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मौसम ने ली अंगड़ाई, गर्म हुआ ऊनी कपड़ों का बाजार - market picture changed

शहर में सोमवार की सुबह से ही मौसम का मिजाज अचानक बदल गया. नवंबर माह से प्रदेश के सभी जिलों में सुबह घना कोहरा छाने से ठंड अचानक से बढ़ गई है.

गर्म कपड़े से सजी ठेलिया.
गर्म कपड़े से सजी ठेलिया.
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Published : Nov 9, 2020, 8:05 AM IST

Updated : Nov 9, 2020, 8:23 AM IST

लखनऊ : मौसम ने करवट बदल ली है. बाजार की तस्वीर भी बदली-बदली सी लगने लगी है. शहर के बाजारों में अब गरम भुनी मूंगफली, उबले सिंघाड़े, गुड़ के गजक, गुड़ की पट्टी, कमरे में बिछाने के लिए कालीनें और रजाई-गद्दों की दुकानें भी सज गई हैं. साथ ही लोगों को ठंड से बचाने के लिए बाजारों में गरम जैकेट भी बिकने लगे हैं.

बाजार में ठेलिया लगाकर बेचे जा रहे गर्म कपड़े.
बाजार में ठेलिया लगाकर बेचे जा रहे गर्म कपड़े.

ठंड ने दी दस्तक

उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में ठंड ने दस्तक दे दी है. सुबह और शाम को लोगों को हल्की सर्दी का एहसास हो रहा है. सर्दी शुरू होते ही राजधानी लखनऊ के निशातगंज, भूतनाथ, कपूरथला सहित अन्य बाजारों में ताजी गरम भुनी मूंगफली, उबले सिंघाड़े लोगों को ललचाने लगे हैं. मूंगफली बेच रहे एक विक्रेता ने बताया कि अक्टूबर से फरवरी माह तक खूब मूंगफली बिकती है.

ठंड की जानकारी देतीं ज्योतिषी साधना लमगोरा.

ठंड में सिंघाड़े की बढ़ी मांग

ठेले पर सिंघाड़ा बेचने वाले राजाराम ने बताया कि अक्टूबर माह से नये साल तक सिंघाड़े की बिक्री बढ़ जाती है. अभी सिंघाड़े 25 रूपए के 250 ग्राम के भाव से बिक रहे हैं. विक्रेता ने बताया कि सिंघाड़े को हरी चटनी के साथ देते हैं, जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं.

बादाम पट्टी और गजक की ठेलिया.
बादाम पट्टी और गजक की ठेलिया.

रजाई-गद्दों की भी सजी दुकानें

रजाई-गद्दों को भरने वाले ने बताया कि रुई के दाम 150 रुपए, 180 रुपए प्रति किलो व अलग-अलग दामों में मिल रही है. उसने बताया कि 15 अक्टूबर से जनवरी माह तक सीजन चलता है. इसके अलावा कमरे में बिछाने वाली कालीन और बेड के नीचे बिछाने वाली पट्टी की मांग इस समय बढ़ जाती है. दुकानदार का कहना था कि 400 से 1200 रुपए तक में कालीन-पट्टी मिल रही है. जाड़े में कमरे में रंग-बिरंगी कालीनें जहां देखने में अच्छी लगती हैं, वहीं लोगों को ठंडी फर्श से भी बचाती हैं.

उबले सिंघाड़े की ठेलिया.
उबले सिंघाड़े की ठेलिया.

बिकने लगीं स्टाइलिश गर्म जैकेट

ठंड का एहसास होते ही बाजारों में जैकेट की मांग बढ़ गई है. दुकानों पर रंग-बिरंगे स्टाइलिश जैकेट बिकने लगे हैं. दुकानदार ने बताया कि वह बंगाल से जैकेट मंगाते हैं, 350 रुपये की एक जैकेट है. दुकान पर जैकट खरीदने वालों की सुबह से लेकर शाम आना-जाना लगा रहता है.

मूंगफली की ठेलिया.
मूंगफली की ठेलिया.

गजक की मिठास भी फैलने लगी

जाड़े में गुड़ और सफेद तिल की गजक का लोगों को सबसे अधिक इंतजार रहता है. बाजारों में गुड़ और मूंगफली की तरह-तरह की गजक मिलती है. इसके अलावा रेवड़ी, खुशियां और गुड़ की पट्टी भी बिकने लगी है.

रजाई-गद्दों की दुकान.
रजाई-गद्दों की दुकान.

