लखनऊ: डीएलएड, बीटीसी, शिक्षामित्र, बीएड जैसे पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर बेरोजगार घूम रहे युवकों की ओर से अब नई शिक्षक भर्ती शुरू किए जाने की मांग उठाई जा रही है. इनका दावा है कि उत्तर प्रदेश में सरकारी, प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में करीब 51 हजार पद खाली पड़े हैं. सरकार जल्द से जल्द इन पर विज्ञापन जारी कर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करे. इन युवकों की ओर से बुधवार को शिक्षा निदेशालय पर धरना भी दिया गया.
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छलका युवकों का दर्द
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था कि प्राथमिक शिक्षकों के 51 हजार से अधिक पद रिक्त हैं. उन पर जल्द ही भर्ती की जाएगी. शिक्षा मित्रों को एक और मौका दिया जाएगा. उनका कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग में पिछले 2 वर्षों से कोई नई भर्ती नहीं हुई है, जो 68500 और 69000 शिक्षकों की भर्ती हुई है, वह सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द होने की वजह से हुई है. आरटीआई से प्राप्त डाटा के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में अब भी डेढ़ लाख से ज्यादा पद खाली हैं.
बेरोजगार भटक रहे लोग
युवा बेरोजगार मंच के संस्थापक राकेश पाण्डेय उर्फ बंटी पाण्डेय का कहना है कि अब प्रदेश के अंदर लगभग 25 लाख प्रशिक्षु डीएलएड, बीटीसी, शिक्षामित्र, बीएड बेरोजगार हैं, जिन्हें प्रशिक्षण पूर्ण होते हुए भी रोजगार की तलाश है. सरकार जल्द से जल्द 97 हजार पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी करे, नहीं तो प्रदेश के लगभग 10 लाख से ज्यादा प्रशिक्षु सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होंगे. अगर सरकार हमारी मांग पूरी नहीं करती है, तो बहुत बड़े स्तर पर आंदोलन होगा. सरकार जल्द से जल्द 1 लाख पदों पर विज्ञापन जारी करे. वरना इसका असर सड़कों पर दिखाई देगा. लखनऊ धरने में राकेश पाण्डेय, आकाश द्विवेदी, शिवम श्रीवास्तव, सचिन यादव, नायाब रिजवी आदि के साथ बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे.