लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट के सामने दुराचार पीड़िता और उसके गवाह द्वारा आत्महत्या किए जाने के आरोप में घोसी से बसपा सांसद अतुल राय की जमानत अर्जी पर एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है. बहस के दौरान अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद शर्मा ने कहा कि एसआइटी जांच की रिपोर्ट आने के बाद गत 27 अगस्त 2021 को हजरतगंज थाने में एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
रेप पीड़िता ने आरोप लगाया है कि रेप के आरोपी सांसद अतुल राय को बचाने के लिए पैसा लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अपराधिक षड्यंत्र रचा था जबकि 27 अगस्त 2021 को इस मामले की एफआईआर वरिष्ठ उप निरीक्षक दयाशंकर द्विवेदी ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. इस एफआईआर में अतुल राय और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को नामजद किया गया था.
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गौरतलब है कि सांसद अतुल राय मौजूदा समय में प्रयागराज की नैनी जेल में बंद है. इस मामले में उन्हें 29 अक्टूबर 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये न्यायिक हिरासत में लिया गया था जबकि दूसरे अभियुक्त अमिताभ ठाकुर को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से 14 मार्च को जमानत मिल चुकी है. अमिताभ ठाकुर की ओर से न्यायालय के समक्ष दलील दी गई कि पीड़िता ने बसपा सांसद अतुल राय पर दुराचार के आरोप लगाए थे. इसे लेकर पुलिस की जांच में सामने आया कि पीड़िता का साथी जेल में बंद अंगद राय नाम के व्यक्ति से दस हजार से ज्यादा बार बात कर चुका था. उसके कहने पर ही अतुल राय को फंसाया गया था.
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