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उप मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, कहा, मरीजों की दवा बाजार में बेचने वालों पर होगी कार्रवाई

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में मरीजों के हक की दवा बाजार में बेचने की घटना को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने गंभीरता से लिया है. उप मुख्यमंत्री ने केजीएमयू अफसरों से मामले की गंभीरता से जांच कर तह तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Nov 26, 2022, 2:44 PM IST

लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में मरीजों के हक की दवा बाजार में बेचने की घटना को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने गंभीरता से लिया है. उप मुख्यमंत्री ने केजीएमयू अफसरों से मामले की गंभीरता से जांच कर तह तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं. साथ ही एसटीएफ को भी पूरे मामले की तफ्तीश के लिए कहा है.

स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीते दिनों केजीएमयू की सस्ती दवा बाजार में बिक्री होने का खुलासा किया है. इस मामले में केजीएमयू व एसटीएफ जांच कर रही है. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि रोगियों को सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है. सरकार गरीब मरीजों के हितों के लिए लगातार प्रयास कर रही है. चिकित्सालय के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों की वजह से सरकार की मेहनत पर पानी फिर रहा है. चिकित्सालय की छवि भी गड़बड़ हो रही है. यह बेहद गंभीर मामला है.

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा. कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि केजीएमयू प्रशासन पूरे मामले की जांच एक सप्ताह में पूरी करे. विस्तृत रिपोर्ट भेजे. किन लोगों पर कार्रवाई की गई? कार्रवाई के नाम पर क्या किया गया? यह भी अवगत कराया जाए.



यह है पूरा मामला : केजीएमयू कर्मी की मिलीभगत से तीन वर्षों से शहर के निजी मेडिकल स्टोरों पर खुलेआम सरकारी दवाइयां बेची जा रही थीं. स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने गुरुवार को तीन आरोपियों को चौक ओवर ब्रिज के पास से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सीतापुर निवासी रजनीश कुमार, नितिन वाजपेयी और प्रियांशु मिश्रा के रूप में हुई थी. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से लाखों रुपयों की दवाइयां बरामद हुई थीं.

ये कदम उठाएं

-जिस पटल पर पैसे से जुड़ी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, उनके कर्मचारियों का समय-समय पर पटल परिवर्तन करें.
-ओपीडी व भर्ती मरीजों के पर्चे की अधिकारी ऑडिट करें.
-ज्यादा बिकने वाले उत्पादों की निगरानी करें.
-अचानक किसी उत्पाद की बिक्री बढ़े तो उसके कारणों का पता जरूर लगाएं.
-सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि दवा बाहर ले जाने पर अंकुश लगाया जा सके.

यह भी पढ़ें : दो करोड़ से अधिक के गबन करने वाले एक और आरोपी को EOW ने किया गिरफ्तार

लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में मरीजों के हक की दवा बाजार में बेचने की घटना को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने गंभीरता से लिया है. उप मुख्यमंत्री ने केजीएमयू अफसरों से मामले की गंभीरता से जांच कर तह तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं. साथ ही एसटीएफ को भी पूरे मामले की तफ्तीश के लिए कहा है.

स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीते दिनों केजीएमयू की सस्ती दवा बाजार में बिक्री होने का खुलासा किया है. इस मामले में केजीएमयू व एसटीएफ जांच कर रही है. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि रोगियों को सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है. सरकार गरीब मरीजों के हितों के लिए लगातार प्रयास कर रही है. चिकित्सालय के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों की वजह से सरकार की मेहनत पर पानी फिर रहा है. चिकित्सालय की छवि भी गड़बड़ हो रही है. यह बेहद गंभीर मामला है.

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा. कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि केजीएमयू प्रशासन पूरे मामले की जांच एक सप्ताह में पूरी करे. विस्तृत रिपोर्ट भेजे. किन लोगों पर कार्रवाई की गई? कार्रवाई के नाम पर क्या किया गया? यह भी अवगत कराया जाए.



यह है पूरा मामला : केजीएमयू कर्मी की मिलीभगत से तीन वर्षों से शहर के निजी मेडिकल स्टोरों पर खुलेआम सरकारी दवाइयां बेची जा रही थीं. स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने गुरुवार को तीन आरोपियों को चौक ओवर ब्रिज के पास से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सीतापुर निवासी रजनीश कुमार, नितिन वाजपेयी और प्रियांशु मिश्रा के रूप में हुई थी. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से लाखों रुपयों की दवाइयां बरामद हुई थीं.

ये कदम उठाएं

-जिस पटल पर पैसे से जुड़ी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, उनके कर्मचारियों का समय-समय पर पटल परिवर्तन करें.
-ओपीडी व भर्ती मरीजों के पर्चे की अधिकारी ऑडिट करें.
-ज्यादा बिकने वाले उत्पादों की निगरानी करें.
-अचानक किसी उत्पाद की बिक्री बढ़े तो उसके कारणों का पता जरूर लगाएं.
-सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि दवा बाहर ले जाने पर अंकुश लगाया जा सके.

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