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बजट पास होने के बाद भी क्यों नहीं बन रहा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, राजनाथ सिंह का है ड्रीम प्रोजेक्ट

लखनऊ से सांसद और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ड्रीम प्रोजेक्टों पर सरकारीकरण का ग्रहण लग रहा है. गौरतलब है कि 3 साल पहले जिस लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की नींव रखी गई थी. उसका बजट पास हो जाने के बावजूद अब तक वहां एक ईंट भी नहीं रखी गई है. वहीं, पिछले 6 साल में आउटर रिंग रोड भी पूरा नहीं हो सका है.

लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे.
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे.
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Published : Sep 2, 2022, 1:44 PM IST

लखनऊ: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जो भी ड्रीम प्रोजेक्ट हैं. उनमें से बड़ी परियोजनाओं पर सरकारीकरण का ग्रहण लगा हुआ है. पिछले 6 साल में आउटर रिंग रोड पूरा नहीं हो सका है. जबकि 3 साल पहले जिस लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की नींव रखी गई थी. उसका बजट पास हो जाने के बावजूद आज तक एक भी ईंट नहीं रखी गई है.

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री से लेकर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री तक 35 मिनट में कानपुर तक पहुंचाने का दावा इस एक्सप्रेस-वे के जरिए कर रहे थे. अब कहा जा रहा है कि अक्टूबर-नवंबर में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू हो सकता है मगर ऐसे दावे और वादे पहले भी किए जा चुके हैं.

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे में लखनऊ से उन्नाव तक कानपुर की सीमा पर जहां ट्रांस गंगा सिटी शुरू होती है. कुल 63 गांवों की भूमि अर्जित की गई. इसकी लंबाई भी लगभग 64 किलोमीटर है. जिस पर सिक्स लेन निर्माण का यह एक्सप्रेसवे बनेगा. इस एक्सप्रेस वे लखनऊ-कानपुर की दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी हो जाएगी. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का या ड्रीम प्रोजेक्ट है. जिसको लेकर पिछले दिनों केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बजट की घोषणा की थी. इसकी शुरुआत में 2 हजार करोड़ रुपए दे दिए गए हैं. एनएचएआई ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दिया है. कंपनियां लगभग फाइनल हो चुकी है. अक्टूबर से यह काम शुरू होने की बात कही जा रही है.

दावा है कि इसके अलावा केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि कानपुर से गाजियाबाद के बीच बनने वाला एक और एक्सप्रेसवे जो कि लगभग 350 किलोमीटर का होगा. उसका निर्माण भी इस एक्सप्रेस वे के साथ शुरू होगा. 3 साल में वह पूरा हो जाएगा. लगभग 20,000 करोड़ रुपये का खर्च का अनुमान कानपुर गाजियाबाद एक्सप्रेस वे पर होगा. यह एक्सप्रेसवे कानपुर के लिए खास होगा. क्योंकि अभी तक आगरा एक्सप्रेस वे का लाभ कानपुर को नहीं मिल पा रहा है. आगरा एक्सप्रेसवे कानपुर से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है. इस वजह से कानपुर के लोगों को दिल्ली जाने के लिए पुराने रास्ते का ही इस्तेमाल करना पड़ता है. जिसमें उनको काफी वक्त लगता है.

मगर यह सारे दावे पिछले 3 साल से किए जा रहे हैं वास्तविकता यह है कि इस एक्सप्रेस-वे की 1 ईंट भी अब तक नहीं रखी गई है. जिसकी वजह से लखनऊ और कानपुर के बीच का सफर अभी भी 3 घंटे का है. दावा किया जा रहा है कि इसको 35 से 45 मिनट में खत्म किया जाएगा. जाम से लोग इस सड़क पर खासा परेशान रहते हैं. वहीं, अच्छा खासा टोल देने के बावजूद लोगों को राहत नहीं मिल रही है. रक्षा मंत्री के लखनऊ प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि अक्टूबर में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण हर हाल में शुरू कर दिया जाएगा और 2 से ढाई साल में इसे पूरा कर लिया जाएगा.

इसे भी पढे़ं- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व CM कल्याण सिंह की प्रतिमा का किया अनावरण

लखनऊ: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जो भी ड्रीम प्रोजेक्ट हैं. उनमें से बड़ी परियोजनाओं पर सरकारीकरण का ग्रहण लगा हुआ है. पिछले 6 साल में आउटर रिंग रोड पूरा नहीं हो सका है. जबकि 3 साल पहले जिस लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की नींव रखी गई थी. उसका बजट पास हो जाने के बावजूद आज तक एक भी ईंट नहीं रखी गई है.

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री से लेकर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री तक 35 मिनट में कानपुर तक पहुंचाने का दावा इस एक्सप्रेस-वे के जरिए कर रहे थे. अब कहा जा रहा है कि अक्टूबर-नवंबर में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू हो सकता है मगर ऐसे दावे और वादे पहले भी किए जा चुके हैं.

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे में लखनऊ से उन्नाव तक कानपुर की सीमा पर जहां ट्रांस गंगा सिटी शुरू होती है. कुल 63 गांवों की भूमि अर्जित की गई. इसकी लंबाई भी लगभग 64 किलोमीटर है. जिस पर सिक्स लेन निर्माण का यह एक्सप्रेसवे बनेगा. इस एक्सप्रेस वे लखनऊ-कानपुर की दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी हो जाएगी. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का या ड्रीम प्रोजेक्ट है. जिसको लेकर पिछले दिनों केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बजट की घोषणा की थी. इसकी शुरुआत में 2 हजार करोड़ रुपए दे दिए गए हैं. एनएचएआई ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दिया है. कंपनियां लगभग फाइनल हो चुकी है. अक्टूबर से यह काम शुरू होने की बात कही जा रही है.

दावा है कि इसके अलावा केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि कानपुर से गाजियाबाद के बीच बनने वाला एक और एक्सप्रेसवे जो कि लगभग 350 किलोमीटर का होगा. उसका निर्माण भी इस एक्सप्रेस वे के साथ शुरू होगा. 3 साल में वह पूरा हो जाएगा. लगभग 20,000 करोड़ रुपये का खर्च का अनुमान कानपुर गाजियाबाद एक्सप्रेस वे पर होगा. यह एक्सप्रेसवे कानपुर के लिए खास होगा. क्योंकि अभी तक आगरा एक्सप्रेस वे का लाभ कानपुर को नहीं मिल पा रहा है. आगरा एक्सप्रेसवे कानपुर से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है. इस वजह से कानपुर के लोगों को दिल्ली जाने के लिए पुराने रास्ते का ही इस्तेमाल करना पड़ता है. जिसमें उनको काफी वक्त लगता है.

मगर यह सारे दावे पिछले 3 साल से किए जा रहे हैं वास्तविकता यह है कि इस एक्सप्रेस-वे की 1 ईंट भी अब तक नहीं रखी गई है. जिसकी वजह से लखनऊ और कानपुर के बीच का सफर अभी भी 3 घंटे का है. दावा किया जा रहा है कि इसको 35 से 45 मिनट में खत्म किया जाएगा. जाम से लोग इस सड़क पर खासा परेशान रहते हैं. वहीं, अच्छा खासा टोल देने के बावजूद लोगों को राहत नहीं मिल रही है. रक्षा मंत्री के लखनऊ प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि अक्टूबर में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण हर हाल में शुरू कर दिया जाएगा और 2 से ढाई साल में इसे पूरा कर लिया जाएगा.

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