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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- मैंने भी सहा है कच्चे मकान का कष्ट...

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कच्चा मकान होने का जो कष्ट उनके परिवार और उनकी मां ने सहा था, वैसे ही करीब तीन करोड़ परिवारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया करा उनकी मदद की है. जो जरूरतमंदों के लिए किसी खास वरदान से कम नहीं है.

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Published : Apr 16, 2022, 12:30 PM IST

लखनऊ: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कच्चा मकान होने का जो कष्ट उनके परिवार और उनकी मां ने सहा था, वैसे ही करीब तीन करोड़ परिवारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया करा उनकी मदद की है. जो जरूरतमंदों के लिए किसी खास वरदान से कम नहीं है. उन्होंने उक्त बातें शनिवार को प्रदेश भाजापा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करने के दौरान कहीं. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना की खूबियों पर चर्चा करते हुए कहा कि कच्चे मकान का कष्ट उन्होंने भी सहा है. डिप्टी सीएम ने कहा कि जब रात में बारिश होती थी, तब उनकी मां छत पर जाकर बोरा डालकर पानी को रोकने की कोशिश करती थी. इस दौरान वो भीग भी जाती थी. खैर, ऐसे ही तीन करोड़ परिवारों के कष्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महसूस किया और उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया करा उनकी बड़ी मदद की, जो उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है.

डिप्टी सीएम आगे ने कहा कि डबल इंजन की सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है. सपा सरकार के समय में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में केवल 18 हजार आवास ही आवंटित किए थे और वो भी अधूरे थे. जबकि 2018 से 2022 तक हमारी सरकार ने 44 लाख आवास बनाए. ऐसे में आप इस अंतर को समझ ही सकते हैं. उन्होंने इस बाबत अधिक जानकारी साझा करते हुए कहा कि नगर और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर तीन करोड़ आवास पूरे देश में बनाए गए हैं. जिसमें से 58 लाख मकान शहरों में बनाए गए हैं तो वहीं, एक लाख 18 हजार करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है.

इसे भी पढ़ें - लखीमपुर में भगवा गमछा लपेटे उचक्कों ने लूटी लड़की की चेन, अखिलेश ने कहा- गमछे से पहचानिए लुटेरा कौन!

इतना ही नहीं स्वामित्व का प्रमाणपत्र महिला के नाम से या फिर संयुक्त रूप से दिया जाता है. इसके अलावा शौचालय, बिजली कनेक्शन, गैस कनेक्शन और जल जीवन मिशन के तहत पानी का कनेक्शन भी दिया जाता है. आज भी अनेक ऐसे लोग हैं, जिनके पास पक्के मकान नहीं हैं, उनको बारिश के दिनों में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. डिप्टी सीएम ने कहा कि वो स्वयं भी एक गरीब परिवार से आए हैं, सो इस दिक्कत को भली भांति समझते हैं. बारिश के दौरान उनकी मां छत पर बांस की सीढ़ी से जाती थी और पानी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करती थी. हालांकि, इस कड़ी में वो खुद भीग जाती थी.

वहीं, कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा राजीव गांधी ने कहा था कि जब हम एक रुपये भेजते हैं तो 15 पैसा ही आम लोगों तक पहुंचता है. मगर हमने डीबीटी के जरिए पूरा रुपया गरीबों तक पहुंचाने का काम किया है. कोरोना महामारी में लॉकडाउन लगा, तब गरीबों के सामने रोजी-रोटी की संकट थी. उस समय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत हर घर को अन्न मुहैया कराया गया. अब तक देश में 244 लाख मीट्रिक टन राशन दिया जा चुका है.

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लखनऊ: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कच्चा मकान होने का जो कष्ट उनके परिवार और उनकी मां ने सहा था, वैसे ही करीब तीन करोड़ परिवारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया करा उनकी मदद की है. जो जरूरतमंदों के लिए किसी खास वरदान से कम नहीं है. उन्होंने उक्त बातें शनिवार को प्रदेश भाजापा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करने के दौरान कहीं. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना की खूबियों पर चर्चा करते हुए कहा कि कच्चे मकान का कष्ट उन्होंने भी सहा है. डिप्टी सीएम ने कहा कि जब रात में बारिश होती थी, तब उनकी मां छत पर जाकर बोरा डालकर पानी को रोकने की कोशिश करती थी. इस दौरान वो भीग भी जाती थी. खैर, ऐसे ही तीन करोड़ परिवारों के कष्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महसूस किया और उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया करा उनकी बड़ी मदद की, जो उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है.

डिप्टी सीएम आगे ने कहा कि डबल इंजन की सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है. सपा सरकार के समय में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में केवल 18 हजार आवास ही आवंटित किए थे और वो भी अधूरे थे. जबकि 2018 से 2022 तक हमारी सरकार ने 44 लाख आवास बनाए. ऐसे में आप इस अंतर को समझ ही सकते हैं. उन्होंने इस बाबत अधिक जानकारी साझा करते हुए कहा कि नगर और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर तीन करोड़ आवास पूरे देश में बनाए गए हैं. जिसमें से 58 लाख मकान शहरों में बनाए गए हैं तो वहीं, एक लाख 18 हजार करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है.

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इतना ही नहीं स्वामित्व का प्रमाणपत्र महिला के नाम से या फिर संयुक्त रूप से दिया जाता है. इसके अलावा शौचालय, बिजली कनेक्शन, गैस कनेक्शन और जल जीवन मिशन के तहत पानी का कनेक्शन भी दिया जाता है. आज भी अनेक ऐसे लोग हैं, जिनके पास पक्के मकान नहीं हैं, उनको बारिश के दिनों में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. डिप्टी सीएम ने कहा कि वो स्वयं भी एक गरीब परिवार से आए हैं, सो इस दिक्कत को भली भांति समझते हैं. बारिश के दौरान उनकी मां छत पर बांस की सीढ़ी से जाती थी और पानी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करती थी. हालांकि, इस कड़ी में वो खुद भीग जाती थी.

वहीं, कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा राजीव गांधी ने कहा था कि जब हम एक रुपये भेजते हैं तो 15 पैसा ही आम लोगों तक पहुंचता है. मगर हमने डीबीटी के जरिए पूरा रुपया गरीबों तक पहुंचाने का काम किया है. कोरोना महामारी में लॉकडाउन लगा, तब गरीबों के सामने रोजी-रोटी की संकट थी. उस समय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत हर घर को अन्न मुहैया कराया गया. अब तक देश में 244 लाख मीट्रिक टन राशन दिया जा चुका है.

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