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लखनऊ: कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था के नुकसान के आकलन के लिए कमीशन बनाने की मांग

कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था के नुकसान के आकलन के लिए कमीशन बनाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जनहित याचिका दाखिल की गई. कोर्ट ने याचिका की पोषणीयता पर बहस के लिए 4 मई की तिथि नियत की है.

लखनऊ हाईकोर्ट.
लखनऊ हाईकोर्ट.
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Published : Apr 28, 2020, 8:08 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कोविड-19 के कारण देश के हालात व लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के आकलन के लिए एक कमीशन का गठन किए जाने का आदेश केंद्र व राज्य सरकार को दिये जाने की मांग की गई है.

कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोविड-19 का प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि अभी यह जारी है. ऐसे में इस सम्बंध में अभी कोई आदेश पारित करना उचित नहीं प्रतीत होता है. कोर्ट ने याचिका की पोषणीयता पर बहस के लिए 4 मई की तिथि नियत की है.

ये भी पढ़ें- मास्क की घुटन को दूर करेगा यह डीकन्जेस्टेंट इनहेलर, जानिए कैसे!

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल व न्यायमूर्ति करूणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने अधिवक्ता शिवजी शुक्ला की ओर से दाखिल याचिका पर दिया. उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में अति आवश्यक मुकदमों की ही सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है. वर्तमान याचिका को भी अति आवश्यक बताते हुए दाखिल किया गया व शीघ्र सुनवाई की मांग की गई.

वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के दौरान याची की ओर से कोई पेश नहीं हुआ. दूसरी तरफ केंद्र सरकार की ओर से पेश असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय ने कोर्ट को बताया कि उन्हें याचिका की पूरी प्रति नहीं मिली है. इस पर कोर्ट ने याची पक्ष को याचिका की पूरी प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. मामले की अग्रिम सुनवाई 4 मई को होगी.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कोविड-19 के कारण देश के हालात व लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के आकलन के लिए एक कमीशन का गठन किए जाने का आदेश केंद्र व राज्य सरकार को दिये जाने की मांग की गई है.

कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोविड-19 का प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि अभी यह जारी है. ऐसे में इस सम्बंध में अभी कोई आदेश पारित करना उचित नहीं प्रतीत होता है. कोर्ट ने याचिका की पोषणीयता पर बहस के लिए 4 मई की तिथि नियत की है.

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यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल व न्यायमूर्ति करूणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने अधिवक्ता शिवजी शुक्ला की ओर से दाखिल याचिका पर दिया. उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में अति आवश्यक मुकदमों की ही सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है. वर्तमान याचिका को भी अति आवश्यक बताते हुए दाखिल किया गया व शीघ्र सुनवाई की मांग की गई.

वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के दौरान याची की ओर से कोई पेश नहीं हुआ. दूसरी तरफ केंद्र सरकार की ओर से पेश असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय ने कोर्ट को बताया कि उन्हें याचिका की पूरी प्रति नहीं मिली है. इस पर कोर्ट ने याची पक्ष को याचिका की पूरी प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. मामले की अग्रिम सुनवाई 4 मई को होगी.

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