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बेटा-बहू अस्पताल में भर्ती, आठ घंटे तक घर पर पड़ी रही बुजुर्ग महिला की लाश

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Published : Apr 27, 2021, 6:12 PM IST

राजधानी लखनऊ में एक बुजुर्ग महिला का शव ले जाने के मामले को हसनगंज थाने के सिपाहियों ने तीन घंटे तक उलझाए रखा. पुलिस कमिश्नर से शिकायत के बाद समाधान हुआ.

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लखनऊ: बेटा-बहू कोविड अस्पताल में भर्ती हैं और इसी बीच बुजुर्ग महिला ने बीमारी से दम तोड़ दिया. घर में दाह संस्कार करने वाला कोई नहीं था. इसके बाद सरकारी विभाग की खींचतान शुरू हुई. पुलिस ने मामले को उलझाए रखा. नतीजतन बुजुर्ग महिला का शव आठ घंटे से अधिक कमरे में पड़ा रहा.

ये है पूरा मामला
राजधानी लखनऊ के त्रिवेणी नगर द्वितीय निवासी माया सक्सेना (70) की मंगलवार सुबह करीब पांच बजे मौत हो गई. वह घर पर अकेली थीं. उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था. उनका बेटा विवेक व बहू अंजू कोविड अस्पताल में भर्ती हैं. इसमें बेटे की हालत गंभीर है. बहू ने सुबह करीब आठ बजे पड़ोसियों के नंबर पर काॅल करके मदद की गुहार लगाई. लोगों ने स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम से शव ले जाने की गुहार लगाई. दोपहर करीब 12 बजे शव वाहन स्वास्थ्य विभाग जरिए एलाॅट किया गया. स्वास्थ्यकर्मी बिना पुलिस की मौजूदगी के शव उठाने को राजी न हुए. स्थानीय निवासी पप्पू दीक्षित ने बताया कि कई दफा थाने पर संपर्क किया गया मगर पुलिस नहीं आई. दोपहर करीब एक बजे हसनगंज कोतवाली के सिपाही नीरज कुमार सरोज व नईम खान आए. दोनों सिपाहियों ने लाश को उठवाने में मदद करने की बजाए सीमा विवाद में मामला उलझा कर चले गए. इसे लेकर लोगों में आक्रोश फैल गया.

इसे भी पढ़ेंः KMC अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 9 मरीजों की मौत, मचा हड़कंप

कमिश्नर से शिकायत
लोगों ने मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर के नंबर पर काॅल करके दी. इसके बाद दोनों सिपाही डेढ घंटे बाद आए और दूर खड़े रहे. करीब तीन बजे बाद बुजुर्ग महिला का शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.

लखनऊ: बेटा-बहू कोविड अस्पताल में भर्ती हैं और इसी बीच बुजुर्ग महिला ने बीमारी से दम तोड़ दिया. घर में दाह संस्कार करने वाला कोई नहीं था. इसके बाद सरकारी विभाग की खींचतान शुरू हुई. पुलिस ने मामले को उलझाए रखा. नतीजतन बुजुर्ग महिला का शव आठ घंटे से अधिक कमरे में पड़ा रहा.

ये है पूरा मामला
राजधानी लखनऊ के त्रिवेणी नगर द्वितीय निवासी माया सक्सेना (70) की मंगलवार सुबह करीब पांच बजे मौत हो गई. वह घर पर अकेली थीं. उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था. उनका बेटा विवेक व बहू अंजू कोविड अस्पताल में भर्ती हैं. इसमें बेटे की हालत गंभीर है. बहू ने सुबह करीब आठ बजे पड़ोसियों के नंबर पर काॅल करके मदद की गुहार लगाई. लोगों ने स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम से शव ले जाने की गुहार लगाई. दोपहर करीब 12 बजे शव वाहन स्वास्थ्य विभाग जरिए एलाॅट किया गया. स्वास्थ्यकर्मी बिना पुलिस की मौजूदगी के शव उठाने को राजी न हुए. स्थानीय निवासी पप्पू दीक्षित ने बताया कि कई दफा थाने पर संपर्क किया गया मगर पुलिस नहीं आई. दोपहर करीब एक बजे हसनगंज कोतवाली के सिपाही नीरज कुमार सरोज व नईम खान आए. दोनों सिपाहियों ने लाश को उठवाने में मदद करने की बजाए सीमा विवाद में मामला उलझा कर चले गए. इसे लेकर लोगों में आक्रोश फैल गया.

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कमिश्नर से शिकायत
लोगों ने मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर के नंबर पर काॅल करके दी. इसके बाद दोनों सिपाही डेढ घंटे बाद आए और दूर खड़े रहे. करीब तीन बजे बाद बुजुर्ग महिला का शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.

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