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राजधानी में कोविड के मरीजों की संख्या न के बराबर, अब लखनऊ के डॉक्टर कह रहे हैं ये बड़ी बात

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Published : May 9, 2023, 2:10 PM IST

राजधानी में अब कोविड महामारी के मरीज लगभग न के बराबर है. अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमण के मरीज अब नहीं आ रहे हैं. कोविड मरीजों की घटती संख्या को लेकर लखनऊ के डॉक्टर क्या कह रहे हैं, आइए जानते हैं.

Corona in UP
Corona in UP

लखनऊ: राजधानी में कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या में कमी आई है. लखनऊ जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में अब कोरोना संक्रमण मरीज नहीं दिख रहे हैं. लेकिन फिर भी अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज कोविड के गाइडलाइन का पालन करते हुए नजर आ रहे है. हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने एक बयान जारी कर कहा था कि कोविड अब वैश्विक महामारी नहीं है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में कोरोना खत्म हो गया है. हालांकि कोविड से अब घबराने वाली स्थिति नहीं है. लेकिन, इस बार में क्या राजधानी के अस्पतालों के डॉक्टरों का क्या कहना है आइए जानते है.

  • कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल समाप्त हो गया है हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में कोविड-19 खत्म हो गया है: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)#COVID19 pic.twitter.com/oCum3EqMMO

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) May 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि मौजूदा समय में कोरोना को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है. क्योंकि यह पूरी तरह से अब समाप्त हो चुका है. इसके अलावा कोरोना से बचाव करना अब हमारी आदत में है. संक्रमण का खतरा अब नहीं है. लेकिन, फिर भी लोग जागरूक हैं. मुंह पर मास्क लगाना, भीड़ से अलग हटके चलना लोगों की आदत में शुमार हो गया है. अस्पताल में लगभग 2 हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. इमरजेंसी में भी वायरल से पीड़ित मरीज अब नहीं आ रहे हैं.

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि अस्पताल में इस समय कोविड से संक्रमित मरीजों की संख्या बिल्कुल भी नहीं है. इस समय जो मरीज आ रहे हैं. उन्हें अलग-अलग तरह की समस्या है. किसी को पेट में इंफेक्शन है, किसी की किडनी खराब है, किसी के लीवर में समस्या है या फिर किसी को अस्थमा की बीमारी है. अब नेत्र विभाग, त्वचा रोग विभाग और कार्डियोलॉजी विभाग के अलावा अन्य विभागों में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस वक्त कोरोना का संक्रमण अधिक था. उस समय सबसे ज्यादा जनरल फिजीशियन और चेस्ट फिजिशियन की ओपीडी में भीड़ होती थी. लेकिन, इस समय इन विभागों में सामान्य मरीज आ रहे हैं. जिन्हें अलग-अलग तरह की बीमारी हैं.

उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल हजरतगंज में है. प्रदेशभर से मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं. इसके अलावा लोकल के मरीज भी आते हैं. इसलिए मरीजों की संख्या जितनी पहले थी. उतनी अभी है. उसमें कोई खास अंतर नहीं आया हैं. इस समय रोजाना नए पुराने सभी मरीजों को जोड़कर 2-3 हजार मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.

लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने कहा कि अस्पताल में एक महीना पहले कोविड-19 को लेकर तैयारियां की गई थीं. अस्पताल में 12 बेड भी इन मरीजों के लिए आरक्षित किए गए थे. फिलहाल इस समय अस्पताल में एक भी कोविड का गंभीर मरीज नहीं आ रहा है. लोकबंधु अस्पताल में आलमबाग, आशियाना, सरोजनी नगर, बंथरा, हरौनी, बंगला बाजार, कृष्णानगर और अमौसी इत्यादि क्षेत्र के लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं.

उन्होंने बताया कि इस समय अस्पताल में सबसे ज्यादा चलने वाली ओपीडी महिला रोग विभाग की है. अस्पताल की बाकी ओपीडी भी काफी चलती है. इस समय फिजिशियन की ओपीडी में भी अलग-अलग बीमारी से पीड़ित मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. जिन मरीजों की कोविड जांच होती है. उसमें से ज्यादातर मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. कोरोना अब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. इसके लिए जरूरी है कि हमेशा लोग ऐतिहात बरतें. मास्क लगाना. लोगों से दूर रहना. अब हर किसी की आदत में हो गया है.

