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लखनऊ के सरकारी दफ्तरों में मिले डेंगू के लारवा, स्वास्थ्य विभाग के प्रयास नाकाम - डेंगू के प्रकोप

बीते दिनों लखनऊ के सरकारी दफ्तरों में डेंगू के लारवा मिलने के तमाम मामले सामने आए थे. जिससे साफ हो जाता है, कि डेंगू पर लगाम लगाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की नीति कितनी कारगर साबित हो रही है.

डेंगू के मच्छर.
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Published : Sep 12, 2019, 2:40 PM IST

लखनऊः स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐलान किया गया था कि लखनऊ अन्य विभाग भी डेंगू के प्रकोप को रोकने के प्रयास में हाथ बटाएंगे. लेकिन सबसे ज्यादा सरकारी दफ्तरों में डेंगू के लारवा पाया गया है. इससे साबित होता है कि स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए कितना काम कर रहे हैं.

लखनऊ के सरकारी दफ्तरों में डेंगू के लारवा, नहीं लग रहा डेंगू पर लगाम.


आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग भी डेंगू के लारवा से निपटने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की बात कही गई थी. इसके तहत कई अस्पतालों में मच्छर विरोधी अभियान चलाया गया. लेकिन अस्पतालों में लगातार लारवा मिल रहे हैं. लार्वा मिलने के बाद अस्पतालों को चेतावनी भरा नोटिस भी जारी किया गया. लेकिन इसके बाद भी अस्पताल और अन्य विभाग अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं.

लखनऊ में कहां मिले लारवा
जब स्वास्थ विभाग ने डेंगू के विरुद्ध अभियान शुरू किया तो सबसे पहले केजीएमयू के टीबी और रेडियोलॉजी विभाग में लगे कूलर और आसपास के इलाकों में डेंगू के लार्वा पाए गए थे. वहीं लोहिया अस्पताल और संस्थान में भी लारवा के लक्षण पाए गए थे. एक बार इन को फिर से सीएमओ की तरफ से नोटिस थमाया गया था. इसी के साथ-साथ पुलिस थानों से लेकर के एसएसपी दफ्तर तक यह अभियान पहुंचा तो वहां भी डेंगू के लारवा मिले.

अस्पतालों मे बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या
2019 में अब तक डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच चुका है. लेकिन राहत की बात यह है कि अभी तक डेंगू की वजह से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है. लखनऊ के जिला अस्पताल में बना डेंगू वार्ड में मरीजों से फुल है और रोजाना कई मरीज बुखार कि शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं

इसे भी पढ़ेंः- ...जब अमेठी में स्मृति ईरानी पहुंची पान की दुकान पर, देखें वीडियो

उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से हम लगातार डेंगू के खिलाफ लड़ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के साथ और विभाग भी हांथ बंटा रहे हैं. कुछ जगह डेंगू के लारवा पाए गए हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है और नोटिस भी भेजी गई है. हम इस समस्या से अवश्य निजात पा जाएंगे अभी तक शहर में इस डेंगू से किसी की मृत्यु नहीं हुई है.

-डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

लखनऊः स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐलान किया गया था कि लखनऊ अन्य विभाग भी डेंगू के प्रकोप को रोकने के प्रयास में हाथ बटाएंगे. लेकिन सबसे ज्यादा सरकारी दफ्तरों में डेंगू के लारवा पाया गया है. इससे साबित होता है कि स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए कितना काम कर रहे हैं.

लखनऊ के सरकारी दफ्तरों में डेंगू के लारवा, नहीं लग रहा डेंगू पर लगाम.


आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग भी डेंगू के लारवा से निपटने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की बात कही गई थी. इसके तहत कई अस्पतालों में मच्छर विरोधी अभियान चलाया गया. लेकिन अस्पतालों में लगातार लारवा मिल रहे हैं. लार्वा मिलने के बाद अस्पतालों को चेतावनी भरा नोटिस भी जारी किया गया. लेकिन इसके बाद भी अस्पताल और अन्य विभाग अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं.

लखनऊ में कहां मिले लारवा
जब स्वास्थ विभाग ने डेंगू के विरुद्ध अभियान शुरू किया तो सबसे पहले केजीएमयू के टीबी और रेडियोलॉजी विभाग में लगे कूलर और आसपास के इलाकों में डेंगू के लार्वा पाए गए थे. वहीं लोहिया अस्पताल और संस्थान में भी लारवा के लक्षण पाए गए थे. एक बार इन को फिर से सीएमओ की तरफ से नोटिस थमाया गया था. इसी के साथ-साथ पुलिस थानों से लेकर के एसएसपी दफ्तर तक यह अभियान पहुंचा तो वहां भी डेंगू के लारवा मिले.

