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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पहुंचे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर, कहा- हड़ताल करने पर लगेगा ESMA

स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार काफी (Deputy CM Brajesh Pathak reached KGMU) गंभीर है. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक गुरुवार दोपहर केजीएमयू के ट्राॅमा सेंटर पहुंचे. ट्राॅमा सेंटर के अंदर कर्मचारियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हड़ताल करने से मरीज को नुकसान होता है.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पहुंचे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पहुंचे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 4:54 PM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में बीते बुधवार को केजीएमयू के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया. वेतन कटौती को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश रहा, जिसको लेकर उन्होंने पूरे दिन हड़ताल की. जिसकी वजह से ओपीडी बाधित रही. इसके अलावा ट्राॅमा सेंटर को जब कर्मचारियों ने घेरा तो गेट बंद कर दिया गया. इस दौरान बहुत से मरीज इलाज के लिए घंटों इंतजार करते रहे. इस दौरान एक मरीज की मौत भी हो गई थी. इसको लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक गुरुवार को केजीएमयू ट्राॅमा सेंटर पहुंचे, जहां पर उन्होंने चिकित्सा व्यवस्था की जांच की. इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सभी के साथ न्याय होगा. संबंधित संस्था के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ट्राॅमा सेंटर में मरीजों का जाना हाल : केजीएमयू ट्राॅमा सेंटर पहुंचते ही सबसे पहले उपमुख्यमंत्री ने इलाज करने के लिए पहुंचे मरीजों से बातचीत की और उनसे उनका हाल पूछा. इस दौरान बहुत से मरीज स्ट्रेचर पर इलाज का इंतजार कर रहे थे. उन मरीजों को भी डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद तुरंत भर्ती कराया गया.

कर्मचारियों को दी कड़ी चेतावनी : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को खास तौर से चेतावनी दी है कि अस्पताल के अंदर किसी भी तरह का हड़ताल नहीं होना चाहिए. क्योंकि, इसका सीधा असर मरीजों के इलाज पर पड़ता है. बहुत से मरीज इलाज से वंचित रह जाते हैं. कर्मचारियों से मुलाकात के दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनका वेतन मिलेगा. किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. इस पूरे मामले में जो भी दोषी हैं, उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.'

'अस्पताल में हड़ताल अस्वीकार' : डिप्टी सीएम ने खासतौर से यह बात कही की किसी भी अस्पताल में कर्मचारियों का हड़ताल बिल्कुल अस्वीकार है. रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए यहां पर आते हैं. ऐसे में जब मरीज को इलाज नहीं मिल पाता है तो वह परेशान होते हैं. कर्मचारियों को मरीज के बारे में सोचना चाहिए. अगर किसी बात को लेकर कोई दिक्कत समस्या है तो संबंधित उच्च अधिकारी से संपर्क करें. हड़ताल किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.

कार्यदायी संस्था के खिलाफ भी होगी कड़ी कार्रवाई : डिप्टी सीएम ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से बातचीत के दौरान साफ तौर पर यह बात कही की कर्मचारियों के वेतन कटौती को लेकर कार्यदायी संस्था के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. जांच चल रही है, जांच में संस्था अगर दोषी पाई जाती है तो उस पर जरूर कार्रवाई होगी.'



कहा 'हड़ताल किया तो लगाएंगे एस्मा' : निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से कहा कि 'अगर कोई भी कर्मचारी परिसर के अंदर प्रदर्शन करता हुआ नजर आया तो उसके ऊपर एस्मा (एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट) लगाया जाएगा. अस्पताल प्रशासन कि यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने कर्मचारियों की दिक्कत को सुने और समझे. अस्पताल के अंदर अगर हड़ताल होगी तो सभी दोषी कर्मचारियों के पर एस्मा एक्ट लगाया जाएगा.

अनुशासनहीनता नहीं की जाएगी बर्दाश्त : उन्होंने कहा कि 'बीते बुधवार को आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने जमकर हड़ताल किया था. नतीजतन बहुत से मरीज बिना इलाज के ही घर वापस लौट गए, लेकिन गुरुवार को ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ है. अस्पताल के अंदर कोई भी हड़ताल नहीं हो रहा है. यदि कोई भी कर्मचारी प्रदर्शन करता हुआ पकड़ा गया तो उस पर एस्मा लगाया जाएगा. अस्पताल परिसर के अंदर अनुशासनहीनता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मरीज को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की पूरी कोशिश की जा रही है.'


अनजाने में हुई वेतन कटौती : केजीएमयू प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि 'केजीएमयू प्रशासन कर्मचारियों की हर समस्या को लेकर गंभीर है. संविदा कर्मचारी की ओर से बताई गई बातों को गंभीरता से लिया है और उसका हर स्तर पर समाधान कराया जाएगा. संविदा कर्मचारी सेवा प्रदाता संस्था जेम वेंचर्स के माध्यम से तैनात किए गए हैं. ऐसे में उनकी हर तरह की जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है. पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि अनजाने में वेतन कटौती हुई है. इसकी जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है. सेवा प्रदाता संस्था को निर्देश दिया गया है कि प्रभावित कर्मचारियों को तुरंत उनका भुगतान करें.'

