लखनऊः कोरोना महामारी ने देश के साथ-साथ पूरे प्रदेश को बुरी तरह से प्रभावित किया है. ऐसे में मदद के कई हाथ बढ़ रहे हैं. उसमें से ही एक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग भी है. इस विभाग ने कोविड-19 के नियंत्रण के लिए अपना खजाना खोल दिया है. विभाग इसके लिए 131 करोड़ से अधिक की धनराशि देने को तैयार है. ये राशि न केवल राजधानी बल्कि प्रदेश के कई बड़े जिलों की ऑक्सीजन की समस्या हल कर सकती है.
विभाग के पास मौजूद है करीब 439 करोड़ रुपये
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव एवं निदेशक उत्तर प्रदेश डॉक्टर रोशन जैकब ने इसके लिए पहल की है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में जिला खनिज फाउंडेशन न्यास निधि में वर्तमान में 438 करोड़ 81 लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध है. कोरोना संक्रमण जैसी महामारी से निपटने के लिए इस धनराशि में से 30% धनराशि (करीब 131 करोड़ 18 लाख रुपये) कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं में व्यय किए जा सकते हैं.
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केवल सोनभद्र में ही डीएमएफ फंड में हैं 191 करोड़
डॉक्टर जैकब ने बताया कि डीएमएफ फण्ड में केवल सोनभद्र में ही 191 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध है. जिसमें से 57 करोड़ रुपये व्यय किए जा सकते हैं. इसी तरह से बुन्देलखण्ड के जिलों में करीब 100 करोड़ से ऊपर की धनराशि डीएमएफ मद में उपलब्ध है. जिसमें से 30 परसेंट धनराशि व्यय की जा सकती है.
अब तक खर्च किया गया 46 लाख
डॉक्टर जैकब ने बताया कि पूर्व मे 3 जिलों में खनिज फाउंडेशन निधि से पैसे खर्च किए गए हैं. अब तक सहारनपुर, मिर्जापुर, अमरोहा, बहराइच, लखीमपुर, आजमगढ़, इटावा और देवरिया जिले मे 46 लाख रुपये की धनराशि व्यय भी की गयी है.
जिला अधिकारियों को भेजा दिशा निर्देश
डॉक्टर रोशन जैकब ने जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वह कोविड-19 के संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले की परिस्थिति और आवश्यकता के अनुरूप जिला खनिज फाउंडेशन न्यास निधि की अधिकतम 30% धनराशि जनपद में चिकित्सा उपकरण एवं अवस्थापना की आवश्यकता का आकलन कर स्वास्थ विभाग के गाइडलाइन के अनुसार चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति में व्यय करना सुनिश्चित करें.
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ऑक्सीजन प्लांट और पाइप लाइन की मरम्मत पर खर्च करें धनराशि
सचिव और निदेशक खनिकर्म ने जिला अधिकारियों को जारी दिशा निर्देश में कहा है कि जमा राशि का अधिकतम 30% अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना और अस्पतालों की ऑक्सीजन पाइप लाइन की मरम्मत पर खर्च की जा सकती है. आवश्यकतानुसार अन्य चिकित्सा उपकरणों की भी खरीद इस मद से की जा सकती है. उन्होंने कहा कि यह राशि कोरोना के आगामी लहर के बचाव की तैयारी में खासी मदद कर सकती है.