगों को शहर में 24 घंटे बिजली तो दूर कई इलाकों में 18 घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है, गांवों में तो हालत ज्यादा ही खस्ता हो गया है.
बिजली विभाग इस बार बिजली आपूर्ति में लगातार रिकॉर्ड तो बना रहा है. लेकिन, गर्मी भी रिकॉर्ड तोड़े हुए हैं. लिहाजा, बिजली सप्लाई के रिकॉर्ड पर भीषण गर्मी पानी फेर रही है. मई में जहां पावर कारपोरेशन ने 24,348 मेगावाट विद्युत आपूर्ति का रिकॉर्ड बनाया था, वहीं पिछले मंगलवार को विभाग ने 26,215 मेगावाट बिजली आपूर्ति करके नया रिकॉर्ड स्थापित किया. बावजूद इसके अभी तक बिजली के लिए लोग तरस रहे हैं. जब रिकॉर्ड आपूर्ति भी हो रही है बावजूद इसके लोगों को रोस्टर के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है.
हालांकि, ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा का यह जरूर कहना है कि उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए ऊर्जा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. अब 'संभव' नाम की व्यवस्था शुरू हो गई है जिस पर उपभोक्ता अपनी शिकायतों का समाधान समय पर पा लेते हैं. ऐसे में अभी स्थिति जरूर सुधरेगी. लखनऊ में खस्ता होती बिजली आपूर्ति को लेकर अब पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने कमान अपने हाथ ले ली है. उनका दावा है कि लखनऊ की बिजली आपूर्ति व्यवस्था हरहाल में बेहतर रहेगी. बता दें कि गांवों में अभी भी पौने दो घंटे, तहसील मुख्यालयों पर 15 मिनट और बुंदेलखंड क्षेत्र में करीब सवा घंटे बिजली रोस्टर के मुताबिक कम सप्लाई हो रही है.
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बिजली की बढ़ती मांग के चलते विभागीय उपकरण लगातार दगा दे रहे हैं. राजाजीपुरम जैसे इलाके से लेकर गोमतीनगर जैसे पॉश इलाके और सरोजिनीनगर की तरफ बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से लोग परेशान हो गए हैं. ठाकुरगंज के गऊघाट उपकेंद्र से पोषित तमाम इलाकों में अभी भी बिजली का संकट हर रोज की तरह बरकरार रहता है.
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