गाजीपुर : उत्तर प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को जनपद गाजीपुर के जंगीपुर विधानसभा का दौरा किया. डिप्टी सीएम ने भड़सर ग्राम सभा में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी व कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. वहीं, मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, कि आज गाजीपुर की जनता को 177 करोड़ और 10 दिसंबर को जब आए थे तो उस दिन 68 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दिया. उनका कहना था, हमारी सरकार का लक्ष्य विकास है और गुंडे माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई. 2022 के चुनाव में भाजपा का मुद्दा विकास है. जिले की सभी सातों विधानसभा पर और प्रदेश में 300 से ऊपर सीटों पर कमल खिलेगा.
लाल टोपी पर बोलते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- लाल टोपी हो या जालीदार टोपी हो, इनके अंदर जो भी गुंडे होंगे, माफियाओं या भ्रष्टाचारी होंगे इनको जनता क्षमा नहीं करने वाली है. लगातार तीन चुनाव समाजवादी पार्टी हार चुकी है. बसपा, कांग्रेस सभी 2022 में चुनाव हारेंगे. संपूर्ण पिछड़ा वर्ग, संपूर्ण अनुसूचित वर्ग व सामान्य वर्ग, यह जो त्रिवेणी है यह भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास करती है. उन्होंने कहा कि अखिलेश जी और उनके पार्टी के जो माफिया और गुंडे हैं, वह सभी भाई आक्रांत हैं. उन्हें लगता था कि हम लोग वापस आएंगे. वह 2017 वाला 2022 में भी दोहरा पाएंगे या नहीं अभी संशय है.
इस दौरान अखिलेश यादव के बयानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को एक लाइलाज रोग है. वह ऐसा रोग है- कोई भी काम होगा, शिलान्यास होगा, उन्हें लगता है कि यह सब सपा का है, और उन्हें सपना आता है. जो सपना आता है वह मुंगेरीलाल के झूठे सपने हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग कुछ भी किए होते, तो जनता इन्हें तीन चुनावों में मक्खी की तरह निकाल कर बाहर नहीं फेंक देती.
वहीं, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारे बनाने के सवाल पर कहा- हम एक जिले के लिए नहीं, बल्कि प्रदेश के 75 जनपदों के लिए काम कर रहे हैं. वहीं, राहुल गांधी के द्वारा दिए गए बयान कि वह हिंदू हैं, लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं हैं. इस पर उन्होंने बोलते हुए कहा कि 2014 में कमल नहीं खिला हुआ था तो वह अपने को हिंदू भी नहीं कहते थे. अब भाजपा की विचारधारा को स्वीकार करना पड़ा, इसलिए अपने को हिंदू कह रहे हैं. कोई जनेऊधारी कह रहा है, कोई मंदिर जा रहा है, तो कोई संगम में डुबकी लगा रहा है.
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किसान बिल की वापसी उत्तर प्रदेश चुनाव को देखते हुए किया गया है, इस पर उन्होंने कहा- जिन्हें दृष्टि दोष और मानसिक दोष है, वे लोग दुखी हैं. क्योंकि वह सोचते थे कि वह किसान और अन्य दाताओं के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति करेंगे, लेकिन यह नहीं हो सका. प्रधानमंत्री जी ने जो कृषि कानून लाया वो किसानों के हित में आया था, लेकिन शायद हम किसान को नहीं समझा सके, इसलिए देश हित में इन तीनों कानून को वापस लिया गया.