ETV Bharat / state

नोएडा की तरह यूपी के उपभोक्ताओं को और सस्ती बिजली देने की मांग

नोएडा की तरह यूपी के अन्य शहरों के उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने की मांग उठी है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

Etv bharat
नोएडा की तरह यूपी के उपभोक्ताओं को और सस्ती बिजली देने की मांग
author img

By

Published : Jul 24, 2022, 7:53 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की तरफ से उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों के लिए बिजली दर जारी किए जाने के बाद सितंबर के बिल में उपभोक्ताओं को घटी हुई बिजली दर का बिल समझ में आएगा. बिजली विभाग के जानकारों की मानें तो सोमवार को पावर कारपोरेशन की तरफ से नई बिजली दरों का टैरिफ जारी कर दिया जाएगा. एक सप्ताह के अंदर यह लागू भी हो जाएगा. बिजली दरों को घटाए जाने के बाद उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने रविवार को आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को धन्यवाद दिया. साथ ही उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से मुलाकात कर उनका भी आभार व्यक्त किया. उन्होंने यह भी कहा है कि नोएडा की तरह अन्य बिजली कंपनियों को भी उत्तर प्रदेश के लोगों को और भी सस्ती बिजली उपलब्ध करानी होगी. इसे लेकर लड़ाई जारी रहेगी.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली दर घोषित होने के बाद टैरिफ का अध्ययन किया. कहा कि बिजली कंपनियों पर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का लगभग 25,133 करोड़ सरप्लस निकल रहा है. इस धनराशि के एवज में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों को कमी कराने को लेकर उपभोक्ता परिषद अपनी रणनीति बनाएगा.

उनका कहना है कि बिजली कंपनियों ने बिजली दरों में कमी को रोकने के लिए आयोग में शपथ पत्र दाखिल किया है. इसमें कहा है कि उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों में कमी के लिए 22,045 करोड़ के एवज में जो अगले पांच वर्षों तक सात प्रतिशत कमी किए जाने के लिए आयोग में याचिका दाखिल की है, अपीलेट ट्रिब्यूनल में इसे लेकर बाद दाखिल किया गया है. ऐसे में अभी उपभोक्ता परिषद की दरों में कमी के मुद्दे पर विचार ना किया जाए.

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि बिजली कंपनियों का यह वक्तव्य संवैधानिक परिपाटी के खिलाफ है. किसी भी न्यायालय में केवल मुकदमा दाखिल करने से किसी भी कार्रवाई पर रोक नहीं लगती. अब जब नोएडा पावर कंपनी के मामले में सरप्लस निकले धनराशि के एवज में बिजली दरों में 10 प्रतिशत की कमी आयोग ने की है. ऐसे में आयोग को प्रदेश की पांच बिजली कंपनियों के लिए भी बिजली दरों में कमी का आदेश जारी करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो ये लगेगा कि आयोग ने उपभोक्ताओं के साथ बिजली दरों के कमी के मामले में न्याय नहीं किया.

उन्होंने कहा है कि उपभोक्ता परिषद ने पूरी तैयारी कर ली है. इस बार उत्तर प्रदेश सरकार से भी साथ मांगा जाएगा जिससे बिजली दरों में कमी का रास्ता साफ हो सके. बिजली दरों में कमी के मुद्दे पर उपभोक्ता परिषद अगले सप्ताह अपनी रणनीति का खुलासा करेगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की तरफ से उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों के लिए बिजली दर जारी किए जाने के बाद सितंबर के बिल में उपभोक्ताओं को घटी हुई बिजली दर का बिल समझ में आएगा. बिजली विभाग के जानकारों की मानें तो सोमवार को पावर कारपोरेशन की तरफ से नई बिजली दरों का टैरिफ जारी कर दिया जाएगा. एक सप्ताह के अंदर यह लागू भी हो जाएगा. बिजली दरों को घटाए जाने के बाद उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने रविवार को आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को धन्यवाद दिया. साथ ही उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से मुलाकात कर उनका भी आभार व्यक्त किया. उन्होंने यह भी कहा है कि नोएडा की तरह अन्य बिजली कंपनियों को भी उत्तर प्रदेश के लोगों को और भी सस्ती बिजली उपलब्ध करानी होगी. इसे लेकर लड़ाई जारी रहेगी.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली दर घोषित होने के बाद टैरिफ का अध्ययन किया. कहा कि बिजली कंपनियों पर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का लगभग 25,133 करोड़ सरप्लस निकल रहा है. इस धनराशि के एवज में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों को कमी कराने को लेकर उपभोक्ता परिषद अपनी रणनीति बनाएगा.

उनका कहना है कि बिजली कंपनियों ने बिजली दरों में कमी को रोकने के लिए आयोग में शपथ पत्र दाखिल किया है. इसमें कहा है कि उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों में कमी के लिए 22,045 करोड़ के एवज में जो अगले पांच वर्षों तक सात प्रतिशत कमी किए जाने के लिए आयोग में याचिका दाखिल की है, अपीलेट ट्रिब्यूनल में इसे लेकर बाद दाखिल किया गया है. ऐसे में अभी उपभोक्ता परिषद की दरों में कमी के मुद्दे पर विचार ना किया जाए.

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि बिजली कंपनियों का यह वक्तव्य संवैधानिक परिपाटी के खिलाफ है. किसी भी न्यायालय में केवल मुकदमा दाखिल करने से किसी भी कार्रवाई पर रोक नहीं लगती. अब जब नोएडा पावर कंपनी के मामले में सरप्लस निकले धनराशि के एवज में बिजली दरों में 10 प्रतिशत की कमी आयोग ने की है. ऐसे में आयोग को प्रदेश की पांच बिजली कंपनियों के लिए भी बिजली दरों में कमी का आदेश जारी करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो ये लगेगा कि आयोग ने उपभोक्ताओं के साथ बिजली दरों के कमी के मामले में न्याय नहीं किया.

उन्होंने कहा है कि उपभोक्ता परिषद ने पूरी तैयारी कर ली है. इस बार उत्तर प्रदेश सरकार से भी साथ मांगा जाएगा जिससे बिजली दरों में कमी का रास्ता साफ हो सके. बिजली दरों में कमी के मुद्दे पर उपभोक्ता परिषद अगले सप्ताह अपनी रणनीति का खुलासा करेगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.