लखनऊ: कोरोना काल में लोगों के जीने के तौर-तरीकों में जहां कई बदलाव देखें जा रहे हैं. वहीं अब मरीजों के इलाज में भी बदलाव किए गए हैं. केजीएमयू दंत संकाय के डॉक्टरों ने मिलकर इलाज की गाइड लाइन तैयार की है. इसके तहत अब टेली डेंटिस्ट्री के माध्यम से मरीज घर बैठे ही डेंटल विशेषज्ञ की सलाह हासिल कर सकते हैं, जिससे उन्हें अस्पताल के चक्कर कम लगाने पड़ेंगे.
कोरोना काल में बिना अस्पताल के चक्कर लगाए टेली डेंटिस्ट्री के माध्यम से मरीज डेंटल विशेषज्ञ की सलाह हासिल कर सकते हैं. टेली डेंटिस्ट्री तकनीक मरीजों के इलाज में भी मददगार साबित हो रही है. दरअसल दांतों की बीमारी से पीड़ित ज़्यादातर मरीजों को इलाज की खातिर कई बार अस्पताल आना पड़ता है. इनमें 50 से 55 प्रतिशत मरीजों का इलाज फोन पर डॉक्टर के परामर्श से भी संभव होता है. केजीएमयू दंत संकाय के डॉ. गौरव मिश्र के मुताबिक कोरोना ग्रसित व्यक्ति के मुंह और नाक से सूक्ष्म बूंद या एरोसोल निकलते हैं, जो कोरोना की सबसे बड़ी वजह बन सकती है और डॉक्टरों को मुंह के करीब जाकर ही इलाज करना पड़ता है. इससे मरीज के साथ-साथ डॉक्टरों को भी वायरस का खतरा बढ़ रहा है.
सटीक इलाज मिलने की राह आसान करने के लिए टेलीमेडिसिन की तर्ज पर टेली डेंटिस्ट्री की गाइड लाइन तैयार की गई है. इसके आधार पर मरीज फोन पर डॉक्टर से संपर्क करते हैं. केजीएमयू की वेबसाइट पर ये फोन नम्बर मौजूद हैं, इसे डायल करने पर मरीज को दंत संकाय के संबंधित विभाग के डॉक्टर से बात हो सकती है. मरीज फोन पर डॉक्टर से परेशानी साझा करता है. जरूरत के हिसाब से जांच कराने की सलाह दी जाती है, जिससे सटीक इलाज मिलने की राह आसान हुई है.
डॉ. गौरव मिश्र ने बताया कि व्हाट्सएप या फिर ईमेल के जरिए भी मर्ज वाले हिस्से की फोटो भेजी जा सकती है और आवश्यकता पड़ने पर वीडियोकॉल का भी सहारा लिया जा सकता है. वह बताते हैं कि कोरोना से पहले मरीज छोटी-छोटी परेशानियों के लिए डॉक्टर के पास आसानी से कई बार जा सकते थे, लेकिन मौजूदा स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है. साथ ही लोगों से अपील है कि गंभीर स्थिति में ही मरीज को लेकर डॉक्टर के पास जाएं.