मान्यता है कि करवे की टोंटी से ठंडक निकलती है. इसी तरह से मान्यता है कि लोहड़ी की अग्नि से ठंड चली जाती है. लोक में यह बातें प्रचलित हैं, लेकिन त्योहार नई ऋतु के आगमन की सूचना देते हैं.

-साधना लमगोरा, ज्योतिषी

लखनऊ : मौसम ने करवट बदल ली है. बाजार की तस्वीर भी बदली-बदली सी लगने लगी है. शहर के बाजारों में अब गरम भुनी मूंगफली, उबले सिंघाड़े, गुड़ के गजक, गुड़ की पट्टी, कमरे में बिछाने के लिए कालीनें और रजाई-गद्दों की दुकानें भी सज गई हैं. साथ ही लोगों को ठंड से बचाने के लिए बाजारों में गरम जैकेट भी बिकने लगे हैं.

बाजार में ठेलिया लगाकर बेचे जा रहे गर्म कपड़े.
बाजार में ठेलिया लगाकर बेचे जा रहे गर्म कपड़े.

ठंड ने दी दस्तक

उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में ठंड ने दस्तक दे दी है. सुबह और शाम को लोगों को हल्की सर्दी का एहसास हो रहा है. सर्दी शुरू होते ही राजधानी लखनऊ के निशातगंज, भूतनाथ, कपूरथला सहित अन्य बाजारों में ताजी गरम भुनी मूंगफली, उबले सिंघाड़े लोगों को ललचाने लगे हैं. मूंगफली बेच रहे एक विक्रेता ने बताया कि अक्टूबर से फरवरी माह तक खूब मूंगफली बिकती है.

ठंड की जानकारी देतीं ज्योतिषी साधना लमगोरा.

ठंड में सिंघाड़े की बढ़ी मांग

ठेले पर सिंघाड़ा बेचने वाले राजाराम ने बताया कि अक्टूबर माह से नये साल तक सिंघाड़े की बिक्री बढ़ जाती है. अभी सिंघाड़े 25 रूपए के 250 ग्राम के भाव से बिक रहे हैं. विक्रेता ने बताया कि सिंघाड़े को हरी चटनी के साथ देते हैं, जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं.

बादाम पट्टी और गजक की ठेलिया.
बादाम पट्टी और गजक की ठेलिया.

रजाई-गद्दों की भी सजी दुकानें

रजाई-गद्दों को भरने वाले ने बताया कि रुई के दाम 150 रुपए, 180 रुपए प्रति किलो व अलग-अलग दामों में मिल रही है. उसने बताया कि 15 अक्टूबर से जनवरी माह तक सीजन चलता है. इसके अलावा कमरे में बिछाने वाली कालीन और बेड के नीचे बिछाने वाली पट्टी की मांग इस समय बढ़ जाती है. दुकानदार का कहना था कि 400 से 1200 रुपए तक में कालीन-पट्टी मिल रही है. जाड़े में कमरे में रंग-बिरंगी कालीनें जहां देखने में अच्छी लगती हैं, वहीं लोगों को ठंडी फर्श से भी बचाती हैं.

उबले सिंघाड़े की ठेलिया.
उबले सिंघाड़े की ठेलिया.

बिकने लगीं स्टाइलिश गर्म जैकेट

ठंड का एहसास होते ही बाजारों में जैकेट की मांग बढ़ गई है. दुकानों पर रंग-बिरंगे स्टाइलिश जैकेट बिकने लगे हैं. दुकानदार ने बताया कि वह बंगाल से जैकेट मंगाते हैं, 350 रुपये की एक जैकेट है. दुकान पर जैकट खरीदने वालों की सुबह से लेकर शाम आना-जाना लगा रहता है.

मूंगफली की ठेलिया.
मूंगफली की ठेलिया.

गजक की मिठास भी फैलने लगी

जाड़े में गुड़ और सफेद तिल की गजक का लोगों को सबसे अधिक इंतजार रहता है. बाजारों में गुड़ और मूंगफली की तरह-तरह की गजक मिलती है. इसके अलावा रेवड़ी, खुशियां और गुड़ की पट्टी भी बिकने लगी है.

रजाई-गद्दों की दुकान.
रजाई-गद्दों की दुकान.

मान्यता है कि करवे की टोंटी से ठंडक निकलती है. इसी तरह से मान्यता है कि लोहड़ी की अग्नि से ठंड चली जाती है. लोक में यह बातें प्रचलित हैं, लेकिन त्योहार नई ऋतु के आगमन की सूचना देते हैं.

-साधना लमगोरा, ज्योतिषी

Last Updated : Nov 9, 2020, 8:23 AM IST
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