लखनऊ : डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. डेंगू से पीड़ित मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की अत्यधिक आवश्यकता को देखते हुए केजीएमयू के ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन विभाग ने मंगलवार से रात दिन यानी 24 घंटे प्लेटलेट्स एफरेसिस प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया है. जिससे डेंगू से पीड़ित मरीजों एवं अन्य मरीजों को भी सिंगल डोनर प्लेटलेट्स अब 24 घंटे उपलब्ध हो सकेगी.
केजीएमयू के ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्र ने बताया कि केजीएमयू के ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन विभाग में अभी तक सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक प्लेटलेट्स एफरेसिस की प्रक्रिया होती थी. डेंगू के बढ़ते प्रकोप एवं डेंगू के पीड़ित मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की बढ़ती मांग एवं आवश्यकता को देखते हुए अब ट्रान्सफ्यूजन मेडिसिन विभाग 24 घंटे सिंगल डोनर प्लेटलेट्स उपलब्ध हो सकेगी. प्लेटलेट्स एफरेसिस प्रक्रिया से बनी प्लेटलेट्स से प्लेटलेट्स की कमी से पीड़ित मरीज को एक बार में ही काफी फायदा हो जाता है.
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि एमएलओ की खरीद ऑयल भारत पेट्रोलियम से की गई है. इसे भारत पेट्रोलियम के मुंबई स्थित रिसर्च सेंटर में तैयार किया गया है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वाईके सिंह ने बताया कि यह यूपी में नहीं मिलता इसे मुंबई में ही बनाया जाता है और वहीं से इसे खरीद सकते हैं. इसकी कीमत 3300 रुपये प्रति लीटर है. सीएमओ ने बताया कि यह कीटनाशक ऑयल पानी पर स्प्रे करते ही उसके ऊपर एक पतली लेयर बना लेगा. यह लेयर करीब 10 दिन तक पानी के ऊपर बनी रहेगी. ऑयल लेयर बनाने के बाद ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाएगी. जिससे पानी के अंदर पनप रहे प्यूमा एग और लार्वा अंदर ही नष्ट हो जाएंगे.
एसजीपीजीआई स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
एसजीपीजीआई में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की प्रयास में मंगलवार को निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने ईएमआरटीसी में आपातकालीन चिकित्सा में 15 बिस्तरों के नए रेड जोन का उद्घाटन किया. रेड जोन में बिस्तर की क्षमता 12 से बढ़कर 27 हो गई है. 30 बिस्तरों वाली आपातकालीन चिकित्सा को एसजीपीजीआई के ईएमआरटीसी भवन में 24 मई 2022 को स्थानांतरित कर दिया गया था. ईएमआरटीसी में स्थानांतरित होने के बाद से इमरजेंसी ने अपनी सेवाओं को पहले 60 बिस्तरों तक विस्तारित किया और अब रेड जोन में 15 और बिस्तर जोड़ दिए गए हैं. इसके बाज अब छह स्ट्रेचर बेड के साथ रेड/येलो/ग्रीन जोन में क्रमशः 27, 18 और 24 बेड हो गए हैं. आपातकालीन बिस्तरों की कुल संख्या अब 75 हो गई है.
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