लखनऊ. डेंगू और स्वाइन फ्लू मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए. इन मरीजों को अलग वार्ड में भर्ती किया जाए. अगर डेंगू या बुखार के मरीज ज्यादा आ रहे हैं, वहां बेड की संख्या बढ़ाई जाए. गेट पर ही मरीजों को व्हील चेयर व स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध है. मरीजों को रिसीव करने के लिए वार्ड ब्वॉय मुस्तैद रहें. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को यह निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल के मुख्य गेट के पास दीवार पर डॉक्टर, चीफ फार्मासिस्ट समेत अन्य जिम्मेदार पैरामेडिकल स्टाफ के नाम और मोबाइल अंकित किए जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर मरीज उनसे संपर्क स्थापित कर सके. इस काम को जल्द से जल्द कराया जाए. स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए अस्पतालों में वैक्सीन आ गई है. जल्द से जल्द सभी डॉक्टर-कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जाए, ताकि वे मरीजों के इलाज में किसी भी तरह घबराएं नहीं. वैक्सीन लगने के बाद भी डॉक्टर-कर्मचारी पूरे एहतियात के साथ ही मरीजों को देखें. अस्पताल में रैबीज इंजेक्शन व दूसरी दवाओं के पुख्ता इंतजाम करें. मरीजों को मुफ्त सलाह व दवाएं मिलने में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए. बुखार की आशंका में आने वाले मरीजों की जांच कराएं. डेंगू व मलेरिया जांच की संख्या बढ़ाई जाए.
ये दिए निर्देश
- अस्पताल की दीवार पर चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ के नाम तथा मोबाइल नंबर लिखाये जायें.
- औषधियों एवं एआरवी की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो.
- मरीजों तथा उनके तीमारदारों को शुद्ध पीने का पानी की उपलब्ध कराया जाए.
- मरीजों के लिए स्ट्रेचर व व्हील चेयर की उपलब्धता हो.
- इलाज में इस्तेमाल होने वाले उपकरण दुरुस्त कराए जाएं.
- भर्ती मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाए.
- स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए डॉक्टर-कर्मचारियों का टीकाकरण कराया जाए.
- डेंगू व स्वाइन फ्लू मरीजों की भर्ती की अलग से व्यवस्था की जाए.
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