लखनऊः नीट पीजी की काउंसिलिंग फंसी हुई है. ऐसे में देशभर के जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं. सोमवार को केजीएमयू के भी रेजीडेन्ट ने कार्य बहिष्कार कर जल्द काउंसिलिंग शेड्यूल जारी करने की मांग की है. मेडिकल के अंडर ग्रेजुएट (यूजी), पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) कोर्स में नीट परीक्षा के जरिये प्रवेश मिलता है. ऐसे में मेडिकल काउंसिल कमेटी (एमसीसी) ने अक्टूबर महीने में शेड्यूल जारी कर दिया है. अभ्यर्थियों को 25 अक्टूबर से mcc.nic.in पर पंजीकरण करने की अनुमति दी गयी.
समस्या ये है कि अभी तक काउंसिलिंग शुरू नहीं हुई है. ऐसे में एमबीबीएस पास छात्रों को एमडी, एमएस व अन्य पीजी डिप्लोमा में दाखिला नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा, शैक्षणिक सत्र में देरी को लेकर देशभर में जूनियर रेजीडेन्ट का विरोध जारी है. सोमवार को केजीएमयू में भी 250 जेआर ने काम ठप कर दिया. ऐसे में वार्डों से लेकर ओपीडी तक में सेवाएं बेपटरी हो गई है.
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केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर रविकांत ने सीनियर रेजीडेंट की ड्यूटी लगाकर काम चलाया व छात्रों की मांगों को शासन तक पहुंचाने का भरोसा दिया है. यूपी में अभी नेशनल मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एनएमसी) द्वारा 30 मेडिकल कॉलेज में पीजी कोर्स की मान्यता दी गयी है. इसमें 11 सरकारी व एक ट्रस्ट का मेडिकल कॉलेज है. वहीं 19 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एमडी-एमएस की पढ़ाई होती है. इन कॉलेजों में कुल 2,091 पीजी सीटें हैं.
संयुक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉक्टर बीडी सिंह ने बताया कि राज्य में पीजी की 200 सीटें बढ़नी हैं. जिसके लिए आवेदन किया गया है. जैसे ही मान्यता मिलेगी उन्हें मैरिट में शामिल कर लिया जाएगा. यूपी में पीजी कोर्स की पढ़ाई-19 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में होती है. पीजी कोर्स की पढ़ाई-एमडी-एमएस, पीजी डिप्लोमा की 1027 सरकारी सीटों पर होता है. प्रवेश- प्राइवेट में 1064 एमडी-एमएस व पीजी डिप्लोमा सीटों पर होता है. प्रवेश-प्रदेश में 177 सुपर स्पेशयलिटी कोर्स (डीएम-एमसीएच) की सीटें हैं.
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वहीं केजीएमयू में रेजीडेंट डॉक्टर शाम तक धरने पर डटे रहे. गेट नम्बर एक पर धरना दे रहे रेजीडेंट डॉक्टरों ने शाम को कैंडल मार्च निकाला. वो गेट से लेकर प्रशासनिक भवन तक गए. इस दौरान नीट-पीजी काउंसलिंग को लेकर आवाज बुलंद की
उधर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के बैनर तले संविदाकर्मी लखनऊ जुटे. यहां मिशन निदेशक कार्यालय का घेराव किया. उन्होंने समान कार्य, समान मानदेय की मांग की. साथ ही रिक्त पदों पर समायोजित करने समेत अन्य मांगे रखी. इस दौरान जिलों में मिशन से जुड़े कार्य भी प्रभावित रहे.