यह भी पढ़ें : केजीएमयू की नर्सिंग ऑफिसर लिखित परीक्षा के परिणाम घोषित, अंबेडकरनगर की गरिमा अव्वल

यह भी पढ़ें : केजीएमयू के दीक्षांत में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बोलीं- खुद को चरक संहिता और आयुर्वेद से भी जोड़ें एलोपैथिक चिकित्सक

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में बीते बुधवार को केजीएमयू के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया. वेतन कटौती को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश रहा, जिसको लेकर उन्होंने पूरे दिन हड़ताल की. जिसकी वजह से ओपीडी बाधित रही. इसके अलावा ट्राॅमा सेंटर को जब कर्मचारियों ने घेरा तो गेट बंद कर दिया गया. इस दौरान बहुत से मरीज इलाज के लिए घंटों इंतजार करते रहे. इस दौरान एक मरीज की मौत भी हो गई थी. इसको लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक गुरुवार को केजीएमयू ट्राॅमा सेंटर पहुंचे, जहां पर उन्होंने चिकित्सा व्यवस्था की जांच की. इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सभी के साथ न्याय होगा. संबंधित संस्था के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ट्राॅमा सेंटर में मरीजों का जाना हाल : केजीएमयू ट्राॅमा सेंटर पहुंचते ही सबसे पहले उपमुख्यमंत्री ने इलाज करने के लिए पहुंचे मरीजों से बातचीत की और उनसे उनका हाल पूछा. इस दौरान बहुत से मरीज स्ट्रेचर पर इलाज का इंतजार कर रहे थे. उन मरीजों को भी डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद तुरंत भर्ती कराया गया.

कर्मचारियों को दी कड़ी चेतावनी : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को खास तौर से चेतावनी दी है कि अस्पताल के अंदर किसी भी तरह का हड़ताल नहीं होना चाहिए. क्योंकि, इसका सीधा असर मरीजों के इलाज पर पड़ता है. बहुत से मरीज इलाज से वंचित रह जाते हैं. कर्मचारियों से मुलाकात के दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनका वेतन मिलेगा. किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. इस पूरे मामले में जो भी दोषी हैं, उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.'

'अस्पताल में हड़ताल अस्वीकार' : डिप्टी सीएम ने खासतौर से यह बात कही की किसी भी अस्पताल में कर्मचारियों का हड़ताल बिल्कुल अस्वीकार है. रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए यहां पर आते हैं. ऐसे में जब मरीज को इलाज नहीं मिल पाता है तो वह परेशान होते हैं. कर्मचारियों को मरीज के बारे में सोचना चाहिए. अगर किसी बात को लेकर कोई दिक्कत समस्या है तो संबंधित उच्च अधिकारी से संपर्क करें. हड़ताल किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.

कार्यदायी संस्था के खिलाफ भी होगी कड़ी कार्रवाई : डिप्टी सीएम ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से बातचीत के दौरान साफ तौर पर यह बात कही की कर्मचारियों के वेतन कटौती को लेकर कार्यदायी संस्था के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. जांच चल रही है, जांच में संस्था अगर दोषी पाई जाती है तो उस पर जरूर कार्रवाई होगी.'



कहा 'हड़ताल किया तो लगाएंगे एस्मा' : निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से कहा कि 'अगर कोई भी कर्मचारी परिसर के अंदर प्रदर्शन करता हुआ नजर आया तो उसके ऊपर एस्मा (एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट) लगाया जाएगा. अस्पताल प्रशासन कि यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने कर्मचारियों की दिक्कत को सुने और समझे. अस्पताल के अंदर अगर हड़ताल होगी तो सभी दोषी कर्मचारियों के पर एस्मा एक्ट लगाया जाएगा.

अनुशासनहीनता नहीं की जाएगी बर्दाश्त : उन्होंने कहा कि 'बीते बुधवार को आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने जमकर हड़ताल किया था. नतीजतन बहुत से मरीज बिना इलाज के ही घर वापस लौट गए, लेकिन गुरुवार को ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ है. अस्पताल के अंदर कोई भी हड़ताल नहीं हो रहा है. यदि कोई भी कर्मचारी प्रदर्शन करता हुआ पकड़ा गया तो उस पर एस्मा लगाया जाएगा. अस्पताल परिसर के अंदर अनुशासनहीनता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मरीज को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की पूरी कोशिश की जा रही है.'


अनजाने में हुई वेतन कटौती : केजीएमयू प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि 'केजीएमयू प्रशासन कर्मचारियों की हर समस्या को लेकर गंभीर है. संविदा कर्मचारी की ओर से बताई गई बातों को गंभीरता से लिया है और उसका हर स्तर पर समाधान कराया जाएगा. संविदा कर्मचारी सेवा प्रदाता संस्था जेम वेंचर्स के माध्यम से तैनात किए गए हैं. ऐसे में उनकी हर तरह की जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है. पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि अनजाने में वेतन कटौती हुई है. इसकी जिम्मेदारी जेम वेंचर्स की है. सेवा प्रदाता संस्था को निर्देश दिया गया है कि प्रभावित कर्मचारियों को तुरंत उनका भुगतान करें.'

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