लखनऊ: राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर में मंगलवार सुबह एक युवक का शव रहस्यमई हालातों में मिलने से सनसनी फैल गई. घटना की जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख्त कराकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. स्थानीय लोग तो हत्या की आशंका जता रहे हैं, लेकिन पुलिस ने जांच की बात कही है. जानकारी के मुताबिक इंदिरानगर थाना क्षेत्र के मयूर विहार फेस वन में 28 वर्षीय अदीब का शव रहस्यमयी हालातों में मिला है. घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने पहले तो अदीब की शिनाख्त कराई फिर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस मामले में इंस्पेक्टर इंदिरानगर का कहना है कि बगैर पीएम रिपोर्ट के कुछ भी कहना संभव नही होगा. प्रथम दृष्टया कहा जा सकता है कि नशे की अधिकता की वजह से मौत हुई फिर भी हर बिंदु पर पड़ताल की जा रही है.
कौन है 28 वर्षीय अदीब
बात वर्ष 2013 की है जब एक चर्चित हत्याकांड ने तत्कालीन निरीक्षक व सर्विलांस प्रभारी संजय राय की वजह से सुर्खियों में आया और पुलिस महकमे में लखनऊ पुलिस के बड़े दागों में एक दाग लग गया. 29 मई 2013 को इंदिरानगर निवासी हुस्न बानो के घर में सभी अपने अपने काम मे लगे थे. हुस्नबानो का 14 वर्षीय भाई माज और कजिन भाई फैजान टीवी देख रहे थे. रात लगभग साढ़े दस बजे अचानक बाइक सवार तीन लोग घर पर आ धमके और 14 वर्षीय माज को ताबड़तोड़ गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में पहले हुस्न बानो ने अपने रिश्तेदारों को आरोपी बनाया था.
जांच में सामने आया था संजय का नाम
लखनऊ का चर्चित माज हत्याकांड बड़ा मुद्दा बन गया था. माज के हत्यारों के प्रति आक्रोश व्याप्त था और लोग इंसाफ के लिए मुहिम छेड़ रहे थे. इसी बीच जांच में तत्कालीन सर्विलांस प्रभारी संजय राय का नाम भी प्रकाश में आ गया. जिसके बाद काफी दिनों तक माज हत्याकांड का आरोपी संजय राय फरार चल रहा था और बाद में उसको सजा हो गई थी.
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मारने भेजा था अदीब को पर शूटर्स ने माज को था भूना
2013 माज हत्याकांड के पीछे जो सबसे बड़ी बात है वह यह है कि 29 मई 2013 को तत्कालीन सर्विलांस प्रभारी ने माज नहीं बल्कि हुस्न बानो के कजिन भाई अदीब को मारने के लिए शूटर्स भेजे थे. शूटर्स जब पहुंचे तो वहां माज और फैजान ही थे. शूटर्स ने ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए माज को ही मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में संजय समेत पांच लोगों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अपने फैसले में यह कहा था कि माज की बहन हुस्न बानो पर संजय राय की नजर थी और वह उससे प्रेम करने लगा था, लेकिन वह प्रेम में असफल रहा और इसीलिए उसने भाड़े के शूटर्स से इस हत्याकांड को अंजाम दिलवाया था.