लखनऊः माध्यमिक शिक्षा विभाग के कामकाज में गतिशीलता, पारदर्शिता लाने और विभागीय अधिकारियों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को प्रेस की. साथ ही प्रदेश के सभी संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक निदेशक और प्रमुख सचिव शिक्षा के साथ 'मंथन' कार्यशाला का आयोजन किया. शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि वह नियमों के विपरीत जाकर काम करने वालों को प्रश्रय न दें. अन्यथा सभी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
शिक्षा विभाग में पारदर्शिता की आवश्यकता
माध्यमिक शिक्षा विभाग की मंथन कार्यशाला का आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आईआईएम में सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ हुई कार्यशाला की तर्ज पर किया गया. विभागीय मंत्री और प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने इस मौके पर कहा कि इस कार्यशाला का आयोजन मुख्यमंत्री की प्रेरणा से किया जा रहा है. इसका मकसद अधिकारियों के बीच समन्वय और कामकाज में पारदर्शिता को बढ़ावा देना है.सामूहिक भाव और नेतृत्व क्षमता विकास की दृष्टि से भी यह आयोजन महत्वपूर्ण है.
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2020 में होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए तैयारी शुरू
उन्होंने बताया कि विभागों के कामकाज की समीक्षा के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 2020 में होने वाली उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं पारदर्शी और शुचिता पूर्ण तरीके से कराई जाए. उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा परीक्षा बोर्ड होने के बावजूद बीते वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार ने नकल विहीन परीक्षा का आयोजन कराया. इस बार भी सरकार का लक्ष्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने के साथ ही कुछ ऐसे नीतिगत फैसलों को लागू कराना भी है. जिनसे शिक्षा में आमूलचूल बदलाव लाया जा सके.