लखनऊ: यूपी में सभी खेल संघों को अब अपनी जिला इकाईयों का सही तरीक से गठन करना होगा. इसका फार्मूला ये बनाया गया है कि कुल जिलों के 75 फीसदी में जिला इकाई हो. इसके लिए सभी खेल संघों को तीन माह की डेडलाइन दी गई है. इस अवधि में जिला इकाईयों का गठन करने के साथ पदाधिकारियों के नाम, पते व मोबाइल नम्बर भी की सूची संबंधित जिले के विभागीय अधिकारी एवं खेल निदेशालय को भी भेजना होगा.
जो खेल संघ इस डेडलाइन को पूरा नहीं कर पाएंगे तो उनके खिलाफ एक्शन भी हो सकता है. यह डेडलाइन आज बीबीडी यूपी बैडमिंटन अकादमी में हुई राज्य के खेल संघों की खेल विभाग के दौरान हुई समन्वय बैठक के दौरान तय की गई. इस बैठक की अध्यक्षता यूपी की प्रमुख सचिव (खेल) कल्पना अवस्थी ने की.
इस बैठक में ये भी तय किया गया कि अब से राज्य खेल संघों के चुनावों में खेल निदेशालय का पर्यवेक्षक भी होना जरूरी होगा. सभी खेल संघों को सोसायटी एक्ट के तहत पंजीकरण कराना होगा और खामियों को भी दूर करना होगा. वहीं अपने चुने पदाधिकारियों का न सिर्फ डेटा ही खेल निदेशालय को देना होगा बल्कि सोसायटी में रजिस्ट्रेशन का प्रमाणपत्र व संघ का संविधान भी निदेशालय में जमा करना होगा.
बैठक में प्रमुख सचिव (खेल) कल्पना अवस्थी ने खेलो इंडिया एप के प्रमोशन की भी सलाह दी गई और राज्य खेल संघों को कहा कि अपने खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों का डेटा एप पर अपलोड कराएं. इस अवसर पर खेल निदेशक डॉ.आरपी सिंह ने बताया कि सभी खेल संघों को तीन माह के अंदर जिलों में 75 फीसदी जिला इकाईयों का गठन करना होगा. यूपी ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डॉ.आनन्देश्वर पाण्डेय ने राज्य के जिलों को चार जोन में बांटकर खेल सुविधाओं की सलाह दी.
उन्होंने यूपी में राज्य यूथ नेशनल गेम्स की मेजबानी भी कराने की मांग की ताकि खेल सुविधाओं का समुचित विकास कराया जा सके. इस अवसर पर खेल संघों ने भी मांग की कि जिन खिलाड़ियों ने एक ही प्रतियोगिता में दो या ज्यादा पदक जीते हों उन्हें उनके सभी मेडल के लिए पुरस्कार मिलें. इसके साथ ही मिनी, यूथ, कैडेट वर्ग के खिलाड़ियों को किट, कैम्प भी मंजूर करने की मांग के साथ ये भी मांग की गई कि जूनियर, सीनियर एशियन चैंपियनशिप के लिए पुरस्कार राशि भी बढ़े और खेल संघों का अनुदान भी बढ़ाया जाए. इस पर खेल निदेशक ने बताया कि खेल विभाग इस प्रपोजल पर विचार कर रहा है.