अस्पतालों मे बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या
2019 में अब तक डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच चुका है. लेकिन राहत की बात यह है कि अभी तक डेंगू की वजह से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है. लखनऊ के जिला अस्पताल में बना डेंगू वार्ड में मरीजों से फुल है और रोजाना कई मरीज बुखार कि शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं

इसे भी पढ़ेंः- ...जब अमेठी में स्मृति ईरानी पहुंची पान की दुकान पर, देखें वीडियो

उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से हम लगातार डेंगू के खिलाफ लड़ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के साथ और विभाग भी हांथ बंटा रहे हैं. कुछ जगह डेंगू के लारवा पाए गए हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है और नोटिस भी भेजी गई है. हम इस समस्या से अवश्य निजात पा जाएंगे अभी तक शहर में इस डेंगू से किसी की मृत्यु नहीं हुई है.

-डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Intro:राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पताल के साथ-साथ सरकारी विभागों में भी बीते दिनों डेंगू के लारवा मिलने कि तमाम मामले सामने आए थे। जिससे साफ हो जाता है कि डेंगू पर लगाम राजधानी के स्वास्थ्य बाद अन्य विभागों के द्वारा इतनी लगाई जा पा रही है।यह हाल उन सभी दावों और वादों की पोल खोलते हैं जिनमें डेंगू के लिए तमाम तरह की नीतियां व प्रयास स्वास्थ विभाग द्वारा बताए जाते हैं।





Body:इसी कड़ी में बीते दिनों स्वास्थ्य बाद द्वारा ऐलान किया गया था कि स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग भी स्वास्थ विभाग के डेंगू के प्रकोप को रोकने के प्रयास में स्वास्थ विभाग का हाथ बटाएंगे। इसी कड़ी में स्वास्थ विभाग के साथ अन्य विभाग भी इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की बात कही गई थी। जिसमें नगर निगम सिंचाई विभाग व अन्य सरकारी विभाग भी स्वास्थ विभाग के इस मुहिम के साथ जुड़े थे इसके तहत कई अस्पतालों में मच्छर विरोधी अभियान चलाया गया। लेकिन अस्पतालों में लगातार लारवा मिल रहे हैं। लार्वा मिलने के बाद अस्पतालों को चेतावनी भरा नोटिस भी जारी किया गया।इसके बाद भी अस्पताल व विभाग अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे।

यहां मिले थे लारवा

बीते दिनों जब स्वास्थ विभाग के साथ अन्य विभागों ने मिलकर के अपना अभियान डेंगू के विरुद्ध शुरू किया तो उस कड़ी में सबसे पहले केजीएमयू के टीबी और रेडियोलॉजी विभाग में लगे कूलर और आसपास के इलाकों में डेंगू के लार्वा पाए गए थे। वही लोहिया अस्पताल व संस्थान में भी लारवा के लक्षण पाए गए थे। एक बार इन को फिर से सीएमओ की तरफ से नोटिस थमाया गया था। इसी के साथ साथ पुलिस थानों से लेकर के एसएसपी दफ्तर तक यह अभियान पहुंचा तो जरूर लेकिन इस अभियान के पहुंचने के साथ-साथ उन सभी तमाम विभागों की भी पोल खुल गई। जो कि डेंगू के विरुद्ध तमाम अभियानों में साथ जोड़कर स्वास्थ विभाग के साथ काम करने की बात कहते हैं। हालांकि इन अस्पतालों व विभागों को जुर्माना लगाया गया साथ ही सख्त हिदायत भरी चेतावनी दी गई। गंदगी और मच्छरों के पनपने से मरीजों व तीमारदारों से लेकर डॉक्टर व कर्मचारी पर मच्छर जनित बीमारियों का खतरा अस्पतालों में भी मंडरा रहा है।

ऐसे बनता है लार्वा

पानी की खुली हुई टंकी, खाली पड़े टायर, कंटेनर, बेकार पड़े बर्तन, घरों के आसपास बने गड्ढों आदि जगह जहां पानी जमा रहता है। साफ पानी में एनाफिलीज व एडिस मच्छर अंडे देते हैं। 7 दिवस के अंदर वही पानी लार्वा के रूप में परिवर्तित हो जाता है। मच्छर में परिवर्तित हो जाता है।इस लारवा से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियां बैठे-बिठाए घर में अपने आप घर बना लेती हैं। वही गंदे व जमे हुए पानी में क्यूल एक्स मच्छर पनपते हैं जो फाइलेरिया बीमारी पैदा करते हैं।

डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है। जो कि एडिज मच्छर के काटने से डेंगू वायरस फैलता है। बारिश के मौसम में या और जानलेवा होता है। जानकारी के अभाव के कारण हर साल हजारों लोग इसकी चपेट में आते हैं।

डेंगू होने पर आमतौर पर व्यक्ति को तेज बुखार आता है। कई बार इस बुखार को लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज करते हैं। यह गलत इलाज कराते रहते हैं। तीन-चार दिन में ही डेंगू के वायरस खतरनाक हो जाते हैं। और खतरा बढ़ जाता है। डेंगू आघाट सिंड्रोम जैसी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। जिससे फेफड़े जिगर या दिल को नुकसान पहुंच सकता है। जानिए इसके लक्षण और बचने के उपाय।

अस्पतालों मे बढ़ते जा रही डेंगू के मरीजो कि संख्या

2019 में अब तक डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच चुका है। लेकिन राहत की बात यह है कि अभी तक डेंगू की वजह से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।हालांकि स्वास्थ्य द्वारा जमा प्रयास किए जा रहे हैं कि डेंगू मरीजों को बेहतर इलाज और डेंगू होने से पहले ही लोगों को डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी से बचा जा सके। लेकिन बारिश हो जाने के बाद पानी से पनपने वाले डेंगू मच्छर ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। राजधानी लखनऊ के जिला अस्पताल में बने डेंगू वार्ड में ज्यादातर मरीज की संख्या फुल है और उसके बाद भी रोजाना कई मरीज बुखार कि शिकायत के साथ अस्पतालों में लगातार पहुंच रहे हैं।





क्या है डेंगू रक्तस्रावी बुखार?

याह डेंगू का ही एक भाग है। अगर इसे भी ना दिखाया तो इससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। बहुत से मामलों में यह बढ़े हुए। जिगर यानी एनलार्ज लिवर का कारण हो सकता है। गंभीर मामलों में ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। जिसे डेंगू घातक सैंड्रोम कहा जाता है।

डेंगू लक्षण-

-नाक मुंह मसूड़ों या स्किन से खून निकलना।

-कोन्या नॉरमल उल्टी होना।

-मल का रंग काला होना।

-बेवजह थकान और कमजोरी होना।

-अधिक पसीना आना।

-गंभीर पेट दर्द।

-भूख कम लगना।

डेंगू होने का कारण-

-डेंगू के सबसे ज्यादा मामले बारिश के मौसम में देखने में आते हैं।

-यह मच्छर दिन में काटते हैं।

-डेंगू मच्छर ठहरे हुए पानी में पनपते हैं। जैसे कूलर के पानी में रुंधे हुए। नालों में और आसपास की नालियों में।

-डेंगू कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को आसानी से हो जाता है।

ऐसे करें डेंगू से बचाव -

-डेंगू के मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आराम करना चाहिए। और काफी मात्रा में तरल आहार लेना चाहिए।

-5 दिन से अधिक समय तक बुखार होने पर रक्त जांच जरूर करा ले। डेंगू से बचना है। तो मच्छरों से बचें।

-इसके गंभीर होने की संभावना केवल 1% होती है। और अगर लोगों को खतरे के संकेतों की जानकारी हो। तो जान जाने से बचाई जा सकती है।

डेंगू से बचने के घरेलू उपाय-

डॉक्टर्स के अनुसार आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर यह समस्या से काफी हद तक निजात पा सकते हैं। मच्छरों को दूर रखने के लिए आप घर में कपूर जला सकते हैं। और पूरी बॉडी पर नीम का तेल लगाकर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। किसी भी इन्फेक्शन से बचने के लिए हमें बॉडी की प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करने की जरूरत है। और यह खाने में विटामिन सी की मात्रा लेने से ही संभव है। डेंगू से बचाव के लिए अधिक से अधिक मात्रा में ताजी पकी हरी सब्जियां ताजा और सफाई से बना नींबू पानी आंवला और भारतीय गूजबेरी प्रतीरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए कमाल कर सकती है।

पपीते का जूस हो सकता है फायदेमंद

डेंगू एक तरह का इंफेक्शन है। इसमें अधिक मात्रा में प्लेटलेट्स काउंट गिर जाता है। इससे निजात पाने में आपकी मदद पपीता के पत्ते कर सकते हैं। जी हां रोजाना इन्हें पीसकर इसका जूस निकालकर पीने से कुछ ही दिनों में आपकी प्लेटलेटस ठीक हो जाएगी।



बाइट- डॉ नरेंद्र अग्रवाल,मुख्य चिकित्सा अधिकारी,लखनऊ

बाइट- डॉ डी एस नेगी, निदेशक सिविल हॉस्पिटल.।




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
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