लखनऊ : पुरानी पेंशन बहाली के साथ अन्य कई मांगों को लेकर महाविद्यालय के शिक्षकों ने गुरुवार को काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन लखनऊ विश्वविद्यालय संयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ (LUACTA) के नेतृत्व में किया गया.
इसमें लखनऊ समेत चार जिलों के महाविद्यालयों के शिक्षक शामिल हुए. लखनऊ के जय नारायण मिश्रा पीजी कॉलेज में सुबह 11 बजे सभी शिक्षक इकट्ठा हुए जिसके बाद काला फीता बांधकर विरोध दर्ज कराया.
बता दें कि शिक्षकों की पुरानी पेंशन बहाली की मुख्य मांग के साथ प्रोफेसर पद नाम के शासनादेश में संशोधन और अधिवर्षता आयु 65 वर्ष सहित कई मांगें हैं. इस आंदोलन में लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, रायबरेली व लखीमपुर खीरी के महाविद्यालयों के शिक्षक शामिल हुए.
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शिक्षकों के मुताबिक यह आंदोलन कई दिनों तक जारी रहेगा. साथ ही मांगों को लेकर सरकार की तरफ से सकारात्मक कदम न उठाए जाने पर कार्य बहिष्कार भी किया जाएगा. प्रदर्शन को लेकर संगठन अध्यक्ष मनोज पांडे व महामंत्री डॉ. अंशु केडिया का कहना है कि शिक्षकों की मांगों को लेकर 11 दिसंबर तक काला फीता बांधकर विरोध किया जाएगा. इसके बाद 13, 14 व 15 दिसंबर को काले फीते बांधकर अध्यापन कार्य किया जाएगा.
साथ ही छात्रों के जाने के बाद शिक्षक महाविद्यालय में सामूहिक रूप से 30 मिनट तक धरने पर बैठेंगे. कहा कि यदि सरकार ने मांगों को लेकर सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो संगठन की तरफ से आगामी परीक्षाओं के बहिष्कार का निर्णय लिया जा सकता है. इसमें इंटरनल परीक्षा के साथ असाइनमेंट अपलोड करने का भी बहिष्कार शामिल होगा.
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संगठन नेताओं के मुताबिक उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के शिक्षक लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इससे शिक्षकों में घोर निराशा है. बीते 5 अक्टूबर को प्रदेश के सभी शिक्षकों ने सामूहिक अवकाश पर रहते हुए अपने विश्वविद्यालय मुख्यालय पर धरना दिया.
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कुलपति के माध्यम से ज्ञापन भी सौंपा गया था लेकिन शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण नहीं किया गया है. बताया कि एक नवंबर को प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के लिए विसंगतिपूर्ण शासनादेश निर्गत कर दिया गया. शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण नहीं होने के कारण संगठन कार्यकारणी की 3 दिसंबर 2021 को बैठक की गई. इसके बाद आंदोलन का निर्णय लिया गया.
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