ये भी पढ़ेंः महिला की मौत पर अस्पताल को किया गया सील, पीड़िता के परिजनों ने किया था हंगामा

लखनऊ: राजधानी में कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या में कमी आई है. लखनऊ जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में अब कोरोना संक्रमण मरीज नहीं दिख रहे हैं. लेकिन फिर भी अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज कोविड के गाइडलाइन का पालन करते हुए नजर आ रहे है. हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने एक बयान जारी कर कहा था कि कोविड अब वैश्विक महामारी नहीं है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में कोरोना खत्म हो गया है. हालांकि कोविड से अब घबराने वाली स्थिति नहीं है. लेकिन, इस बार में क्या राजधानी के अस्पतालों के डॉक्टरों का क्या कहना है आइए जानते है.

  • कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल समाप्त हो गया है हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में कोविड-19 खत्म हो गया है: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)#COVID19 pic.twitter.com/oCum3EqMMO

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) May 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि मौजूदा समय में कोरोना को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है. क्योंकि यह पूरी तरह से अब समाप्त हो चुका है. इसके अलावा कोरोना से बचाव करना अब हमारी आदत में है. संक्रमण का खतरा अब नहीं है. लेकिन, फिर भी लोग जागरूक हैं. मुंह पर मास्क लगाना, भीड़ से अलग हटके चलना लोगों की आदत में शुमार हो गया है. अस्पताल में लगभग 2 हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. इमरजेंसी में भी वायरल से पीड़ित मरीज अब नहीं आ रहे हैं.

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि अस्पताल में इस समय कोविड से संक्रमित मरीजों की संख्या बिल्कुल भी नहीं है. इस समय जो मरीज आ रहे हैं. उन्हें अलग-अलग तरह की समस्या है. किसी को पेट में इंफेक्शन है, किसी की किडनी खराब है, किसी के लीवर में समस्या है या फिर किसी को अस्थमा की बीमारी है. अब नेत्र विभाग, त्वचा रोग विभाग और कार्डियोलॉजी विभाग के अलावा अन्य विभागों में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस वक्त कोरोना का संक्रमण अधिक था. उस समय सबसे ज्यादा जनरल फिजीशियन और चेस्ट फिजिशियन की ओपीडी में भीड़ होती थी. लेकिन, इस समय इन विभागों में सामान्य मरीज आ रहे हैं. जिन्हें अलग-अलग तरह की बीमारी हैं.

उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल हजरतगंज में है. प्रदेशभर से मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं. इसके अलावा लोकल के मरीज भी आते हैं. इसलिए मरीजों की संख्या जितनी पहले थी. उतनी अभी है. उसमें कोई खास अंतर नहीं आया हैं. इस समय रोजाना नए पुराने सभी मरीजों को जोड़कर 2-3 हजार मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं.

लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने कहा कि अस्पताल में एक महीना पहले कोविड-19 को लेकर तैयारियां की गई थीं. अस्पताल में 12 बेड भी इन मरीजों के लिए आरक्षित किए गए थे. फिलहाल इस समय अस्पताल में एक भी कोविड का गंभीर मरीज नहीं आ रहा है. लोकबंधु अस्पताल में आलमबाग, आशियाना, सरोजनी नगर, बंथरा, हरौनी, बंगला बाजार, कृष्णानगर और अमौसी इत्यादि क्षेत्र के लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं.

उन्होंने बताया कि इस समय अस्पताल में सबसे ज्यादा चलने वाली ओपीडी महिला रोग विभाग की है. अस्पताल की बाकी ओपीडी भी काफी चलती है. इस समय फिजिशियन की ओपीडी में भी अलग-अलग बीमारी से पीड़ित मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. जिन मरीजों की कोविड जांच होती है. उसमें से ज्यादातर मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. कोरोना अब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. इसके लिए जरूरी है कि हमेशा लोग ऐतिहात बरतें. मास्क लगाना. लोगों से दूर रहना. अब हर किसी की आदत में हो गया है.

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