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राजधानी में घटा कोरोना का प्रकोप

राजधानी लखनऊ में कोरोना मरीजों की संख्या कम होने के चलते अस्पतालों में तमाम बेड खाली हैं. ऐसे में अस्पताल के पास 24 घंटे का बैकअप मौजूद है.

लखनऊ में ऑक्सीजन प्लांट
लखनऊ में ऑक्सीजन प्लांट
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Published : May 14, 2021, 1:48 AM IST

लखनऊ: राजधानी में धीरे-धीरे कोरोना मरीज कम होने लगे हैं. जिससे अस्पतालों में तमाम बेड खाली हैं. ऐसे में ऑक्सीजन की खपत घट गई है. लिहाजा, अस्पतालों का ऑक्सीजन स्टॉक मेनटेन हो गया है.

अस्पताल में 200 से 250 सिलेंडर में चल रहा है काम
लोकबंधु अस्पताल में दो सप्ताह पहले तक करीब 190 से अधिक मरीज भर्ती थे. हर रोज करीब 400 से 500 सिलेंडर की खपत होती थी. अस्पताल को दो से ढाई सौ सिलेंडर मुश्किल से मिल पा रहे थे. मरीजों की तादाद घटने पर अब यहां पर महज 120-150 जंबों सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है. बलरामपुर अस्पताल के 300 बेड पर मरीजों की भर्ती के लिए ऑक्सीजन का संकट था. ऐसे में यहां पर पहले मरीजों की भर्ती तक प्रभावित थी. मरीज अधिक होने पर यहां 400 से 500 सिलेंडर की जरूरत पड़ रही थी. अब अस्पताल में हर रोज 200 से 250 सिलेंडर में काम चल रहा है.

अस्पताल के निदेशक डाॅ. संतोष ने बताया कि अस्पताल के पास 24 घंटे का बैकअप भी मौजूद है. इसी तरह एरा मेडिकल काॅलेज में पहले 11 टन ऑक्सीजन की जरूरत थी. अब यह घटकर महज 4 से 5 टन पर आ गई है. अस्पताल के प्रधानाचार्य डॉ. एमएम फरीदी ने बताया कि अस्पताल में अभी भी 200 मरीज भर्ती हैं. उन्होंने बताया ऑक्सीजन बैकअप अब बढ़कर 24 घंटे हो चुका है. इंटीग्रल में अभी 45 मरीज भर्ती हैं. इसमें अधिकतर मरीज आईसीयू में भर्ती हैं. संस्थान में अब 150 सिलेंडर की खपत हो रही है, जबकि पहले 300 से अधिक सिलेंडर की खपत थी. उन्होंने बताया कि अस्पतालों में 24 घंटे का बैकअप मेनटेन हो गया है और इसे 36 घंटे का बनाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- गंगा में लाश मामला : मानवाधिकार आयोग ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और बिहार को नोटिस जारी किया

लखनऊ: राजधानी में धीरे-धीरे कोरोना मरीज कम होने लगे हैं. जिससे अस्पतालों में तमाम बेड खाली हैं. ऐसे में ऑक्सीजन की खपत घट गई है. लिहाजा, अस्पतालों का ऑक्सीजन स्टॉक मेनटेन हो गया है.

अस्पताल में 200 से 250 सिलेंडर में चल रहा है काम
लोकबंधु अस्पताल में दो सप्ताह पहले तक करीब 190 से अधिक मरीज भर्ती थे. हर रोज करीब 400 से 500 सिलेंडर की खपत होती थी. अस्पताल को दो से ढाई सौ सिलेंडर मुश्किल से मिल पा रहे थे. मरीजों की तादाद घटने पर अब यहां पर महज 120-150 जंबों सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है. बलरामपुर अस्पताल के 300 बेड पर मरीजों की भर्ती के लिए ऑक्सीजन का संकट था. ऐसे में यहां पर पहले मरीजों की भर्ती तक प्रभावित थी. मरीज अधिक होने पर यहां 400 से 500 सिलेंडर की जरूरत पड़ रही थी. अब अस्पताल में हर रोज 200 से 250 सिलेंडर में काम चल रहा है.

अस्पताल के निदेशक डाॅ. संतोष ने बताया कि अस्पताल के पास 24 घंटे का बैकअप भी मौजूद है. इसी तरह एरा मेडिकल काॅलेज में पहले 11 टन ऑक्सीजन की जरूरत थी. अब यह घटकर महज 4 से 5 टन पर आ गई है. अस्पताल के प्रधानाचार्य डॉ. एमएम फरीदी ने बताया कि अस्पताल में अभी भी 200 मरीज भर्ती हैं. उन्होंने बताया ऑक्सीजन बैकअप अब बढ़कर 24 घंटे हो चुका है. इंटीग्रल में अभी 45 मरीज भर्ती हैं. इसमें अधिकतर मरीज आईसीयू में भर्ती हैं. संस्थान में अब 150 सिलेंडर की खपत हो रही है, जबकि पहले 300 से अधिक सिलेंडर की खपत थी. उन्होंने बताया कि अस्पतालों में 24 घंटे का बैकअप मेनटेन हो गया है और इसे 36 घंटे का बनाया जाएगा.

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